12 मई की वो शाम शायद ही टोंक जिले के साथ राजस्थान (Rajasthan) के लोग भूल पाए क्योंकि यह वहीं दिन था, जिस दिन निवाई के दतवास पुलिस थाने में एक व्यक्ति की पुलिस ने बेरहमी से हत्या कर दी.
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Tonk: राजस्थान पुलिस का "आमजन में विश्वास, अपराधियों में भय" का नारा टोंक में खाकी के रखवाले तार-तार करते नजर आ रहे हैं. 12 मई को दतवास पुलिस थाने में पप्पू मीना की मौत के बाद भले पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश (Omprakash) ने थानाधिकारी सहित पूरे स्टॉफ को लाइन हाजिर कर इतिश्री कर दी हो लेकिन मृतक के परिवार में पुलिस अपना विश्वास कायम नहीं कर पाई है. उल्टे इतनी दहशत बना दी कि मृतक का बेटा न्याय की जगह अब सरकार से खुद की मौत मांग रहा है.
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12 मई की वो शाम शायद ही टोंक जिले के साथ राजस्थान (Rajasthan) के लोग भूल पाए क्योंकि यह वहीं दिन था, जिस दिन निवाई के दतवास पुलिस थाने में एक व्यक्ति की पुलिस ने बेरहमी से हत्या कर दी. इस हत्या के बाद इतना बवाल हुआ था कि आक्रोशित परिवारजनों के साथ ग्रामीणों ने पुलिस वाहन पर पथराव के बाद आग लगा दी थी.
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इतना ही नहीं, पुलिस जवानों और अधिकारियों के साथ बदसलूकी भी की थी. जब कानून व्यवस्था चौपट होती नजर आई और पुलिस मुख्यालय के बड़े अधिकारियों की फटखार लगी तो एसपी ओमप्रकाश ने एएसपी टोंक, डिप्टी ब्रिजेंद्र सिंह भाटी को हर हाल में सुलह की जिम्मेदारी सौंपी. एसडीएम निवाई ने भी सारे नियम कायदों कौ ताक में रख कर दोनों पक्षों के बीच सशर्त सुलह करवाई. जैसे ही मृतक के शव का पोस्टमार्टम हुआ तो एसपी ओमप्रकाश ने लोगों से अपने अपमान का बदला निकालने के लिए तुरंत ही कार्रवाई के निर्देश दे दिए. अफसर का हुकुम मिलते ही निवाई डिप्टी ब्रिजेन्द्र सिंह भाटी ने तुरंत हंगामा करने वाले मृतक के परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरु कर दी.
मृतक के बेटे ने लगाई मौत की गुहार
अब पुलिस की इस मनमानी कार्रवाई से परेशान होकर मृतक के बेटे ने विधायक प्रशांत बैरवा से परिजनों के साथ मिलकर आत्महत्या करने की मुख्यमंत्री गहलोत से स्वीकृति दिलवाने की गुहार लगाई है. मृतक पप्पू लाल का 17 वर्षीय पुत्र ने महेंद्र मीणा ने निवाई पीपलू विधायक प्रशांत बैरवा (Prashant Bairwa) को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर आत्महत्या करने की अनुमति मांगी है.
पीड़ित का कहना है कि पुलिस ने उसके पिता को पकड़ कर थाने में लाकर मारपीट की और मौत घाट उतार दिया और उसके ही परिवार को अब आरोपी सिद्ध करने में लगी हुई है, जिससे लोगों में पुलिस व प्रशासन के प्रति गहरी नाराजगी है. पीड़ित का कहना है कि पुलिस आए दिन परेशान कर रही है, जिसकी मार परिवार को झेलनी पड़ रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखित ज्ञापन देकर जल्द से जल्द इस मामले को समाप्त करने वह दोषियों को सलाखों के पीछे भिजवाने की मांग की है. विधायक प्रशांत बैरवा ने भी इस मामले को लेकर जल्दी ही प्रशासन से बातचीत कर जल्दी हल किया जाएगा.
टोंक पुलिस पर उठ रहे सवाल
टोंक पुलिस की कार्यशैली को लेकर पिछले 6 महीने से सवाल उठ रहे हैं. कभी बजरी को लेकर तो कभी थाने में चाकूबाज़ी कुछ लेकर लेकिन सूबे के पुलिस मुखिया न तो लापरवाह अफसरों पर कोई कार्रवाई कर रहे हैं, ना ही सूबे की सरकार, जिसके चलते राजस्थान पुलिस की छवि धूमिल और धूमिल होती जा रही है. उम्मीद यह है कि मृतक पप्पू मीना के बेटे को जल्द न्याय मिलेगा और वो आत्महत्या नहीं करेगा.
Reporter- पुरुषोत्तम जोशी