बारां में मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद बारां के सभागार में महिलाओं, बच्चों की सुरक्षा के संबंध में चलाई जा रही योजनाओं का जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया. छोटी बच्चियों और बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में समझाया गया.
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Baran: महिलाओं, बच्चों की सुरक्षा के संम्बन्ध में चलाई जा रही विभिन्न योजनाए जैसे सुरक्षा सखी, महिला शक्ति आत्मरक्षा योजना, केवाईसी, महिला हेल्प डेस्क, कार्यस्थल पर कामकाजी महिलाओं के यौन शोषण समिति, महिला हेल्प लाईन, महिला सलाह सुरक्षा केन्द्र, वन स्टॉप काईसिस मेनेजमेन्ट सेन्टर और अन्य योजनाओं के संम्बन्ध कार्यशाला आयोजित कर गांव- कस्बों में आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देकर जागरूक किया जा रहा है.
जिला स्तरीय बैठक का आयोजन
बारां में मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद बारां के सभागार में महिलाओं, बच्चों की सुरक्षा के संबंध में चलाई जा रही विभिन्न योजनाए जैसे सुरक्षा सखी, महिला शक्ति आत्मरक्षा योजना, केवाईसी, महिला हेल्प डेस्क, कार्यस्थल पर कामकाजी महिलाओं के यौन शोषण समिति, महिला हेल्प लाईन, महिला सलाह सुरक्षा केन्द्र, वन स्टॉप काईसिस मेनेजमेन्ट सेन्टर और अन्य योजनाओं के संबंध में जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया.
बैठक में ये रहे मौजूद
जिसमें जिला प्रमुख उर्मिला जैन भाया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जिनेन्द्र जैन, श्रीमति कृष्णा शुक्ला मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद बारां, मनोज गुप्ता, वृताधिकारी वृत बारां और सम्बधित सर्किल,थानों पर पदस्थापित महिला हेल्प डेक्स के सभी अधिकारी, कर्मचारी, थानों की बाल कल्याण समिती के सदस्य, थाना क्षेत्रों की समस्त सुरक्षा सखियां व नोडल अधिकारी, सीएलजी सदस्य, पुलिस मित्र, ग्राम रक्षक, आंगनबाडी कार्यकर्ता एवं कार्यस्थल पर कामकाजी समस्त पुलिस अधिकारी,कर्मचारी सम्मिलित हुए, बैठक में उपस्थित रहें.
बैठक में महिलाओं को उनके साथ होने वाले अत्याचारों के बारे में आवाज उठाने तथा पुलिस सहयोग लेने हेतु प्रेरित किया गया. महिलाओं,बच्चियों और पुलिस के मध्य संवाद स्थापित कर दूरी को कम करने का प्रयास करे. महिलाओं,बच्चियों के विरूद्व किसी भी प्रकार के अप्रिय व्यवहार एवं घटनाओं जैसे छेडछाड़, दुर्व्यवहार इत्यादि के बारें में स्थानीय पुलिस को सूचित करना अपने क्षेत्र में महिलाओं,बच्चियों से सम्बधित सभी समस्याओं की जानकारी कर स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर उचित समाधान के प्रयास करना तथा संदिग्ध व्यक्तियों के आवागमन, घरेलू हिंसा, दहेज, उत्पीडन, बाल विवाह, गुमशुदा, बच्चियों, मादक पदार्थो के सेवन ओर स्कूल व कॉलेजों में किसी भी प्रकार की अवांछनीय गतिविधियों से संबधित जानकारी स्थानीय पुलिस को देना.
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साथ ही ग्रामरक्षक व पुलिस मित्र योजना के तहत पुलिस की पहुंच ग्रामवासियों तक बढाये ग्रामवासी भी स्वंय पुलिस सहयोगी बनकर बिना झिझक और बिना दबाव के अपनी पीड़ा पुलिस को बता सके. पुलिस ग्राम रक्षकों के सहयोग से उनकी पीड़ा का यथासंभव समाघान करे. तथा छोटी बच्चियों और बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में समझाया गया. सीएलजी सदस्यों को समाज में आपसी सद्भाव एवं भाईचारा बनाये रखने की अपील की गई.
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Reporter- Ram Mehta