Bhilwara news: पूर्व सैनिकों ने सम्बन्धित मांगो को लेकर सांसद सुभाष बहेडिया को दिया ज्ञापन, जानिए मामला
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Bhilwara news: पूर्व सैनिकों ने सम्बन्धित मांगो को लेकर सांसद सुभाष बहेडिया को दिया ज्ञापन, जानिए मामला

जहाजपुर लोकसभा क्षेत्र के भूतपूर्व सैनिकों ने आज सैनिक विश्रांति गृह में कार्यक्रम आयोजित कर सांसद सुभाष बहेड़िया को ज्ञापन देकर समस्याओं के बारे में बताया. भूतपूर्व सैनिकों ने कार्यक्रम से पूर्व वाहन रैली निकाली बाद सैनिक विश्रांति गृह में कार्यक्रम आयोजित हुआ.

Bhilwara news: पूर्व सैनिकों ने सम्बन्धित मांगो को लेकर सांसद सुभाष बहेडिया को दिया ज्ञापन, जानिए मामला

Bhilwara news: जहाजपुर लोकसभा क्षेत्र के भूतपूर्व सैनिकों ने आज सैनिक विश्रांति गृह में कार्यक्रम आयोजित कर सांसद सुभाष बहेड़िया को ज्ञापन देकर समस्याओं के बारे में बताया. भूतपूर्व सैनिकों ने कार्यक्रम से पूर्व वाहन रैली निकाली बाद सैनिक विश्रांति गृह में कार्यक्रम आयोजित हुआ. इससे पूर्व भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी सांसद बहेडिया का नगरपलिका के बाहर स्वागत किया इस दौरान सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता नगरपालिका परिसर पहुंचे. बाद सांसद बहेडिया कार्यक्रम के लिए सैनिक विश्रांति ग्रह पहुंचे.

भूतपूर्व सैनिकों ने ज्ञापन में बताया कि वह राष्ट्र रक्षा को समर्पित पूर्व सैनिक धर्म से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु लम्बे समय से सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे है समय-समय पर मांग-पत्र प्रस्तुत किये गये है और इसी क्रम में दिनांक 20 फरवरी 2023 से दिल्ली के जंतर-मंतर पर लाखों पूर्व सैनिकों ओर नर-नारियों द्वारा अनिश्चितकालीन धरने द्वारा ध्यानकर्षण के अनुशासित प्रयास किया है. पिछले दिनों से धरने में पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, युपी उत्तराखंड, एम.पी. मणिपुर और राजस्थान के हजारों पूर्व सैनिक और वीर नारियां उपस्थित हो कर अपना आक्रोश व्यक्ति कर चुके है. 

03 अप्रैल 2023 को देश के सभी जिलाधीशों के माध्यम से ज्ञापन भिजवाएं गए है. परन्तु यह अफसोस की बात है कि सरकार द्वारा किसी भी स्तर पर हमारी मांगों का संज्ञान नहीं लिया जा रहा जिससे लाखों पूर्व सैनिक परिवार निराश और मायूस है. समान रैंक समान (OROP) की विसंगतियों का निवारण सन् 1973 तब जे सी ओ और जवानों को बलपूर्वक काम सेवा अवधि व उम्र में रिटायर करने की बाध्यता के कारण उनकी पेंशन का निर्धारण वेतन का 75 प्रतिशत हुआ करता था. 

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जिससे घटाकर कर यह आश्वासन दिया जाता था कि समान बैंक समान पेंशन के माध्यम से इसकी क्षतिपूर्ति सरकार द्वारा करा दी जायेगी. सरकार ने समान बैंक समान पेंशन जुलाई 2014 से स्वीकृत की पर इसका सही निर्धारण होने से जे.सी. ओ. जवानों को नाम मात्र का लाभ मिला. और सरकार द्वारा स्वीकृत बजट का बड़ा हिस्सा सेना के उन प्रतिशत रिटायर्ड अधिकारियों की जेब में चला गया जो इसके हकदार ही नहीं थे क्योंकि आजादी के बाद से ही उनको तो वेतन कि 50 प्रतिशत पेंशन प्राप्त होती आई है. और आज भी ये 56-57 वर्ष से अधिक आयु में उच्च पेंशन राशी के 50प्रतिशत की उच्च पेंशन प्राप्त कर रहे.

समान रैंक समान पेंशन (OROP) का निर्धारण सहीं नहीं होने को कारण 
निर्धारण नेशनल मेक्सिमम ऑफ स्केल ऑफ दा बैंक एण्ड ग्रुप के आधार पर नहीं कर वर्ष 2023 में रिटायर हुए जे.सी. ओ. व जवानों की पेंशन मेक्सिमम् और मिनियम के औसत के आधार पर किया जाना रहा है जिससे विसंगतियां उत्पन्न हुई है.

DISABILITY PENSION में भेदभाव व विसंगति
यह एक कठोर सच है कि हर इंसान को अपने शरीर का अंग जरूरी और प्यारा होता है तो फिर अधिकारी और गैर-अधिकारी की डिसेबिलिटी पेंशन में अंतर क्यों है.

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