RAS परीक्षा में महिलाओं की अस्मिता से हुआ खिलवाड़, भीड़ के बीच काटी गई अभ्यर्थी की आस्तीन
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RAS परीक्षा में महिलाओं की अस्मिता से हुआ खिलवाड़, भीड़ के बीच काटी गई अभ्यर्थी की आस्तीन

राजस्थान में आरएएस की प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया गया था. परीक्षा के दौरान किसी तरह की गड़बड़ी ना हो इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर खास इंतजाम किए गए थे. 

परीक्षा के फेयर आयोजन के नाम पर उस परीक्षा केंद्र पर लड़कियों और महिलाओं के आस्तीन के स्लीव्स काटे जा रहे थे.

Bikaner: राजस्थान में आरएएस की प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया गया था. परीक्षा के दौरान किसी तरह की गड़बड़ी ना हो इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर खास इंतजाम किए गए थे. सीसीटवी कैमरे की निगरानी से लेकर पुलिस का साइबर सेल तक एक्टिव था. नकल रोकने के लिए पुलिस के विशेष दस्ते तैनात किए गए थे. परीक्षा केंद्रों पर भी चौकसी बढ़ा दी गई थी, लेकिन इन सब के बीच बीकानेर के एक परीक्षा केंद्र की जो तस्वीर सामने आई वो हैरान करने वाली थी. परीक्षा के फेयर आयोजन के नाम पर उस परीक्षा केंद्र पर लड़कियों और महिलाओं के आस्तीन के स्लीव्स काटे जा रहे थे. उस पर तुर्रा ये कि स्लीव्स काटने के लिए महिला कर्मचारी के अलाव पुरुष गार्ड के हाथों में भी कैची थमा दी गई थी. वाकई ये शर्मनाक घटना है. सवाल महिला की अस्मिता और गरिमा का है. आखिर परीक्षा के नाम पर किसी को महिलाओं को अपमानित करने का अधिकार किसने दिया है. क्या इस तरह के सरकारी निर्देश हैं या किसी ने ओवर कंफिडेंस में खुद के फैसले से ये कराया है...जो भी हो ये घटना शर्मनाक है. इस तस्वीर के सामने आने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग (National Women Commission) ने संज्ञान लिया और राजस्थान के चीफ सेक्रेटरी से जवाब तलब किया है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

अब चूंकि बीकानेर के एमएस कॉलेज की इस शर्मनाक घटना का वीडियो भी सामने आ गया है ऐसे में सरकार और प्रशासन का टेंशन बढ़ गया है. बीकानेर के एमएस कॉलेज से आई ये तस्वीरें हैरान करने वाली हैं...ये तस्वीरें तब की हैं...जब ये लड़कियां और महिलाएं आरएएस की प्रारंभिक परीक्षा देने के लिए परीक्षा केंद्र पर पहुंची थीं. जहां परीक्षा में नकल रोकने के लिए लंबी बाजू के कपड़े पहनने वाली लड़कियों के स्लीव्स काट दिए गए. तय है ये निर्देश ऊपर से आया होगा, लेकिन परीक्षा केंद्र संचालक ने इन लड़कियों और महिलाओं की अस्मिता का ख्याल क्यों नहीं रखा. भीड़ के बीच किसी महिला के कपड़े कतरने की इजाजत और वो भी पुरुष कर्मचारी के हाथों क्यों दी. परीक्षा में शामिल होने आई महिलाओं को अपमानित करने का हक किसने दिया. अगर इस तरह के निर्देश ऊपर से आए थे तो कम से कम महिलाओं की गरिमा का ख्याल तो रखना चाहिए था. फेयर परीक्षा के नाम पर ऐसा करना कोई उचित ठहरा सकता है क्या? मामले के तूल पकड़ने के बाद महिला की स्लीव काटने वाले गार्ड ने कहा है कि उसको ऐसा करने के लिए निर्देश दिया गया था. जबकि एमएस कॉलेज के प्रिंसिपल अपनी सफाई में कह रहे हैं कि ये किसी इंटेंशन से नहीं किया गया.

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इन तस्वीरों के वायरल होने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने चीफ सेक्रेटरी से ना सिर्फ जवाब तलब किया है बल्कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं. अभ्यर्थियों के लिए गाइडलाइन बनाने वालों को ये सोचना चाहिए कि परीक्षा देने वालों में लड़कियां और महिलाएं भी होती हैं. लिहाजा निर्देश भी इसके मद्देनजर जारी करना चाहिए. इलेक्ट्रानिक गजट का जमाना है. नकल के चीट-पूर्जों की जांच के लिए इलेक्ट्रॉनिक गजट का इस्तेमाल बेतहर विकल्प होता.

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