जलमहल से ही जलवा है इस शहर का, पर अब हालात इतने बदतर की यहां से निकलना हो रहा मुश्किल
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जलमहल से ही जलवा है इस शहर का, पर अब हालात इतने बदतर की यहां से निकलना हो रहा मुश्किल

भरतपुर में पानी से उठने वाली दुर्गंध से पर्यटकों व आमजन का जीना मुहाल, शहर की गंदी नालियों का पानी जा रहा है दोनों तालाबो में,जल महल में पर्यटन मंत्री के प्रयासों से बजट में हुई है लाइट एंड साउंड शो की घोषणा,क्या नींद से जागेंगे जिम्मेदार.

 

जलमहल में संकट.

डीग: भरतपुर में जलमहलों की नगरी के नाम से जिस डीग कस्बे को जाना जाता है, उसी जलमहल को जलमहल बनाने वाले रूपसागर व गोपालसगर दोनों अपनी दुर्दशा व बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं, जहां दोनों तालाबों में पानी का स्तर बहुत नीचे चला गया है, वहीं, दोनों तालाबों के गंदे पानी से उठने वाली दुर्गंध व गंदगी की गंध ने पर्यटकों के साथ आमजन का भी वहां से निकलना मुश्किल कर दिया है, लोगों को नाक पर रुमाल रख वहां से निकलना पड़ता है.

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बड़ी बात यह है कि जिस डीग एस्केप के जरिये इन तालाबों को गुड़गांवा कैनाल के पानी से भरा जाता था उसमें भी गंदे नाले डाले जा रहे हैं, नगर पालिका प्रशासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इधर कस्बेवासियों का कहना है कि शहर की नालियों से निकला गंदा पानी और कीचड़, पॉलीथिन , कूड़ा करकट व सभी तरह की गंदगी लोगों द्वारा जल महलों के चारो तरफ भरे पानी में फेंकी जाती हैं, जिससे पानी सड़ने लगा है लेकिन नगरपालिका को ना तो शहरवासियों के स्वास्थ्य की चिंता है और न ही ऐतिहासिक धरोहर की भव्यता की ?

डीग के इन जलमहलों को देखने के लिए दुनियाभर से पर्यटक यहां पर आते हैं,यहां पर चलने वाले रंगीन फव्वारों को देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं. राजस्थान का आरकोलॉजी का म्यूजियम भी यहां पर है जिसे देखते हुए पर्यटन मंत्री व स्थानीय विधायक विश्वेन्द्र सिंह के प्रयासों से यहां पर लाइट एन्ड साउंड शो की घोषणा भी सीएम अशोक गहलोत ने इस बजट में की है, लेकिन जिम्मेदार इस खूबसूरत पर्यटक स्थल की पहचान को बदनुमा दाग लगाने में लगे है.

Report- Devendra Singh

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