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बीकानेर: दो धर्मों के संगम स्थल के रूप में विख्यात महर्षि कपिल मुनि के कार्तिक पूर्णिमा के मेले को लेकर साधु संतों का आगमन शुरू हो गया है. दो धर्मों के संगम का संदेश देता कोलायत का कार्तिक पूर्णिमा का ये मेला स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख मे सुंदर नजर आ रहा है. कोलायत का कार्तिक पूर्णिमा का मेला विश्व भर में प्रसिद्ध है . कोरोना काल के दो साल बाद आयोजित मेले लो लेकर श्रद्धालुओं में इसबार काफी उत्साह भी नजर आ रहा है . मंत्री से लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद हैं. प्रशासनिक अधिकारी साफ सफाई में चाक-चौबंद व्यवस्था को लेकर मेले की तैयारियों को लेकर तैयारी में जुटे हुए हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि यह मेला साल में एक बार लगता है और पूरे राजस्थान भर से श्रद्धालु यहां श्रद्धा की डुबकी लगाने के लिए आते हैं . कोलायत वासियों को यह कार्तिक पूर्णिमा का मेला सन 2019 में जो तत्कालीन जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम के निर्देश पर महाआरती का आयोजन किया था और कोलायत को एक दुल्हन की तरह सजाया गया था. वह याद आ रहा है.
कार्तिक पूर्णिमा का मेला हिंदू और सीख धर्म की आस्था का केंद्र माना जाता है. दोनों धर्म के अनुयाई एक ही दिन एक ही समय एक ही स्थान पर डुबकी लगा सामाजिक एकता का संदेश देते है. लाखों की संख्या में लोग यहां आस्था की डुबकी लगाने के लिए आते हैं और मेले का भरपूर आनंद लेते हैं. इस बार कोलायत में साफ सफाई की व्यवस्था, रंग रोगन, डेकोरेशन की व्यवस्था नजर आ रही है .ग्रामीणों का कहना है कि मेले को लेकर इस बार कोई बजट आवंटन किया गया है. हिंदुओ के आराध्य कपिल मुनि मंदिर के साथ गुरूद्वारा साहेब को भी रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया है.
विभिन्न अखाड़ों के साधुओं ने किया शाही स्नान
कपिल मुनि की प्रतिमा को रथ पर सवार करवाकर नगर भ्रमण करवाने के लिए सवारी रवाना की . इस तरह ने विभिन्न संप्रदायों के साधु संत ने इसे नगर परिक्रमा में जयकारो के साथ वातावरण गुंजायमान किया . 80 साल बाद साधु समुदाय ने दत्तात्रेय की पालकी निकालने की प्रमुख परंपरा को शुरू किया . नागा साधुओं ने 24 घंटे के अंदर हाथ से लकड़ी की पालकी बनाई और उसमें भगवान दत्तात्रेय की प्राचीन मूर्ति को बैठाकर भ्रमण करवाया. 80 साल बाद इस बार पुनः दत्तात्रेय महाराज की पालकी ही निकाली गई.
ग्रामीणों ने मेले को लेकर जिला प्रशासन और स्थानीय मंत्रियों से मांग की है कि यह मेला हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बड़ा ऐतिहासिक लगे. इसको लेकर पूरी तरह से तैयारियां की जाए और महाआरती का आयोजन भी किया जाए . कपिल सरोवर के घाटों सहित कोलायत बाजार की सफाई भी की जाए. मेले मेले में घूम रहे असामाजिक तत्वों से बचाव के लिए सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस के जवानों की अतिरिक्त व्यवस्था करवाने की मांग की है.
सिख व हिंदू धर्म के लोग के आस्था का केंद्र कपिल सरोवर लंबे समय से अपनी सफाई की बाट जो रहा था वो इस बार पूरी तरह से मशीन लगाकर साफ कर दिया गया है . इस बार सरवर की सफाई को लेकर ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी और विकास अधिकारी दिनेश सिंह भाटी सक्रिय नजर आए और इनकी मेहनत से अजमेर से मशीन को बुलवाकर सफाई की गई है . जो आस्था कि डुबकी लगने आने वाले लाखो श्रद्धालुओं राहत देगी.
REPORTER TRIBHUWAN RANGA