Beawar: RTI कार्यकर्ताओं ने मनाया सूचना के अधिकार का स्थापना दिवस, किया जागरूक
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Beawar: RTI कार्यकर्ताओं ने मनाया सूचना के अधिकार का स्थापना दिवस, किया जागरूक

अजमेर जिले के ब्यावर में चांग गेट पर आरटीआई प्रणेता अरूणा राय के नेतृत्व में चले 40 दिन के धरने प्रर्दशन के बाद केन्द्र सरकार को आखिरकार झुकना ही पड़ा.  और सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को लागू करना पड़ा.

Beawar: RTI  कार्यकर्ताओं ने मनाया सूचना के अधिकार का स्थापना दिवस, किया जागरूक

 Beawar  News: अजमेर जिले के ब्यावर में चांग गेट पर आरटीआई प्रणेता अरूणा राय के नेतृत्व में चले 40 दिन के धरने प्रर्दशन के बाद केन्द्र सरकार को आखिरकार झुकना ही पड़ा.  और सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को लागू करना पड़ा.

इस कानून से आमजन को  सरकारी महकमें में हो रहे कामों की सूचना वक्त वक्त पर पा सकते है. इसकी वजह से कानून में पारदर्शीता आई. और यह जनता का एक अचूक हथियार बना. इस कानून के तहत कई भ्रष्टाचारियों के भ्रष्टाचार को उजागर कर उन्हें जेल के सलाखों के पीछे तक जाना पड़ा औरसरकारों का तख्ता पलट तक हो गया.

 देश के बड़े बड़े घोटालों का खुलासा भी इसी कानून की बदौलत ही हुआ. इस कानून के बनने से पूर्व के उन दिनों के संघर्ष की याद में भारत का एक मात्र आरटीआई स्मारक चांग गेट ब्यावर पर बनाया गया. जिसके चर्चे देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक हुए . जिसे देखने के लिए लोग दूर दूर आते है. उन दिनों की यादों को ताजा करने के लिए शहर के आरटीआई कार्यकर्ता बुधवार को चांग गेट स्थित आरटीआई स्मारक पर एकत्रित हुए. और उस दौरान के संघर्ष के साथी कार्यकर्ता भी उपस्थित रहें जिन्होंने पुराने संस्मरण साझा कर पुरानी यादों को ताजा किया.

 इस दौरान उपस्थित कार्यकर्ताओं ने हमारा पैसा, हमारा हिसाब मांगते नहीं किसी से भींख मांगते, हम अपना अधिकार मांगते सरीके नारे लगाये. साथ ही  कानून की जानकारी वाले पैम्पलेट को चांगगेट क्षेत्र से गुरने वाले लोगों का वितरित किए.

 इस मौके पर पूर्व पार्षद विजेन्द्र प्रजापति, रामप्रसाद कुमावत एवं नीलेश बुरड़ ने भी कानून के बारे में संबोधित करते हुए जानकारी दी और बताया किस तरह से इस कानून को उपयोग में लेकर वह अपने क्षेत्र में होने वाले कामों का ब्यौरा मांग सकते है. साथ हीअपने इलाके में रूके हुए कामों की जानकारी भी आरटीआई के जरिए प्राप्त कर सकते है.
कैसे करता है काम
 इस कानून से लोक सेवकों को 30 दिवस में सूचना उपलब्ध करवानी होती है अन्यथा 30 दिन के बाद 250 रूपये प्रतिदिन का जुर्माना लोक सूचना अधिकारी के वेतन से वसूल करने तक के प्रावधान है. इस कारण भ्रष्ट लोक सेवको में इस कानून को लेकर बहुत खौफ है.
इस अवसर पर आरटीआई कार्यकर्ता रामप्रसाद कुमावत, विजेन्द्र प्रजापति, एडवोकेट नीलेश बुरड़, राधावल्लभ माहेश्वरी, कन्हैयालाल खत्री, मदनलाल सैन, मूलचंद अग्रवाल, रियाज जाफरी, श्याम सुन्दर शर्मा, मनोज बारूपाल, बाबू चीता इत्यादि कई आरटीआई कार्यकर्ता उपस्थित रहे.

Reporter: Dilip Chouhan

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