Harit Sangam Fair 2024 : चित्रकूट धाम में 5 दिवसीय हरित संगम मेला शुरू, 107 बैलगाड़ियां रही आकर्षण का केंद्र
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Harit Sangam Fair 2024 : चित्रकूट धाम में 5 दिवसीय हरित संगम मेला शुरू, 107 बैलगाड़ियां रही आकर्षण का केंद्र

Harit Sangam Mela 2024 : अमृता देवी पर्यावरण संस्थान एवं नगर परिषद द्वारा पांच दिवसीय हरित संगम 2024 मेले का शुभारंभ आज भीलवाड़ा के चित्रकूट धाम में किया गया. मेले का मुख्य आकर्षण इस मौके पर शहर में निकली बैलगाड़ी यात्रा रही.

Harit Sangam Fair 2024 : चित्रकूट धाम में 5 दिवसीय हरित संगम मेला शुरू, 107 बैलगाड़ियां रही आकर्षण का केंद्र

Harit Sangam Mela 2024 : अमृता देवी पर्यावरण ( अपना ) संस्थान एवं नगर परिषद द्वारा पांच दिवसीय हरित संगम 2024 मेले का शुभारंभ आज भीलवाड़ा के चित्रकूट धाम में किया गया. मेले का मुख्य आकर्षण इस मौके पर शहर में निकली बैलगाड़ी यात्रा रही.

इस यात्रा में भीलवाड़ा जिले से मंगवाई 107 बैलगाड़ियां सभी के आकर्षण का केंद्र रही. स्थानीय मोदी ग्राउंड से 107 बैलगाड़ियों की यात्रा शहर के प्रमुख संत और प्रांत प्रचारक विजय आनंद , पद्मश्री हुकुमचंद पाटीदार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. शहर के मुख्य मार्ग से होती हुई यह बैलगाड़ी यात्रा दोपहर 1:00 बजे के बाद चित्रकूट धाम पहुंची.

बैलगाड़ी यात्रा को लेकर शहर में उत्साह का माहौल देखने को मिला. यात्रा से पूर्व बैलगाड़ियों को अलग-अलग थीम पर आकर्षक तरीके से सजाया गया , इन बैलगाड़ियों में विभिन्न स्कूली छात्र-छात्राएं , महिला मंडल एवं अन्य स्वयंसेवी संस्थान के सदस्य सवार हुए.  बैलगाड़ी यात्रा का उद्देश्य शहर के लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाना है. इस मौके पर शहर के विभिन्न स्थानों पर बैलगाड़ी यात्रा का पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया गया. मेला स्थल चित्रकूट धाम पहुंचने पर शोभायात्रा संपन्न हुई.

कार्यक्रम सह सयोजक राजकुमार बम्ब ने जानकारी साझा करते हुए ने बताया कि हरित संगम 2024 पांच दिवसीय पर्यावरण मेले की शुरुआत आज बैलगाड़ी यात्रा के साथ की गई है. इस यात्रा का उद्देश्य शहर के लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाना, पॉलिथीन के उपयोग को बंद करना साथ ही पेड़ लगाने और पर्यावरण बचाने पर जोर देना है.

पांच दिन चलने वाले इस मेले में प्रतिदिन दिन निशुल्क चिकित्सा जांच शिविर का आयोजन होगा. तेरापंथ योग परिषद संस्था द्वारा ब्लड प्रेशर एवं ब्लड शुगर की निशुल्क जांच की जाएगी. 11 जनवरी को मानव सेवा उपकरण शिविर महावीर इंटरनेशनल कनक द्वारा आयोजित किया जाएगा. 12 जनवरी को दोपहर में कनक द्वारा नेत्र जांच एवं परामर्श शिविर का आयोजन होगा.

13 जनवरी को तेरापंथ महिला मंडल द्वारा आयुर्वेदिक होम्योपैथिक एवं एक्यूप्रेशर शिविर का आयोजन के साथ ही अंतिम दिन 14 जनवरी को सहयोग सेवा फाउंडेशन द्वारा मेला स्थल पर विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा. मेले के दौरान 10 से 14 जनवरी तक प्रत्येक दिन शहर में साइकिल रैली निकली जाएगी और रैली के माध्यम से पर्यावरण बचाने का संदेश दिया जाएगा. मुख्य रूप से संस्था के द्वारा इन सभी आयोजन का उद्देश्य पेड, पानी और पॉलिथीन उपयोग के प्रति जागरूकता लाना और पर्यावरण बचना है.

इस मौके पर भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा कि नंदी की प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है बैल की प्रासंगिकता आज भी है. इसलिए जड़ों की ओर लौटे , संस्कृति की ओर लौटे. समन्वय के साथ में आधुनिकता, विज्ञान और भारत की संस्कृति तीनों का संबंध भारत को आगे ले जाएगा.

संस्कृति और आधुनिकता के बीच में विज्ञान कभी भेद नहीं करती और भारत के वेद उपनिषद और पुराणों ने तो विज्ञान की प्रासंगिकता के संबंध में रखा है और इसलिए स्वामी विवेकानंद कहते थे गीता और विज्ञान इनका संबंध हिंदुस्तान को तरक्की के रास्ते ले जा सकता है. कोई जमाना था जब नेहरू जी कहते थे बैलगाड़ी से हम लोग तरक्की नहीं कर सकते लेकिन आज वही देश है, बैलगाड़ी वाला देश है जो अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा छलांग लगा रहा है लेकिन यह बेल यह केवल प्रतीक मात्र नहीं है अर्थव्यवस्था का प्राण तत्व है और इसलिए इनका संदेश यह है कि जो पुराने समय में हमारे यहां जो संस्कृति थी, हमारे यहां जो परिपाटी थी, पर्यावरण के संरक्षण का जो संदेश था एक सामाजिक अर्थव्यवस्था थी, व्यवस्था थी और उसी का संदेश है.

छोटी जोत में जितना ट्रैक्टर सफल नहीं उतना हमारा नंदी सफल है. मेले के दौरान पर्यावरण संरक्षण के प्रति आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से फ्लावर प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है जिसमें 200 से ज्यादा वैरायटी के 10 हजार पौधे सजाए गए है. साथ ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से जोधपुर से आई खम्मू राम विश्नोई की टीम द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी भी मेले में प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.

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