एक एंबुलेंस ड्राइवर नवजात को जिला अस्पताल ले जाने के लिए निकला ही था कि दूसरे एबुंलेंस ड्राइवर ने गेट पर अपनी एबुंलेंस लगाकर रास्ता रोक दिया और बोला की बच्चे को वो जिला अस्पताल लेकर जाएगा.
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Bari: धौलपुर जिले के बाड़ी विधानसभा के बाड़ी अस्पताल में प्रसव के बाद नवजात की तबीयत खराब होने पर उसे जिला अस्पताल ले जाने के लिए दो प्राइवेट एंबुलेंस कर्मी आपस में एक दूसरे से उलझ गए. दोनों एंबुलेंस कर्मियों के बीच मरीज को ले जाने की बहस के चलते नवजात को वक्त रहते इलाज नहीं मिल पाया और उसकी मौत हो गई.
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पीड़ित परिजनों का आरोप कि बाड़ी अस्पताल से रेफर किए गए नवजात का समय पर उपचार नहीं हो सका. जिला चिकित्सालय पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई.
पीड़ित ने लिखित में चिकित्सा विभाग को शिकायत देकर दोषी एंबुलेंसकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
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नवजात को जिला चिकित्सालय के लिए किया था रेफर
पीड़ित द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक बाड़ी शहर के कहार गली निवासी रिंकू दिवाकर पुत्र राजू ने अपनी पत्नी गुंजन को प्रसव पीड़ा होने पर बाड़ी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था. अस्पताल में डिलेवरी होने के बाद नवजात की तबीयत बिगड़ गई. मौजूद चिकित्सकों ने नवजात शिशु को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. पीड़ित के मुताबिक अस्पताल के प्रांगण में प्राइवेट एंबुलेंस कर्मी मौजूद थे एक एंबुलेंस में नवजात शिशु को लेकर रवाना हुआ तो दूसरे एंबुलेंस कर्मी ने अस्पताल के गेट के सामने अपनी गाड़ी को लगा दिया और बोलने लगा कि शिशु को मैं लेकर जाऊंगा. दोनों एंबुलेंस कर्मियों के बीच हुई आधा घंटे तक चली. इसके बाद बाहर से एंबुलेंस करके परिजन आनन-फानन में जिला अस्पताल पहुंचे. लेकिन तब तक नवजात ने दम तोड़ दिया था. एंबुलेंस कर्मियों की मनमानी की बदौलत नवजात शिशु की जान चली गई. पीड़ित परिजनों के मुताबिक अगर समय रहते उपचार मिल जाता तो शायद उनका बच्चा जिंदा होता. पीड़ित ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को एंबुलेंस कर्मियों के खिलाफ शिकायत दी है.
Report: Bhanu Sharma