Photos: धर्म नगरी भीलवाड़ा में दशहरा की धूम, मुस्लिम भाई तैयार कर रहे 51 फीट ऊंचा पुतला
Bhilwara News: असत्य पर सत्य की विजय का पर्व दशहरा 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इसे लेकर धर्म नगरी भीलवाड़ा में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा हैं. भीलवाड़ा के हर तीज-पर्व की खासियत को बरकरार रखते हुए इस बार भी गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की जा रही है. यहां मुस्लिम बंधुओं द्वारा रावण का पुतला तैयार किया जा रहा है.
तेजी चौक में होने वाले पुतला दहन के लिए नगर निगम द्वारा रावण का 51 फीट ऊंचा पुतला तैयार किया जा रहा है, जिसे बनाने का काम मुस्लिम बंधु कर रहे हैं. यहां पिछले कई दशक से पुतले बनाने का काम मुस्लिम परिवार ही करते आ रहे हैं. पीढ़ियों से दशहरे के पर्व पर रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाथ का पुतला बनाने का काम कर रहे अब्दूल समद सोरगर बताते हैं कि इस काम को करते हुए हमारी तीन पीढ़ियां गुजर गई. इसे करने में हमें दिल से खुशी मिलती है क्योंकि यह एक धार्मिक आस्था का काम है.
बांस की कीमत भी बढ़ गयी
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समद कहते हैं कि इस बार महंगाई की मार सबसे अधिक है. पिछली बार की अपेक्षा इस बार बांस की कीमत भी बढ़ गयी है. इसके साथ ही पुतले को बनाने में प्रयोग में आने वाली नायलॉन, सूती धोती, रंग और तूतिया सहित मैदे के दाम में भी काफी इजाफा हो गया है, जिससे पुतलों की लागत बढ़ गयी है. तीनों पुतलों के निर्माण में लगभग 2 महीनों का समय लगता है और 10 कारीगर मिलकर पुतलों का निर्माण करते हैं.
रावण का अस्तित्तव ही समाप्त हो गया
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समद ने बताया कि इस बार रावण 51, कुम्भकर्ण 35 और मेघनाथ का पुतला 35 फीट का बनाया जा रहा है. शहर में रावण का सबसे बड़ा पुतला यहीं जलाया जाता है. पुतला दहन के साथ यहां होने वाली भव्य आतिशबाजी भी लोगों के आकर्षण का केंद्र होती है. हालांकि इस बार पर्यावरण सुरक्षा के लिए पुतले में कम धुएं वाले पटाखों का प्रयोग किया जा रहा है. समद कहते हैं कि दो माह से लगातार दिन रात मेहनत करते है तब कहीं जाकर रावण का पुतला तैयार कर पाते हैं. लेकिन पलक झपकते ही जब वह जलता है तो बहुत दुख होता है. रावण में अगर अभिमान न आता तो निश्चित ही उससे बड़ा शक्तिशाली बन पाना मुश्किल बात होती. जरा से घमंड के कारण रावण का अस्तित्तव ही समाप्त हो गया.
सारे धर्म के लोग करते हैं बनाने में मदद
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तेजीजी चैक में होने वाले रावण दहन के कार्यक्रम को आयोजित करने में कौमी एकता की मिसाल रहती है. क्योंकि इस आयोजन में न के हिन्दु, बल्कि, मुस्लिम, सिख व ईसाइ समुदाय से जुड़े सदस्य सहयोग करते हैं, तब कहीं जाकर समारोह को निर्विघ्नरूप से सम्पन्न करा पाते हैं. हर बार की तरह इस बार भी निगम ने करीब 20 मिनट तक आतिशबाजी के प्रदर्शन के लिए तैयारी की है. इस बार आतिशबाजी में आकर्षक चकरी के अलावा आसमानी आतिशबाजी लोगों के आकर्षण का केंद्र होगी.
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