खाद की किल्लत से अन्नदाता परेशान, UREA के लिए दर-दर भटक रहे किसान
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खाद की किल्लत से अन्नदाता परेशान, UREA के लिए दर-दर भटक रहे किसान

सवाई माधोपुर (Sawai Madhopur News) जिले में खाद के लिए किसान भटक रहे है क्योंकि समय पर खाद नहीं मिलने के कारण फसलों को भारी नुकसान हो रहा है.

खाद की कालाबाजारी से किसान परेशान

Sawai Madhopur: राजस्थान के सवाई माधोपुर (Sawai Madhopur News) जिले में खाद के लिए किसान भटक रहे है क्योंकि समय पर खाद नहीं मिलने के कारण फसलों को भारी नुकसान हो रहा है. खंडार मुख्यालय सहित आसपास के मुख्य कस्बों, सहकारी समितियों में खाद की भारी किल्लत अन्नदाताओं के लिए परेशानी का सबब बन गयीं है.

पहले बरसात ने खरीफ की फसल को चौपट कर किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो गयी. अब किसानों को अंतिम उम्मीद रबी की फसल से बनी हुई है. रबी की फसलों के लिए भी समय पर किसानों को खाद उपलब्ध नहीं होने से इस वर्ष फसलों की कमजोर पैदावार का अनुमान लगाया जा रहा है जो किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच रहा है. किसानों को खरीफ फसलों के नुकसान का मुआवजा भी नहीं मिला है और किसानों के सामने अब आर्थिक संकट की स्थिति है. 

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इस वर्ष के मानसूनी सीजन ने खरीफ फसलों का लगभग पूरी तरह सफाया कर दिया उससे किसानों की स्थिति काफी  बिगड़ गयी. खराब हुई फसलों का आंकलन कर मुआवजे का दिलासा जनप्रतिनिधियों और स्थानीय अधिकारियों द्वारा किसानों को दिया गया है लेकिन आज तक किसानों को फसल नुकसान के मुआवजे की दरकार है. क्षेत्र के किसानों ने फसल नुकसान का मुआवजा लेने के लिए जिला कलेक्टर, विधायक, सांसद, एसडीएम, तहसीलदार सबको मौखिक और लिखित ज्ञापन सौंपा लेकिन अभी तक किसी प्रकार की सरकारी मदद अन्नदाता को नहीं मिल पाई है.

खंडार उपखंड क्षेत्र में स्थित उपतहसील बहरावंडा कलां, बालेर, बहरावंडा खुर्द, दौलतपुरा, छाण, पाली सहित दर्जनों गांवों के किसानों को यूरिया और डीएपी खाद की किल्लत झेलनी पड़ रहीं है. रबी की फसलों की बुआई के समय किसानों को पहले डीएपी खाद की कमी झेलनी पड़ी जैसे तैसे किसानों ने फसल बोई लेकिन उसके बाद यूरिया खाद की कमी किसानों के लिए मुसीबत बन गई. 

समय पर नहीं मिल रहा खाद
किसान खाद की कालाबाजारी करने वालों के चक्कर लगाने को मजबूर हो गए है. किसानों ने 270 रुपये प्रति कट्टे के भाव वाले खाद के मजबूरी में 400 रुपये तक चुकाये उसके बाबजूद भी समय पर खाद नहीं मिल पाया. वर्तमान समय में सहकारी समितियों में आये खाद का वितरण किया जा रहा है. किसान सुबह से ही लाइनों में भूखे प्यासे रहकर खाद लेने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते नजर आ रहे है.

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निराश होकर वापस लौटे किसान
किसानों को खाद खत्म हो जाने के बाद निराश होकर वापस लौटना पड़ता है. खाद की किल्लत से जूझ रहे किसानों को खाद नहीं मिलने पर कई बार खाद वितरण केंद्रों पर हंगामे की नौबत बन जाती है. आक्रोशित किसान खाद नहीं मिलने पर उपखंड क्षेत्र में जाम लगाकर प्रदर्शन कर चुके है उसके बावजूद भी किसानों की खाद की समस्या का समाधान नहीं हुआ. ऐसे में किसानों की अच्छी खासी फसल समय पर खाद नहीं मिलने से बर्बादी की ओर बढ़ रहीं है.

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