बागीत गांव के किसानों का आरोप है कि इस जहरीले पानी से कुओं का पानी खराब होने के साथ जलीय जीव-जंतुओं पर मौत का खतरा मंडराने लगा है, जबकि सम्बंधित अधिकारी काले पानी से कोई खतरा नहीं होने का आश्वासन दे रहे हैं.
Trending Photos
Mandalgarh: जिले के मांडलगढ़ इलाके से गुजरने वाली बेड़च नदी में एक सप्ताह से आ रहा काला केमिकल युक्त पानी देख ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई हैं.
राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सख्त निर्देशों के बाद भी भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ की फैक्ट्रियों से प्रदूषित एवं केमिकल युक्त पानी को बेड़च नदी में छोड़ा जा रहा है. फैक्ट्री मालिकों द्वारा चोरी छिपे बरसात के मौसम में विषैला पानी नदी में छोड़ने के कारण पानी का रंग काला पड़ गया है जबकि ग्रामीणों ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व नदी में बारिश का साफ पानी आ रहा था लेकिन इन दिनों बदबूदार सफेद झाग वाला पानी आने से आसपास गांवों के मवेशी भी पानी पीने से परहेज करने लगे हैं.
यह भी पढे़ं- क्या आप भी मांग में सिंदूर भरते हुए करती हैं ये गलती, पति से अलग होने की आ सकती है नौबत
बागीत गांव के किसानों का आरोप है कि इस जहरीले पानी से कुओं का पानी खराब होने के साथ जलीय जीव-जंतुओं पर मौत का खतरा मंडराने लगा है, जबकि सम्बंधित अधिकारी काले पानी से कोई खतरा नहीं होने का आश्वासन दे रहे हैं.
नहीं हुई सैंपल की भी जांच
बता दें कि बेड़च नदी का पानी त्रिवेणी संगम से बनास नदी में समाहित होकर जयपुर-अजमेर की जीवन रेखा बीसलपुर बांध में आ रहा है, बेड़च नदी में केमिकल का काला पानी आने की शिकायत पर्यावरण बचाओ संघर्ष समिति बागीत के अध्यक्ष भीम सिंह कानावत ने स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन से की, लेकिन विभाग के किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने मौके पर आ कर इस पानी का सैंपल लेकर जांच तक करना जरूरी नहीं समझा.
कपड़ा फैक्ट्रियां और प्रोसेस हाउस रसायनयुक्त पानी छोड़ रहे
बता दें कि भीलवाड़ा जिले में फैक्ट्रियों से निकला घातक रसायनों से युक्त पानी जहां-जहां से बहकर जा रहा है, उस राह में आने वाले खेतों में बर्बादी का कहर बरपा रहा है, जो काला पानी सरकारी अफसरों को नजर नहीं आता. भीलवाड़ा और चित्तौड़ के प्रोसेस हाउस वस्त्रनगरी के आस-पास दर्जनों गांवों के ग्रामीणों की सेहत में जहर घोल रहे हैं. दोनो ही जिलों में कई कपड़ा फैक्ट्रियां और प्रोसेस हाउस रसायनयुक्त पानी छोड़ रहे हैं. राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की सख्त मनाही के बावजूद खाली पड़ी जमीनों, नाले और बांधों तक में काला पानी छोड़ा जा रहा है. मंगरोप और हमीरगढ़ क्षेत्र के हालत यह है कि हैंडपंप और कुओं का पानी तक काला हो गया है. सब्जियों का स्वाद बदल गया है. लोग खेती करना बंद कर पलायन करने को मजबूर होने लगे हैं.
क्या कहते हैं नियम
नियमों की माने तो प्रोसेस हाउस प्रदूषित पानी बाहर नहीं छोड़ सकते. चारदीवारी से बाहर प्रदूषित पानी छोडऩे पर कंसेंट टू ऑपरेट तक निरस्त करने का प्रावधान है, लेकिन ऐसा होता नहीं है. शहर के निकट रीको ग्रोथ सेंटर में जो कपड़ा फैक्ट्रियां और प्रोसेस हाउस हैं, इनसे प्रदूषित पानी निकलता है. यह पानी चोरी-छिपे बनास नदी, गुवारड़ी नाले और गुवारड़ी बांध में छोड़ा जा रहा है. यह मामला न्यायालय में भी पहुंच गया. इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी कुछ नहीं कर रहे.
Reporter- Dilshad khan
भीलवाड़ा की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें.
यह भी पढे़ं- सुहागरात पर घूंघट खोलने से पहले ही दूल्हे ने की ऐसी हरकत, फट गई दुल्हन की आंखें, लगी दनादन पीटने
यह भी पढे़ं- जिंदगी भर पति से ये बातें छिपाती है हर पत्नी, आखिरी दम तक नहीं बताती, खुद ले सकते टेस्ट
यह भी पढ़ें- बसे-बसाए घर को तहस-नहस कर देती हैं इस तरह की महिलाएं, जानें आपके घर में लक्ष्मी या....
यह भी पढे़ं- शादीशुदा पतियों के लिए खास कैंप, कुंआरे लड़के भी जरूर करें अटेंड, मिलेगा प्यार ही प्यार