Bikaner: हिस्ट्रीशीटर दानाराम सियाग चढ़ा पुलिस के हत्थे, सिद्धू मूसेवाला और राजू ठेहट हत्या के करीबी से जुड़े है तार
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Bikaner: हिस्ट्रीशीटर दानाराम सियाग चढ़ा पुलिस के हत्थे, सिद्धू मूसेवाला और राजू ठेहट हत्या के करीबी से जुड़े है तार

Bikaner News: राजस्थान की बीकानेर पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर दानाराम सियाग को गिरफ्तार किया है. उस पर लूट,डकैती,हत्या के प्रयास,आर्म्स एक्ट और फिरौती के 13 मामले दर्ज है.

History sheeter Danaram Siyag Arrested ZeeRajasthan

Bikaner News: राजस्थान की बीकानेर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने  Rajpasa act में हिस्ट्रीशीटर दानाराम सियाग को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि दानाराम, सिद्धू मूसेवाला और राजू ठेहट हत्या मामले के आरोपी के बेहद करीबी है. 

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दानाराम की गरिफ्तारी को लेकर पुलिस ने बताया कि उसपर लूट,डकैती,हत्या के प्रयास,आर्म्स एक्ट और फिरौती के 13 मामले दर्ज है. गौरतलब है कि प्रदेश में लोकसभा चुनावों का महौल है. इसे लेकर सभी जिलों की पुलिस अलर्ड मोड पर है. इसी कड़ी में बीकानेर पुलिस ने चुनावो की तरीख का ऐलान होने के बाद आदर्श आचार संहिता के तहत प्रदेश में Rajpasa act की पहली कार्रवाई की है. 

 

बता दें कि  हिस्ट्रीशीटर दानाराम की गिरफ्तारी  पर आईजी ओमप्रकाश के निर्देशन में एसपी तेजस्वनी गौतम के नेतृत्व में  कार्रवाई की गई है. इस बाबत एसपी तेजस्वनी गौतम ने प्रेस वार्ता कर  जानकारी दी है. उल्लेखनीय है कि रेंज आईजी ने हार्डकोर क्रिमिनल  दानाराम पर  50 हज़ार और एसपी ने 25 हज़ार का इनाम भी रखा हुआ है.  यह लूणकरणसर का हिस्ट्रीशीटर बताया गया है. 

क्या है Rajpasa act 
राजस्पा एक्ट को राजस्थान प्रिवेंशन ऑफ एंटी सोशल एक्टिविटी एक्ट-2006 (राज पासा) कहा जाता है. इस एक्ट को 2008 में लागू किया गया था. इस एक्ट में गिरफ्तारी केवल कलेक्टर के आदेश जारी करने के बाद ही की जा सकती है. बता दें कि किसी भी बदमाश पर राजस्थान प्रिवेंशन ऑफ एंटी सोशल एक्टिविटी एक्ट 2006 लगाने की स्वीकृति का अधिकार सिर्फ कलेक्टर को होता है. 

 कलेक्टर को यह अधिकार भी कुछ सीमित समय के लिए राज्य सरकार के जरिए दिया जाता है. एसपी के यहां से राज पासा के इस्तगासे आने पर कलेक्टर यह अधिकार प्राप्त करने के लिए इस्तगासा राज्य सरकार को भेजा जाता है. 

एक साल तक नहीं होगी जमानत
इस एक्ट के तहत प्रावधान है कि इसके तहत जेल में भेजे गए बदमाश की एक साल तक जमानत नहीं हो सकती है. वह एक साल बाद भी जमानत के लिए हाईकोर्ट में ही आवेदन कर सकेगा.

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