Rajasthan Assembly Election-2023: जयपुर की 19 विधानसभा सीट पर चुनावी रण की तस्वीर साफ हो गई हैं. 19 विधानसभा सीटों के सियासी रण में 199 प्रत्याशी किस्मत अजमाएंगे और इनकी किस्मत का फैसला जयपुर जिले के 50 लाख 95 हजार 362 मतदाता करेंगे.
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Rajasthan Assembly Election-2023: राजस्थान विधानसभा का चुनावी रण साफ हो गया है. भाजपा-कांग्रेस में मशक्कत के बाद चंद बागी मान गए लेकिन ज्यादातर ने पांव पीछे खींचने से इनकार कर दिया है. दोनों ओर कुछ नेता अंगद की तरह निर्दलीय मैदान में डटे हैं. इनकी जंग समीकरण उलट-पुलट कर सकती है.
जयपुर की 19 विधानसभा सीट पर चुनावी रण की तस्वीर साफ हो गई हैं. 19 विधानसभा सीटों के सियासी रण में 199 प्रत्याशी किस्मत अजमाएंगे और इनकी किस्मत का फैसला जयपुर जिले के 50 लाख 95 हजार 362 मतदाता करेंगे. तस्वीर साफ होने के बाद सभी प्रत्याशियों को सिंबल भी अलॉट भी किए गए.
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25 नवंबर को सुबह 7 से शाम 6 बजे तक वोटिंग होगी. सियासी रण की तस्वीर साफ हो गई हैं. नाम वापसी के अब जयपुर जिले की 19 विधानसभा सीटों पर 199 उम्मीदवार जनता के दरबार में अब अपनी किस्मत आजमाएंगे. भाजपा और कांग्रेस की तमाम कोशिशों के बाद भी बागियों को मनाने में नाकाम रहीं. दोनों दलों के कुछ बागी चुनाव मैदान में डटे हुए हैं. विधानसभा चुनाव में भाजपा कांग्रेस ने टिकट नहीं मिलने पर इन पार्टियों के कई नेताओं ने बगावती रुख अपना लिया था. उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद भाजपा और कांग्रेस कार्यालयों पर प्रदर्शन भी हुए लेकिन सूची में कोई परिवर्तन नहीं होने के बाद कई बगावती नेताओं ने पार्टी के खिलाफ जाकर चुनाव लड़ने का निर्णय किया.
आखिरी दिन कुल 298 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र भरे
जिला निर्वाचन के आंकड़ों पर नजर डालें तो 6 नवंबर को नामांकन के आखिरी दिन इन सभी सीटों पर कुल 298 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र भरे थे. 7 नवंबर को जब इनकी जांच हुई तो उसमें से 35 के नामांकन पत्र कोई न कोई कमी रहने के कारण रद्द कर दिए थे. इसके बाद दो दिन 8 और 9 नवंबर को नाम वापसी का समय दिया, जिसमें कुल 55 उम्मीदवारों ने चुनावी रण छोड़ते हुए नाम वापस ले लिया. गुरुवार को नामांकन के आखिरी दिन 19 सीटों पर 46 उम्मीदवार नामांकन वापस लेने पहुंचे. इसमें सबसे बड़ा नाम झोटवाड़ा से राज्यपाल सिंह शेखावत का था, जो बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने मैदान में उतरे थे. राजपाल सिंह वसुंधरा सरकार के समय विधायक और कैबिनेट मंत्री रह चुके है और उन्हीं के खेमे के माने जाते हैं. अब झोटवाडा में राजपाल सिंह शेखावत के मैदान छोडने से त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है.
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बसपा से चार उम्मीदवारों ने भी नामांकन वापस लिया
इसके अलावा बसपा से चार उम्मीदवारों ने भी नामांकन वापस लेकर दूसरे प्रत्याशियों को समर्थन दिया. इसमें सिविल लाईन्स से अरूण चतुर्वेदी, सांगानेर से रामलाल चौधरी, आदर्श नगर से हसन राजा और हवामहल से तरुषा पाराशर शामिल है. हवामहल से तरूषा पाराशर ने भाजपा प्रत्याशी बालुकुंदाचार्य के समर्थन और सनातन धर्म की रक्षा के लिए नामांकन पत्र वापस लिया. इसके अलावा सिविल लाईन्स से निर्दलीय प्रत्याशी रणजीत सिंह सोडाला ने भी अपना नाम वापस लेकर बीजेपी को राहत दी है.
साल 2018 में जयपुर की 19 सीटों पर 347 उम्मीदवारों ने लड़ा चुनाव
आपको बता दें कि साल 2018 के चुनाव में जयपुर जिले की 19 सीटों पर 347 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था. इसमें सबसे ज्यादा उम्मीदवार किशनपोल विधानसभा में 46 थे, जबकि सबसे कम 6 उम्मीदवार चाकसू सीट से लड़े थे लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में जिले की 19 सीटों पर 199 उम्मीदवार अब मैदान में बचे हैं. विधानसभावार स्थिति देखे तो सबसे ज्यादा प्रत्याशी अब झोटवाड़ा में चुनाव लड़ेंगे, यहां कुल 18 प्रत्याशी है. वहीं सबसे कम प्रत्याशी दूदू में 4 प्रत्याशी चुनावी मैदान में डटे हैं हालांकि जब नामांकन पत्र भरे गए थे, तब सबसे ज्यादा प्रत्याशी आदर्श नगर से 31 थे लेकिन वहां अब 14 ही प्रत्याशी मैदान में रह गए हैं. यहां 8 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए है, जबकि 9 प्रत्याशियों के नाम खारिज हो गए थे. चुनावी रण की तस्वीर साफ होने से जयपुर जिले की 19 में से 2 विधानसभा ऐसी है जहां के मतदाताओं को पोलिंग बूथ पर 2 ईवीएम मशीने मिलेगी. इसमें सांगानेर और झोटवाड़ा शामिल है. सांगानेर में 16 कैंडिडेट होने से एक अतिरिक्त बैलेट यूनिट केवल नोटा के लिए लगेगी जबकि शेष विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक ही मशीनें लगाई जाएगी. एक ईवीएम मशीन में नोटा सहित 16 उम्मीदवारों के नाम आते हैं.
प्रत्याशियों का धुंआधार जनसंपर्क शुरू होगा
बहरहाल,नामांकन वापसी की तस्वीर साफ होने के बाद प्रत्याशियों का धुंआधार जनसंपर्क शुरू होगा. मैदान मारने प्रत्याशी कोई कसर नहीं छोडेंगे. नामांकन वापसी के बाद प्रमुख दलों के रणनीतिकार विधानसभा क्षेत्रों में बागी, तीसरे मोर्चे के दल और निर्दलीय प्रत्याशियों की ताकत को तौल कर नुकसान का आकलन करने में जुट गए हैं.