Ajmer : किसानों की मेहनत को चर रही नीलगाय, किसानों ने फसल को भगवान भरोसे छोड़ा
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Ajmer : किसानों की मेहनत को चर रही नीलगाय, किसानों ने फसल को भगवान भरोसे छोड़ा

 नीलगायों को भगाने के लिए खेतों में या तो पुतला खड़ा किया जाता है या फिर पटाखे फोड़े जाते हैं. लेकिन नीलगाय के झुंड फसल को बर्बाद करने में लगे हुए हैं. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

Ajmer : राजस्थान के अजमेर के केकड़ी (kekadee) विधानसभा क्षेत्र में नीलगायों (Nilgai ) के झुंड गेहूं, चना ,जौ और सरसों समेत कई फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. किसानों ने बताया कि 24 घंटे खेतों की रखवाली संभव नहीं है. इस लिए नीलगायों को भगाने के लिए खेतों में या तो पुतला खड़ा किया जाता है या फिर पटाखे फोड़े जाते हैं. लेकिन नीलगाय के झुंड फसल को बर्बाद करने में लगे हुए हैं. 

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इलाके के सूरजपुरा (Surajpura) के किसान बहादुर गुर्जर और महावीर कुम्हार ने बताया कि खेतों में लगी फसलों को झुंड में चलने वाले नीलगायों ने बर्बाद कर उनकी मेहनत और लगाए गई पूंजी को बर्बाद कर दिया. किसानों ने बताया कि दिन में यह नीलगाय घने जंगल और झाड़ियो में छिपकर रहती है और शाम ढ़लते ही खेतो में प्रवेश कर फसलों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है. हालत यह है कि किसान के अकेले खेत में जाने पर नीलगाय हमला भी कर देती है. यह नीलगाय पांच से दस की संख्या में झुंड बनाकर चलती है. रास्ते में आ रही पूरी फसल को पूरी तरह से चर कर और कुचलकर तबाह कर देती है.

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नीलगायों के तांडव से मुक्ति के लिए किसानों ने जिला प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों को कई बार आवेदन भी दिया. लेकिन किसानों को राहत पहुंचाने की दिशा में आज तक कोई पहल नहीं की गयी. वन्य प्राणी अधिनियम (Wild animal act) के तहत नीलगाय को नुकसान पहुंचाने पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है. ऐसे में किसान अपनी फसलों को भगवान भरोसे छोड़े बैठे हैं क्योंकि प्रशासन भी नील गाय से निजात के लिए कोई ठोक कदम नहीं उठा रहा है.

Report : Manveer 

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