राजस्थान के इस इकलौते कार रेसर गाड़े झंड़े, भारत गौरव अवॉर्ड से नवाजे गए
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राजस्थान के इस इकलौते कार रेसर गाड़े झंड़े, भारत गौरव अवॉर्ड से नवाजे गए

35 साल की उम्र में अभिषेक मिश्रा ने कार रेसिंग में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. अभिषेक शर्मा रेगिस्तान में 150 से 200 की स्पीड में कार दौड़ाते हैं. वे राजस्थान के इकलौते ऐसे कार रेसर हैं, जो विश्व में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं.

अभिषेक भारत में डेजर्ट स्ट्रोम में चार बार फर्स्ट आ चुके हैं.

Thanagaji: 35 साल की उम्र में अभिषेक मिश्रा ने कार रेसिंग में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. अभिषेक शर्मा रेगिस्तान में 150 से 200 की स्पीड में कार दौड़ाते हैं. वे राजस्थान के इकलौते ऐसे कार रेसर हैं, जो विश्व में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं. अभिषेक कच्छ के रण में 200 की स्पीड से कार दौड़ाते हैं तो वहीं जैसलमेर के धोरों में भी 150 की स्पीड रहती है. अभिषेक को बेहतरीन नेशनल और इंटरनेशनल परफॉर्मेंस के लिए दिल्ली में भारत गौरव कौंसिल की तरफ से 29 मई को भारत गौरव अवार्ड से नवाजा गया.

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अभिषेक भारत में डेजर्ट स्ट्रोम में चार बार फर्स्ट आ चुके हैं. हर बार उन्हें सर्टिफिकेट के साथ एक लाख रुपये का इनाम भी मिला. कार रेसिंग इवेंट से अभिषेक पिछले 15 सालों से जुड़े हैं. कार रेसिंग के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भारत गौरव कैंसिल द्वारा उन्हें भारत गौरव अवार्ड से सम्मानित किया.

डेजर्ट स्ट्रोम कार रेस का नॉर्दन मोटर स्पोर्ट्स की तरफ से आयोजन किया जाता है. इसमें इसुजा, सुजुकी और महिंद्रा जैसी नामी कम्पनियो की भागीदारी होती है. इसमें 100 से 150 तक खिलाड़ी भाग लेते हैं, जिसमें विदेशी कार रेसर भी शामिल होते हैं. अभिषेक ने 2007 में पहली बार कार रेसिंग में भाग लिया, 2009 मैं डेजर्ट स्टॉर्म में वह तीसरे स्थान पर रहे. 2010, 2015, 2018 और 2019 में हुई कार रेस में वह प्रथम स्थान पर रहे.

डेजर्ट स्ट्रोम कार रेस में 3600 किलोमीटर कार चलानी होती है. इसके लिए अलग अलग रुट बनाये जाते हैं. जैसे दिल्ली से चलकर ताला नदी में उतरकर अमरसर के कच्चे रास्तों से होते चुरू की तरफ रास्ता निकलता है. हर रेसर को टाइमिंग से रवाना किया जाता है, जिसमें एक मिनट का गैप रखा जाता है. रास्ते मे कई चेक पॉइंट भी होते हैं, जहां सारी फैसेलिटी उपलब्ध रहती है.

अभिषेक ने बताया कि इंटरनेशनल खेलने जाने वाले वह राजस्थान के पहले खिलाड़ी है. उन्होंने मलेशियन रैली चैंपियनशिप में रैली ऑफ पेरलिस में भाग लिया, जिसमें अलग-अलग देशों के 56 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया. इसमें अभिषेक अपनी कैटेगिरी में प्रथम आये थे और ओवरऑल में थर्ड रहे वहां इन्हें दो हजार डॉलर का इनाम मिला.

अभिषेक ने बताया कि 18 साल पहले उन्होंने स्व जॉन सिंह से गाइडेंस मिला (अनोखी प्रा लि) जहां पुन्नू सिंह से बाइक चलाना सीखा. फिर जयपुर मोटर साईकिल क्लब से जुड़े. समय-समय पर साहस ग्रुप के अनिल गौतम कभी सानिध्य मिला. फिर राजू वर्मा (परफेक्टव्हीकल्स प्रा लि.) से कार रेसिंग सीखी फिर गुड़गांव में अभ्यास किया.

अभिषेक शर्मा के पिता संजय शर्मा शिक्षा क्षेत्र में काम करते हैं. थानागाजी के नारायणपुर शिक्षण संस्थान चलाते हैं. वहीं, उनके दादा डॉक्टर रमाकांत पूर्व आईएएस थानागाजी से 1990 से 1998 तक दो बार विधायक रह चुके हैं. अभिषेक ने अपनी एक अलग राह बनाई है.

Report: Jugal Kishor Gandhi

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