राजस्थान में अलवर जिले के किसानों के लिए बेहद शानदार खबर है. जिले में भारतमाला परियोजना के तहत एक्सप्रेस वे का निर्माण होने जा रहा है. इसके लिए जमीन का अधिग्रहण हो चुका है. इसकी लंबाई 86.513 किलोमीटर होगी, जिसके लिए किसानों को 500 करोड़ का मुआवजा दिया जाएगा. जल्द यह राशि उनके खातों में भेज दी जाएगी.
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Alwar News: राजस्थान में अलवर जिले के किसानों के लिए बेहद शानदार खबर है. जिले में भारतमाला परियोजना के तहत एक्सप्रेस वे का निर्माण होने जा रहा है. इसके लिए जमीन का अधिग्रहण हो चुका है. इसकी लंबाई 86.513 किलोमीटर होगी, जिसके लिए किसानों को 500 करोड़ का मुआवजा दिया जाएगा. जल्द यह राशि उनके खातों में भेज दी जाएगी.
जानकारी के मुताबिक, हिमाचल, पंजाब, उत्तराखंड और हरियाणा को दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे से कनेक्ट करने के लिए हरियाणा के पनियाला से अलवर बड़ौदा मेव तक एक्सप्रेस वे का निर्माण होगा. इसके लिए तेजी से काम हो रहा है. बता दें कि 86.513 KM लंबे इस एक्सप्रेस वे में बानसूर विधानसभा क्षेत्र के 16, गांव मुंडावर के 9, अलवर के 18, किशनगढ़बास के 2, रामगढ़ के 9 और लक्ष्मणगढ़ के 2 गांवों की जमीनें शामिल होंगी.
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इतने बड़े एक्सप्रेस वे के लिए कुल 559.9288 हेक्टेयर एरिया की जरूरत है. जगह को मार्क कर लिया गया है. एक्सप्रेस-वे का निर्माण नेशनल हाईवे अथॉरिटी की तरफ से किया जाएगा. इसके लिए हजारों किसानों की जमीनों का अधिग्रहण होगा, जिसके चलते 500 करोड़ की मुआवजा राशि स्वीकृत कर ली गई है. बताया जा रहा है कि मुआवजे की राशि सीधे किसान के बैंक अकाउंट में पहुंचेगी.
दिया गया है इंटर कॉरिडोर नाम
खास बात तो यह है कि इस एक्सप्रेस-वे का नाम इंटर कॉरिडोर रखा गया है. इसके बनने के बाद हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब हरियाणा के लोग सीधे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से कनेक्ट हो सकेंगे. काफी हद तक काम पूरा हो चुका है. कोटा के पास मुकुंदरा एरिया में सुरंग का काम जारी है.
लोगों को मिलेगी सुविधा
सबसे ज्यादा बड़ी बात तो यह है कि इस एक्सप्रेस वे के बनने से वहां से जुड़े लोगों को रोजगार मिलेगा. इसके शुरू होते ही टाउनशिप औद्योगिक इकाइयां, होटल आदि की सुविधाएं भी शुरू होंगी. अलवर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर के अनुसार, जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया गतिमान स्थिति में है. काफी हद तक अधिग्रहण हो चुका है. बस किसानों को मुआवजा मिलना बाकी है. मुआवजे की राशि किसानों के खाते में पहुंचते ही टेंडर प्रक्रिया और निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.
जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि राजस्थान में जमीन की असली मालिक प्रदेश सरकार है. किसानों को उनके क्षेत्र की डीएलसी दर से 3 गुना मुआवजा राशि दी जाने की बात कही गई है. वहीं, घर आदि होने की अवस्था में उसकी लागत का पैसा भी दिया जाएगा.