Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर 12 साल बाद बना गजलक्ष्मी राजयोग, वैदिक मंत्रोच्चार से किया गया पवनपुत्र का पंचामृत अभिषेक
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Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर 12 साल बाद बना गजलक्ष्मी राजयोग, वैदिक मंत्रोच्चार से किया गया पवनपुत्र का पंचामृत अभिषेक

Hanuman Jayanti 2024: राम भक्त और माता अंजनी के लाला, वीर हनुमान के जन्मोत्सव के मौके पर मंगलवार को छोटीकाशी में हनुमंत भक्ति की बहार फैली रही. ऋतु के पुष्पों से श्रृंगार कर फूल बंगले में विराजमान किया और लड्डूओं का भोग लगाया गया. 

Hanuman jayanti 2024

Hanuman Jayanti 2024: राम भक्त और माता अंजनी के लाला, वीर हनुमान के जन्मोत्सव के मौके पर मंगलवार को छोटीकाशी में हनुमंत भक्ति की बहार फैली रही. चार साल बाद मंगलवार और 12 साल बाद गजलक्ष्मी राजयोग में हनुमान जन्मोत्सव मंदिरों में सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा की चौपाइयों के बीच बल-बुद्धि के देवता को अभिषेक किया गया. ऋतु के पुष्पों से श्रृंगार कर फूल बंगले में विराजमान किया और लड्डूओं का भोग लगाया गया. शहर के मंदिरों में हनुमानजी का स्वर्ण-रजत श्रृंगार किया गया. छप्पन भोग की झांकी के साथ जगह- जगह निशान और शोभायात्राएं निकाली गईं. हनुमानजी के छप्पन भोग लगाए गए.

खोले के हनुमान जी मंदिर से लेकर चांदपोल हनुमान मंदिर में लगा रहा भक्तों का तांता

खोले के हनुमान जी मंदिर में हनुमानजी का 108 औषधियुक्त द्रव्यों और विभिन्न तीर्थों के जल से मंत्रोच्चारण के साथ अभिषेक हुआ. मध्याह्न 12 बजे विशेष उत्सव आरती और हवन का आयोजन हुआ. पवनपुत्र के समक्ष एक से बढ़कर एक नमकीन, मीठे पकवानों का भोग लगाया. चांदी की टकसाल स्थित ठिकाना मंदिर काले हनुमानजी में महंत गोपालदास के सान्निध्य में हनुमानजी का गंगाजल, इत्र और पंचामृत के साथ ऋतु फलों के रस से सहस्त्रधाराभिषेक हुआ. हनुमानजी का अलौकिक श्रृंगार किया गया. जन्मोत्सव के तहत भक्तों की ओर से सामूहिक संगीतमय सुंदरकांड के हुए. हनुमानजी  के छप्पन भोग लगाया गया. चांदपोल हनुमान मंदिर में हनुमान जयंती पर भक्तों का तांता लगा रहा. इस अवसर पर सुबह मंत्रोच्चार के साथ भगवान का पंचामृत अभिषेक किया गया. इसके बाद सिंदूर का चोला चढ़ाकर फूलों से नयनाभिराम शृंगार किया गया. पूरे मंदिर को फूलमालाओं, बांदरवारों और गुब्बारों से सजाया गया.

 बालाजी मंदिर  को फूलों और बांदरवारों से सजाया
पुराना घाट स्थित घाट बालाजी मंदिर को फूलों और बांदरवारों से सजाया गया. वैदिक मंत्रोच्चार पूर्वक बालाजी की पंचामृत अभिषेक नवीन चोला धारण कराकर विभिन्न मिष्ठानों का भोग अर्पित किया गया. इसके बाद ही भक्तों ने सुंदरकाण्ड, हनुमान चालीसा पाठ, भजन संकीर्तन कर बालाजी की महिमा का गुणगान किया. चांदपोल हनुमान मंदिर में हनुमान जयंती पर भक्तों का तांता लगाया गया. इस अवसर पर सुबह मंत्रोच्चार के साथ भगवान का पंचामृत अभिषेक किया गया. इसके बाद सिंदूर का चोला चढ़ाकर फूलों से नयनाभिराम शृंगार किया गया. पूरे मंदिर को फूलमालाओं, बांदरवारों और गुब्बारों से सजाया गया.

 स्वेजफार्म, सोडाला स्थित सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर में बालाजी का महाभिषेक, आरती, भजन संध्या एवं प्रसादी समेत विभिन्न धार्मिक आयोजन हुए. जगतपुरा मुख्य बाजार स्थित टीबा वाले हनुमान जी मंदिर में गाजे बाजे के साथ शोभायात्रा निकली. न्यूसांगानेर रोड प्रजापति विहार स्थित चिंताहरण काले हनुमान जी मंदिर में महंत स्वामी मनोहरदास के सान्निध्य में पवनपुत्र का पंचामृत अभिषेक हुआ. इस अवसर पर विशेष व्यंजनों का भोग लगाने के साथ ही विभिन्न फूलों से पवनपुत्र का शृंगार किया. अम्बाबाड़ी स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर में शहरवासियों को गंगोत्री, यमनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ के दर्शन हुए. मंदिर के दरबार में केवट श्रीराम संवाद, माता शबरी के भगवान राम को बेर खिलाने वाली व कमल कुंज झांकी आकर्षण का केंद्र रही.

बहरहाल, हनुमान, रामायण के सबसे प्रमुख पात्रों में से एक हैं. भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान, साहस, चरित्र, भक्ति और सदाचार के आदर्श प्रतीक हैं. उनके चरित्र में कई ऐसी बातें हैं, जो मनुष्य को सीख दे सकती हैं. हनुमानजी के जीवन चरित्र से मनुष्य वर्तमान जीवन में आने वाली चुनौतियों-कठिनाइयों आदि का सामना सुलभता से कर सकता है. हनुमान के चरित्र में ऐसे कई गुण हैं, जो मनुष्य को प्रेरणा देते हैं. हनुमान जयंती के अवसर पर कुछ गुणों का ध्यान करें तो जीवन में संतुलन बनाया जा सकता है.

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