Ajmer News:पहली बार जज समेत चार लड़कियों ने छोड़ा सांसरिक जीवन, अजमेर के बिजयनगर में ली दीक्षा
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Ajmer News:पहली बार जज समेत चार लड़कियों ने छोड़ा सांसरिक जीवन, अजमेर के बिजयनगर में ली दीक्षा

Ajmer News: बिजयनगर में पहली बार हुई एक साथ चार मुमुक्षु बहनों की दीक्षा, रचा इतिहास कम उम्र में ही संयम पथ पर चली चारों मुमुक्षु बहनें जैन साध्वियां बनी

 Ajmer News:पहली बार जज समेत चार लड़कियों ने छोड़ा सांसरिक जीवन, अजमेर के बिजयनगर में ली दीक्षा

Ajmer News: बिजयनगर में पहली हुई एक साथ चार मुमुक्षु बहने की दीक्षा रचा इतिहास कम उम्र में ही संयम पथ पर चली चारों मुमुक्षु बहनें जैन साध्वियां बनी. बिजयनगर में उस समय इतिहास रचा जब सांसारिक जीवन को पीछे छोड़ नानेश पट्टधर जैन आचार्य विजयराज महाराज व चिंतनशील महासती वसुमति के सहित 56 साधु साध्वीया के सानिध्य और हजारों धर्मावलंबियों की उपस्थिति में मुमुक्षु बहन बिजयनगर निवासी आंचल धम्माणी, बैल्लूर निवासी स्नेहा गोलेच्छा, किशनगंज बिहार निवासी डॉ नेहा लोढ़ा व नागौर निवासी निशा कोठारी ने दीक्षा ली ओर कम उम्र में ही घर परिवार त्याग कर संयमी जीवन की ओर अग्रसर होकर आज जैन साध्वियां बनी. श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ ओर नवकार परिवार के तत्वावधान में जैन भगवती दीक्षा महोत्सव के तहत विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया दीक्षा महोत्सव के तहत मुमुक्षु बहनों का बिजयनगर शहर में वरघोड़ा भी निकाला गया साथ ही जगह-जगह मुमुक्षु बहनों का बहुमान किया गया.

जैन सन्तों व साध्वी जनों के सानिध्य में प्रवचन कार्यक्रम हुआ ओर मुमुक्षु बहनों ने जैनसन्त आर्चाय विजयराज के मुखारविंद से मंगल पाठ ग्रहण कर संयम पथ पर अग्रसर हुई इस अवसर पर संघ समाज की ओर से मुमुक्षु बहनों के परिजन व अतिथियों का अभिनंदन किया गया. सांसारिक जीवन का त्याग करने वाली स्नेहा गोलेच्छा ने में बताया कि वह एमबीए मार्केटिंग में करने के पश्चात अपने पिता का टेक्सटाइल का पूरा कारोबार हैंडल करती थी इसी दौरान महासती नेहाश्रीजी का चातुर्मास घर के बगल में हुआ. जाना-आना शुरू हुआ बिजनेस का बॉय-बॉय कर महासती नेहाश्रीजी का हाथ थाम लिया. चातुर्मास के पश्चात जिस दिन विहार हुआ ठान लिया मुझे भी संयम धारण करना है. करीब 7 वर्ष बाद वह स्वर्णिम पल मेरे करीब है जब में दीक्षा अंगीकार कर संयम धारण करूंगी.

नागौर निवासी मुमुक्षु निशा कोठारी ने मैधावी प्रतिभा की धनी होने के साथ बीकॉम, एएलएलबी व आरजेएस करने के बावजूद सांसारिक मोह माया से दूर रहकर संयम पथ पर आरूढ़ होने को लालायित है.
मुमुक्षु निशा ने कहा, दुनिया देखी और शिक्षा ग्रहण की लेकिन मुझे संत-साध्वियों का सानिध्य और दीक्षा का मार्ग ही रास आया. संयम की राह पर ही आत्मिक सुकून और परमात्मा की प्राप्ति हो सकती है, इसलिए वैराग्य धारण कर रही हूं.

बिजयनगर निवासी सुश्री आंचल धम्माणी बीए संस्कृत में व्यवहारिक शिक्षा हासिल करने के बावजूद संसार का त्याग कर संयम पथ पर आरूढ़ है बस इसी सोच के साथ नानेश पट्‌टधर एवं साध्वी भगवंतों की निश्रा मिली और निश्रा में रहकर संयम पथ को चुन लिया.

दीक्षार्थी बहनों का परिचय:

नाम-मुमुक्षु स्नेहा गोलेच्छा
जन्म-13 मई 1989
जन्म स्थान-वैल्लूर तमिलनाडू
शिक्षा-एमबीए
वैराग्यकाल 7 वर्ष

नाम-मुमुक्षु निशा कोठारी
जन्म-12 सितंबर 1995
जन्म स्थान-नागौर राजस्थान
शिक्षा-एलएलबी, आरजेएस
वैराग्यकाल-1 वर्ष

नाम-डॉ. नेहा लोढ़ा
जन्म तिथि-4 मार्च 2000
जन्म स्थान-किशनगंज बिहार
वैराग्यकाल-10 वर्ष

आँचल धम्माणी
जन्म तिथि-7 जुलाई 2001
जन्म स्थान-बिजयनगर, अजमेर
वीर माता-सुमनलता धम्माणी
वीर पिता-भंवरलाल धम्माणी
शिक्षा-बीए संस्कृत
वैराग्यकाल 1 वर्ष

संपूर्ण दीक्षा महोत्सव कार्यक्रम के दौरान पुलिस प्रशासन ने व्यापक व्यवस्था की थी. श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ ओर ताराचन्द पवन कुमार बोहरा सहित सभी नवकार परिवार ने आभार जताया है.

 

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