पुष्कर के प्राचीन मंदिरों में से एक प्रथम पूज्य देव गणेश के मंदिरों में प्रमुख स्थान रखने वाला भट बावड़ी गणेश मंदिर ऐतिहासिक दृष्टि के साथ श्रद्धालुओं द्वारा मानी जाने वाली रोचक मान्यताओं के चलते क्षेत्र में आस्थाओं के मुख्य केंद्र के रुप में जाना जाता है.
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Pushkar: पुष्कर के प्राचीन मंदिरों में से एक प्रथम पूज्य देव गणेश के मंदिरों में प्रमुख स्थान रखने वाला भट बावड़ी गणेश मंदिर ऐतिहासिक दृष्टि के साथ श्रद्धालुओं द्वारा मानी जाने वाली रोचक मान्यताओं के चलते क्षेत्र में आस्थाओं के मुख्य केंद्र के रुप में जाना जाता है. बूढ़ा पुष्कर रोड़ स्थित भट बावड़ी प्राचीन गणेश मंदिर का निर्माण मंडोर के राजा नाहर राव ने लगभग 1100 वर्ष पूर्व कराया था.
पुजारी कुंज बिहारी मेलु ने बताया कि किवदंती है कि गुर्जर राजा नागभट्ट के नौ लाख गाय थी, उन्होंने ही गणेश मंदिर के पास बावड़ी का निर्माण कराया. इस मंदिर की प्राकृतिक बनावट इस प्रकार है कि बावड़ी में शिवलिंग के नीचे स्थित मां पार्वती के स्वरूप की आकृति है. श्रद्धालु घरों में शादी विवाह या मांगलिक कार्य की मनोकामना पूर्ण करने की मंशा लिए सर्वप्रथम भट्बावड़ी मंदिर पूजा करने आते है. प्रत्येक बुधवार को यहां श्रद्धालुओं की कतार लग जाती है.
जयपुर अजमेर हाईवे पर रेगिस्तान के मध्य स्थापित इस मंदिर में बुधवार को दर्शन पूजा करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है. शादी के बाद नवविवाहित दूल्हा-दुल्हन जोड़े से भगवान गणेश के मंदिर में धोक लगाने आते है. पुजारी ने बताया कि मान्यता है कि जिन लोगों की घरों में विवाह में देरी हो रही होती है, तो मंदिर प्रांगण से मूर्ति के आकार के पत्थर को खोज कर उसकी प्राण-प्रतिष्ठा और पूजा कर रख दिया जाता है.
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जिसके बाद यजमान के परिवार से वो प्रतिष्ठित गणेश प्रतिमा बिना बताए अपने घर ले जाते है और कुछ ही दिनों में उनके घरों में शादी विवाह का कार्य समपन्न हो जाता है. इन्हीं मान्यताओं के अनुसार सैंकड़ो श्रद्धालु मंदिर प्रांगण से मूर्त्ति ले जाकर मनोकामना करते है. गणेश चतुर्थी के अवसर पर मंदिर क्षेत्र में बड़ा मेला भी लगता है.
इस मेले में पुष्कर सहित आस-पास के क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालु मंदिर पहुंचते है और मेले के अवसर पर 1000 किलो लड्डुओं का भोग भगवान गणेश को लगाकर श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है, जिसकी तैयारी मेले के कई दिनों पूर्व से शुरू हो जाती है. आज गणेश चतुर्थी के अवसर पर मंदिर के बाहर भारी भीड़ नजर आई. हर कोई अपने आराध्य को भोग लगाने के लिए उत्सुक नजर आया. मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं के लिए कतार में दर्शन की व्यवस्था की. साथ ही 1000 किलो लड्डुओं का भोग श्रद्धालुओं में वितरित किया.
Reporter: Manveer Singh
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