देखिए राजस्थान की पटाखा फोड़ दुल्हन, दूल्हे की भी सिट्टी-पिट्टी गुम
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देखिए राजस्थान की पटाखा फोड़ दुल्हन, दूल्हे की भी सिट्टी-पिट्टी गुम

Bride Video : राजस्थान के बारां जिले के छबड़ा कस्बे में दूल्हा और दुल्हन की बिंदौरी एक साथ निकाली गई. इस अनोखी शादी में दुल्हन खास अंदाज में बुलेट पर बैठकर दूल्हे को वरमाला पहनाने के लिए पहुंची और खुद ही आतिशबाजी भी की. 

देखिए राजस्थान की पटाखा फोड़ दुल्हन, दूल्हे की भी सिट्टी-पिट्टी गुम

Chhabra News, Baran : बारां जिले में एक शादी के काफी चर्चे हो रहे हैं. दुल्हन का बिंदास अंदाज देखकर वहां मौजूद गेस्ट चाहकर भी नजरें नहीं हटा पाए. इसकी वजह थी वरमाला के समय दुल्हन की अनोखी एंट्री.  दुल्हन खुद बुलेट चलाकर वरमाला के लिए पहुंची. इस दौरान उसने इलेक्ट्रिक आतिशबाजी भी की. दुल्हन की एंट्री के पलों को लोग कैमरे में कैद करते दिखे.  इसके बाद रीति-रिवाज के साथ दुल्हन स्टेज पर पहुंची और वरमाला की रस्म अदा की गई.  इससे पहले दूल्हा सुनील जांगिड़ की बिंदोरी घोड़ी पर सवार होकर निकाली गई. वहीं, दुल्हन कामेक्षा की बिंदोरी भी घोड़ी पर निकाली गई. ये भी पढ़ें : 16 दिसंबर को कालाष्टमी और सूर्य गोचर का सुखद संयोग, इन तीन राशियों की किस्मत का खुलेगा ताला

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दोनों की बिंदोरी एक साथ निकली और दूल्हा-दुल्हन दोनों एक साथ अलग-अलग घोड़ियों पर बैठकर निकले. दोनों पक्ष के मेहमान भी बिंदोरी में निकले. इस बिंदोरी की काफी चर्चा हो रही है, दुल्हन के परिवार का कहना है कि वो बाइक चलाने की शौकीन है. उसकी शुरू से इच्छा थी कि शादी में कुछ हटकर किया जाए.  कहा कि जब उसकी शादी तय हुई तो उसने कहा था कि वो बुलेट पर ही वरमाला के लिए जाएगी. ये भी पढ़ें : Chanakya Niti : स्त्री-पुरुष की वो गंदी आदतें जो जिदंगी कर देती हैं बर्बाद

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दरअसल, छबड़ा में चंद्रशेखर कॉलोनी निवासी गोविंद जांगिड़ की बेटी कामेक्षा की 8 दिसंबर को शादी थी. उसकी शादी सुनील नाम के लड़के से हो रही थी, गोविंद जांगिड़ पेशे से शिक्षक हैं और उनके कोई पुत्र नहीं है. ऐसे में वो बेटों की तरह ही बेटी की शादी करना चाहते थे. इसलिए 8 दिसंबर को उन्होंने दुल्हन और दूल्हे की एक साथ बिंदौरी निकलवाई. दूल्हा-दुल्हन घोड़ी पर सवार होकर काला चश्मा लगाए कुछ अलग ही अंदाज में नजर आ रहे थे, बैंड बाजे के साथ शाही अंदाज में बारात निकाली गई.

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सभी यही सोच रहे थे कि दुल्हन की बिंदौरी कैसे निकाली गई, लेकिन गोविंद जांगिड़ को बेटी की शादी कुछ इसी तरह से करनी थी. उन्होंने इससे पहले भी अपनी दूसरी पुत्री चंचल की बिंदौरी निकाल कर समाज को अलग संदेश देने की कोशिश की थी. गोविंद जांगिड़ का कहना है कि पुत्रों की तरह ही उन्होंने बेटियों की भी परवरिश की है और वह दोनों को समान दर्जा देना चाहते हैं.

रिपोर्टर- राम मेहता

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