बाड़मेर न्यूज: अस्पताल के प्रसूता वार्ड को चिकित्सक ने अपना निजी आवास बना लिया है.वहीं लेबर रूम को चिकित्सक रसोई घर के रूप में काम में ले रहे हैं. हालांकि जब मामले का खुलासा हुआ तो कार्रवाई की बात कही जा रही है.
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Chohtan, Barmer: बाड़मेर जिले के चौहटन उपखण्ड क्षेत्र के घोनिया गांव में बना प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आम ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने की बजाय चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों का नीजि आवास बनकर रह गया है. यहां का लेबर रूम चिकित्सक के लिये रसोई घर के रूप में काम आ रहा है. वहीं इस अस्पताल के इनडोर वार्ड के कक्ष उनके बेड रूम, डायनिंग रूम के काम आ रहे हैं.
अस्पताल में कहीं खाना बनता नजर आता है तो कहीं इनडोर वार्डों में कहीं कपड़े सूखते हैं. वहीं बेडरूम बने नजर आते हैं. घोनिया के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के लेबर रूम को रसोई घर बनाने से यहां प्रसूताओं के प्रसव नहीं होते, जानकारी के मुताबिक प्रसव के लिये आने वाली प्रसूताओं को नीजि अस्पतालों में भेज कर उनसे कमीशन खोरी की जाती है.
आवासीय भत्ते का इस्तेमाल राजकोष को चूना
यहां अस्पताल को आवास बनाकर उसका उपभोग करने के बावजूद यहां के चिकित्सक और कार्मिक आवासीय भत्ते उठाकर राजकोष को चूना लगा रहे हैं. नियमानुसार किसी भी अस्पताल में गैस सिलेंडर का उपयोग करना मान्य नहीं है. यह अवैध माना जाता है. बावजूद इसके घोनिया अस्पताल के लेबर रूम में बनाए रसोई घर में गैस सिलेंडर रखे पड़े हैं. ऐसे में अगर कोई हादसा हो गया इसके लिये जिम्मेदार कौन होगा.
घोनिया अस्पताल में पसरी अव्यवस्थाओं की जानकारी मिलने पर मंगलवार को कुछ मीडिया कर्मी हकीकत से रूबरू होने पहुंचे तो व्यवस्था सुधारने की बजाय उलटे ही चिकित्सक ने उनसे बदतमीजी कर ली. उन्होंने इस अस्पताल को अपनी नीजि संपत्ति बताते हुए मीडिया कर्मियों से अभद्रता की तथा ऐसा ही चलने की धमकी देते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया.
बीसीएमओ डॉ. रामजीवन विश्नोई ने कहा होगी कार्रवाई
इस सम्बन्ध में बीसीएमओ डॉ. रामजीवन विश्नोई को अवगत करवाने पर उन्होंने अस्पताल में आवास बनाने को गलत बताते हुए ऐसे लापरवाह चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई करने की बात कही. उन्होंने बताया कि अस्पताल में आवास बनाने की जांच करवाकर उठाए गए आवासीय भत्ते की वसूली की जाएगी तथा चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा.
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