हजरत ख्वाजा मोईनुदीन चिश्ती के बड़े साहबजादे सूफी संत ख्वाजा फखरूदीन चिश्ती की बारगाह में बुधवार को हजारों आशिके ख्वाजा ने हाजिरी लगाकर अकीदतमंदों ने मुकदस मजार शरीफ पर सलमा-सितारों से जड़ी मखमली चादर पेश कर खुशहाली की दुआ की हैं.
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Kekri: हजरत ख्वाजा मोईनुदीन चिश्ती के बड़े साहबजादे सूफी संत ख्वाजा फखरूदीन चिश्ती की बारगाह में बुधवार को हजारों आशिके ख्वाजा ने हाजिरी लगाकर अकीदतमंदों ने मुकदस मजार शरीफ पर सलमा-सितारों से जड़ी मखमली चादर पेश कर खुशहाली की दुआ की हैं. शहनाई-नगाड़ो की गूंज और मिस्किनों के हैरत-अगैंज कर देने वाले धमाल और ख्वाजा फखर की जयघोषों के साथ अजुंमन कमेटी अजमेर की ओर से निकाले गए. चादर के जुलूस ने अकीदतमंदो को रोमांचित कर दिया. हजारों आशिक-ए-ख्वाजा इस यादगार जलसे के साक्षी बनें. जुलूस जिस रास्ते से गुजरा लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. हजारों अंकीदतमंदो की मौजूदगी में निकला चादर का जुलूस उर्स का आकर्षण का केन्द्र था.
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दोपहर 3 बजे बाद चादर का जुलूस गांधी चोक से प्रारंभ होकर, सदर बाजार, दुधाड़िया बाजार, दावलमीर मंदिर, मोमीन मौहल्ला होते हुए दरगाह पंहुचा, जहां मगरिब की नमाज से पहले मजार शरीफ पर अंकीदतमंदो की मौजूदगी में चादर चढ़ाई गई और उसके बाद नमाज अदा की गई. ढ़ोल-बाजों के साथ निकले चादर के जुलूस में सबसे आगे नवयुवक हाथों में रंग बिरंगे परचम लिए ख्वाजा के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे और उनके पिछे कई शहरों से आए बैड़ वादक ख्वाजा की शान में स्वर मधुर लहरियां बिखेरते हुए चल रहे थे. बीच में आस-पास के शहर से आए अखाड़ा कलाकार शस्त्रों से अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे थे. जुलूस में सबसे पिछे जायरीन बारी-बारी सलमा सितारों से सजी मखमली चादर को लेकर चल रहे थे. जुलूस में दरगाह के शाही कव्वाल ख्वाजा की शान में बिगड़ी मेरी बना दे ओ अजमेर वाले ख्वाजा, सरवाड़ वाले ख्वाजा, आज दुल्हा बना है मेरा ख्वाजा आदि कव्वालियां पेश करते हुए चल रहे थे.
चादर को चूमने और उसके निचे से निकलने की हसरत लिए पूरे मार्ग में भीड़ लगी रही
चादर के जुलूस को देखने को लेकर बस स्टैंड से दरगाह तक घरों की छतों-दुकानों पर लोगों की भीड़ रही. जुलूस के दरगाह क्षेत्र में प्रवेश करते ही दरगाह बाजार और दरगाह परिसर के अहाता ए नूर जायरीन और अकिदतमन्दों की भीड़ से खचाखच भर गया. जुलूस के दौरान पूरे मार्ग पर पुलिस जवान तैनात रहे. मार्ग में कहीं जगह घरों की छतों से भी जुलूस पर नजरे जमाए हुए थे. इस दौरान चादर को चूमने और चादर के नीचे से निकलने के लिए भारी भीड़ जमा हो गई जिसके चलते पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी.
कलन्दरो ने दिखाए करतब
उर्स के मौके पर निकाले गए चादर के जुलूस में देश के विभिन्न हिस्सों से आए कलन्दरों ने एक से बढ़कर एक करतब दिखाते हुए लोगों को दांतो तले अगुलियां दबाने को मजबूर कर दिया. कलन्दरो द्वारा अपने शरीर पर बेहिसाब कोड़ो की मार, नुकीली सुईयों को गाल, कान, शरीर के अन्य हिस्सों से आर-पार करना, आंखों में चाकू-घोंपना, पेट से नुकीली सुई निकालना आदि धमाल से लोगों को आश्चर्य में ड़ाल रहे थे.
महफिल का आयोजन
मजार शरीफ पर चादर पेश करने के पश्चात रात्रि में दरगाह परिसर में महफिल का आयोजन हुआ. महफिल में दरगाह के शाही कव्वाल और अन्य सहयोगीयों ने ख्वाजा फखर की शान में एक से बढ़कर कव्वालियां पेश की. महफिल में दरगाह मुतवल्ली युसूफ खान, शहजाद खान, सैयद मुसर्रफ चौधरी आदि मौजूद रहे.
दरगाह कमेटी की ओर से लंगर तक्सीम
उर्स के दौरान जायरीन की सुविधा के लिए दरगाह कमेटी की ओर से माकूल इंतजाम किए गए हैं. दरगाह में चादर पेश होने के बाद दरगाह कमेटी की ओर से लंगर तक्सीम किया. कमेटी की ओर से रोजाना दो बार लंगर तक्सीम किया जा रहा है.
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पुष्प वर्षा से स्वागत
दोपहर बाद निकले चादर के जुलूस का मार्ग में कई जगह लोगों द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया. वहीं मार्ग में अकिदतमंदो को शहरवासियों द्वारा शरबत, शीतल पेय पिलाया गया.
छोटा कुल कल
चांद की छः तारीख गुरूवार को छोटे कुल की रस्म अदा की जायेगी. इस मौके पर आशिके ख्वाजा मजार शरीफ को गुश्ल देगे और कुल के छीटे देकर रश्म अदा की जाएगी, इससे पूर्व दरगाह परिसर की गुलाब, केवड़ा सहित सुगंन्धित द्रव्यों से धुलाई की जाएगी. चांद की नौ तारीख को बडे़ कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन होगा.
Report: Manveer Singh