नागौर जिले के खंवर में ग्रामीणों के आर्थिक सहयोग से श्री वीर गोगाजी गौशाला का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है, जिससे आवारा, असहाय गायों को रखा गया है.
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Nagaur: नागौर जिले के खंवर में ग्रामीणों के आर्थिक सहयोग से श्री वीर गोगाजी गौशाला का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है, जिससे आवारा, असहाय गायों को रखा गया है. एक तरफ जहां लोग गायों को घरों से बाहर निकाल देते हैं. उन पर अत्याचार करते हैं खेतों में घुसने पर गायों पर हमले करते हैं वहीं दूसरी और नागौर जिले के खंवर गांव के ग्रामीणों ने अनुठी पहल करते हुए खेतों में परेशान करने वाली गायों के लिए जन सहयोग से गौशाला का निर्माण करवा दिया है. अब गांव और खेतों में घूमने वाली आवारा गायों को गौशाला में रखा जा रहा हैं. अब गांव में एक भी गाय आवारा घूमती हुई नहीं दिखाई देती है.
गौशाला कमेटी के अध्यक्ष जीतूराम फूलफगर ने बताया कि, गांव की गायों जो मोहल्लों और खेतों में किसानों को परेशान करती थी और आवारा घूमती थी उनको स्थाई बसेरा मिल सके, इसको लेकर 7 फरवरी 2017 को गौशाला का रजिस्ट्रेशन करवाकर संचालन शुरू किया गया. बाद में ग्रामीणों के आर्थिक सहयोग से 19 अक्टूबर 2020 को गौशाला का निर्माण कार्य शुरू किया गया. अब तक करीब 60 लाख रुपयों से अधिक का निर्माण कार्यों पर खर्च किए जा चुके है. जिसमें सभी का सहयोग है.
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अध्यक्ष जीतूराम फूलफगर ने बताया कि
गौशाला में तीस लोहे की गार्डर लगाकर बड़े-बड़े हॉलों का निर्माण कार्य करवाया गया, अभी कार्य प्रगति पर है. उन्होंने बताया कि गौशाला का सफल और नियमित संचालन के लिए एक दर्जन लोगों की एक कमेटी भी बनाई हुई है. इसी प्रकार गायों की सेवा और देखरेख के लिए तीन लोगों को भी रखा गया है. गायों के लिए हर अमावस्या के दिन ट्रैक्टर-ट्रॉली को पूरे गांव में घुमाया जाता है साथ ही ग्रामीण भी गायों की सेवा के लिए दिल खोलकर अनाज, गुड़ और अन्य खाद्य सामग्री का दान करते हैं.
वहीं गांव में जब भी किसी का जन्म दिवस या पुण्यतिथि होती है तो फिजुल पैसे खर्च ना करके यहां श्री वीर गोगाजी गौशाला में गायों को गुड़ खिलाया जाता है. गौशाला में रहने वाली गायों को गर्मी ना लगे इसके लिए पक्का निर्माण करवाया गया है. खंवर गांव में संचालित श्री वीर गोगाजी गौशाला का रजिस्ट्रेशन हुए चार साल हो गए, गौशाला में 200 से अधिक लगभग गौवंश है. मगर अभी तक सरकार द्वारा अनुदान का लाभ नहीं दिया गया है. गौशाला कमेटी द्वारा अनुदान के लिए सरकार को मांग पत्र भी भेजे गए, मगर एक बार भी अनुदान स्वीकृत नहीं हुआ.
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ऐस में ग्रामीणों द्वारा जन सहयोग से ही गौशाला का संचालन किया जा रहा है. वहीं गायों के लिए पीने के लिए मीठे पानी की समस्या थी गर्मियों के दिनों में गायों को नलकूपों द्वारा खारा पानी पीने को मजबूर थी लेकिन इस समस्या को देखते हुए गांव के भामाशाह छोगसिंह जोधा ने गौशाला में बड़े हौद का निर्माण करवाने की घोषणा की ताकि गौशाला के उपर से बारिश के दिनों में पानी हौद में एकत्रित कर गायों को मिठा पानी मिल सके. वहीं गौशाला निर्माण के लिए तीस लोहे की गार्डर और निर्माण कार्य में काम आने वाला सम्पूर्ण चुना मेड़ता के भामाशाह रामप्रकाश अग्रवाल द्वारा दिया गया.
श्री वीर गोगाजी गोशाला के लिए गांव के भामाशाह द्वारा 6 बीघा जमीन और एक लाख रुपए की नकद राशि भेंट की गई. गोशाला समिति के अध्यक्ष जीतूराम फूलफगर ने बताया कि भामाशाह हरदेवराम और मदनराम फूलफगर द्वारा अपने पिता रामजीवण चौधरी की स्मृति में गांव के श्री वीर गोगाजी गोशाला के लिए 6 बीघा जमीन और एक लाख रुपए की नगद राशि भेंट की गई है.
इस प्रकार भामाशाह द्वारा गोशाला के लिए 6 बीघा जमीन भेंट करने से गायों के लिए काफी सुविधाओं का लाभ मिलेगा. इसी प्रकार गोशाला में देवकरण चौधरी द्वारा बड़े हॉल का निर्माण का कार्य भी करवाया जा रहा है. इस प्रकार भामाशाहों द्वारा गोशाला के लिए किए सहयोग को लेकर समिति द्वारा उनका आभार जताया. इसी प्रकार गणेश मित्र मण्डल द्वारा भी पौधरोपण करवाया गया. गोशाला समिति के अध्यक्ष जीतूराम फूलफगर ने बताया कि आगामी दिनों में गोशाला के मुख्य द्वार, चार दीवारी, पानी के टांका का निर्माण सहित काफी विकास के कार्य करवाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि गोशाला के विकास के लिए गांव के भामाशाहों द्वारा बढ़ चढ़ कर सहयोग प्रदान किया जा रहा है.
Reporter: Damodar Inaniya