राजस्थान में बारां के छबड़ा-छीपाबड़ौद क्षेत्र की बदहाल सड़कों की मरम्मत के लिए पिछले कुछ महीनों से पैच रिपेयर के नाम पर हो रही खानापूर्ति के बाद विभाग भले ही अपने काम कराने के दावों की ताल ठोक रहा है लेकिन हकीकत में हालात काफी बदतर नजर आ रहे हैं.
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Chhabra, Baran News: बारां के छबड़ा-छीपाबड़ौद क्षेत्र की बदहाल सड़कों की मरम्मत के लिए पिछले कुछ महीनों से पैच रिपेयर के नाम पर हो रही खानापूर्ति के बाद विभाग भले ही अपने काम कराने के दावों की ताल ठोक रहा है लेकिन हकीकत में हालात काफी बदतर नजर आ रहे हैं.
ऐसे में वाहन चालकों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. सार्वजनिक निर्माण विभाग भी पैच रिपेयर कराने की इस खानापूर्ति को अपनी मजबूरी बताकर पल्ला झाड़ता नजर आता है क्योंकि विभाग का कहना है कि उनके क्षेत्र में करीब डेढ़ सौ किलोमीटर सड़क तो इस कदर खराब है कि कहीं कहीं पर डामर के निशान नजर आते और उन सड़कों की स्थिति पैच रिपेयर कराने लायक नहीं है.
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सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि छबड़ा छीपाबड़ौद क्षेत्र में उनके अधीन लगभग 820 किलोमीटर सड़कें है. इनकी मरम्मत के लिए छह से सात करोड़ रुपये की आवश्यकता है जबकि बजट मिला मात्र 78 लाख का. इसमें भी चीफ इंजीनियर के आदेश के बाद खर्च करने पर रोक लगी हुई है क्योंकि यहां पर बाढ एवं आपदा राहत कोष से करीब साढ़े तीन करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जिससे क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत करवा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसके तहत जहां ज्यादा जरूरत है, वहां 60 हजार रुपए प्रति किमी की लागत से मरम्मत कार्य करवा रहे हैं जबकि वास्तविक आवश्यकता ढाई से तीन लाख रुपये प्रति किमी के हिसाब से होती है.
सालभर से मरम्मत की बांट जोह रही क्षतिग्रस्त दीवार-कस्बे में बस स्टैंड के समीप सुखेनी खाळ की पुलिया की एक साइड की दीवार काफी समय पहले क्षतिग्रस्त होकर धराशायी हो गई थी, जिसकी अभी तक भी ना तो मरम्मत हो पाई है और ना ही यहां पर सुरक्षा के इंतजाम हो पाए. यहां होकर वाहनों की रेलमपेल लगी रहती है. क्षतिग्रस्त हिस्से की मिट्टी का कटाव भी बढ गया ऐसे में दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है. इस बारे में अधिशाषी अभियंता ने बताया कि उसके लिए टेंडर हो चुके हैं. शीघ्र ही मरम्मत कार्य शुरु हो जाएगा.
Reporter- Ram Mehta
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