Chhabra News: पहले अफीम के लिए दिए लाइसेंस, अब उखाड़ फेंकी खेतों में खड़ी फसल
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Chhabra News: पहले अफीम के लिए दिए लाइसेंस, अब उखाड़ फेंकी खेतों में खड़ी फसल

बारां के किसानों का कहना है कि पहले नारकोटिक्स विभाग ने पहले तो अफीम काश्त का लाइसेंस जारी कर दिया और अब उसे गलत बताते हुए खेतों में उगी फसल को नष्ट करवा रहे हैं. 

Chhabra News:  पहले अफीम के लिए दिए लाइसेंस, अब उखाड़ फेंकी खेतों में खड़ी फसल

Chhabra, Baran News: राजस्थान के बारां के छीपाबड़ौद क्षेत्र के किसानों के खेतों में उगी फसल को उखड़वाकर नष्ट करने के लिए हरनावदाशाहजी क्षेत्र के खेतों में पंहुची नारकोटिक्स विभाग टीम की कार्रवाई का विरोध करते हुए काश्तकारों ने रोष जताया. 

किसानों का कहना है कि पहले नारकोटिक्स विभाग ने पहले तो अफीम काश्त का लाइसेंस जारी कर दिया और अब उसे गलत बताते हुए खेतों में उगी फसल को नष्ट करवा रहे हैं, जो कुठाराघात है. किसान हजारों की राशि खर्च कर चुके हैं. 

सालरखो निवासी चंद्रमोहन लोधा एवं धीरप लोधा ने बताया कि करीब 40 दिन पहले उनके पुराने पट्टे बहाल होकर नए लाइसेंस जारी होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद करीब आधा दर्जन काश्तकारों ने अफीम के लिए खेत तैयार कर महंगा बीज खरीदा और अफीम की बुवाई की. 

खाद एवं दवाओं का खर्चा किया तो किसी ने जमीन तक किराए से लेकर बुवाई की. उसके बाद नारकोटिक्स विभाग ने इन पट्टों को गलत जारी होना बताते हुए काश्तकारों को फसल नहीं बोने एवं जिन्होंने बुवाई कर दी तो उनकी फसल को वापस नष्ट करने के लिए निर्देशित किया. काश्तकारों को जब से इसकी सूचना मिली तो आक्रोशित होकर इसका विरोध कर रहे हैं. 

किसानों का कहना है कि जब विभाग ने लाइसेंस की सूची जारी की तो उसके बाद ही काश्तकारों ने बुवाई की तैयारी की और जब तैयारी पूरी हो चुकी उसके बाद विभाग द्वारा लाइसेंस गलत जारी होना बताकर निरस्त किए जा रहे हैं, जिससे काश्तकार अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. 

इनमें ज्यादातर काश्तकार बुवाई करके इस पेशोपेश में किसान संगठनों एवं अन्य लोगों की शरण में बहाली के आदेश मिलने की बांट जोह रहे हैं. काश्तकारों का कहना है कि पहले तो अफीम काश्त की तैयारियों में जान झोंक दी और अब दूसरी फसल की कैसे पार पड़ेगी, जबकि क्षेत्र में सिंचाई की समस्या भी हो जाती है. 

जिला अफीम अधिकारी एस के सिंह का कहना कि की एनडीपीएस नियम के तहत निरस्तीकरण आदेश के तहत ये कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि पात्रता सूची बनी थी, इसलिए लाइसेंस दिया गया था, लेकिन दुबारा जांच हुई तो अपात्र हो गए. जानकारी के अनुसार, संभाग भर में इस तरह के डेढ़ सौ से अधिक किसानों के लाइसेंस निरस्त किए हैं. विभाग के अधिकारी का कहना था कि अभी फसल का नष्टीकरण इसलिए करवाया जा रहा है, ताकि किसान दूसरी फसल काश्त कर सकें. 

Reporter- Ram Mehta 

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