50 हजार ड्रॉप आउट लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देगी राजस्थान सरकार, शिक्षा का भी उठाएगी खर्च
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50 हजार ड्रॉप आउट लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देगी राजस्थान सरकार, शिक्षा का भी उठाएगी खर्च

पढ़ाई छोडने वाली बालिकाओं को मजबूत करने से उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और वो आत्मनिर्भर भी हो सकेंगी. महिला अधिकारिता इस प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले उन इलाकों को चुनने का काम कर रहा है

50 हजार ड्रॉप आउट लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देगी राजस्थान सरकार, शिक्षा का भी उठाएगी खर्च

आशीष चतुर्वेदी, करौली: राजस्थान में बेटियों की सुरक्षा के लिए राजस्थान सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. गहलोत सरकार अब स्कूल्स के बाद ड्रॉप आउट बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देने जा रही है. सरकार की ओर से पीपीपी मोड पर इसकी शुरूआत करौली से यूनिसेफ के सहयोग से की गई है. 

प्रदेश में करीब 50 हजार बालिकाएं ऐसी हैं जो गरीबी या दूसरे कारणों की वजह से स्कूल नहीं जा पाती हैं. ऐसी बालिकाओं को अब गहलोत सरकार सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देकर उन्हें मजबूत करने का काम करेगी. फिलहाल इस प्रोजेक्ट को प्रेरणा नाम दिया गया है. इन बालिकाओं को केवल सेल्फ डिफेंस की ही ट्रेनिंग नहीं दी जाएगी, बल्कि उनकी शिक्षा का जिम्मा भी राज्य सरकार के कंधों पर ही रहेगा. सरकार 50 हजार ड्रॉप आउट बालिकाओं को पहले 10वी पढाई ओपन से करवाएगी, फिर 12वी और उसके बाद में कॉलेज शिक्षा की भी जिम्मेदारी लेगी. राज्य सरकार करौली के डांग क्षेत्र के बाद दूसरे सभी जिलों में भी इस प्रोजेक्ट की शुरूआत करेगी.

पढ़ाई छोडने वाली बालिकाओं को मजबूत करने से उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और वो आत्मनिर्भर भी हो सकेंगी. महिला अधिकारिता इस प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले उन इलाकों को चुनने का काम कर रहा है जो पिछड़े और डांग हैं जहां बेटियों की सुरक्षा का मुद्दा सबसे ज्यादा होता है. निश्चित तौर पर महिला अधिकारिता की इस पहल से बदमाशों में राजस्थान की बेटियों के सामने खौफ पैदा होगा. इससे बेटियां शान से अपने सपनों के पंख लगा सकेंगी. बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं अभियान के राज्य नोडल अधिकारी जगदीश प्रसाद का कहना है कि इस प्रोजेक्ट से बेटियां इतनी मजबूत बनेगीं कि बदमाशों की हिम्मत नहीं होगी, वो बेटियों की तरफ आंख उठाकर देख सके.

बालिकाओं को ट्रेनिंग देने वाले ट्रेनर केएल कलावत का कहना है कि बालिकाओं को ऐसे छोटे छोटे डिफेंस सिखाए जा रहे हैं जो वो आसानी से सीख सकती हैं. बालिकाओं को विपरित परिस्थितियों से लड़ने के लिए इतना मजबूत किया जा रहा है कि वो हर परिस्थति से लड़ सकेगी. करौली में 150 बेटियों को सेल्फ डिफेंस की 10 दिन की ट्रेनिंग दी जा रही है जिसमें बेटियां बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही है.

अलवर की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था इसलिए ऐसी घटना कहीं ना घटित हो इसके लिए राज्य सरकार का ये कदम वाकई सराहनीय है.

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