राजस्थान सरकार के मंत्री को कलेक्टर नहीं करते बर्दाश्त ! रमेश मीणा और बीकानेर कलेक्टर का वीडियो वायरल
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राजस्थान सरकार के मंत्री को कलेक्टर नहीं करते बर्दाश्त ! रमेश मीणा और बीकानेर कलेक्टर का वीडियो वायरल

Rajasthan : राजस्थान सरकार में पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा और बीकानेर कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल के बीच का वीडियो वायरल हो गया है जिसमें मंत्री के भाषण के बीच कलेक्टर को फोन चलाने से टोका तो कलेक्टर बैठक छोड़कर बाहर चले गए.

राजस्थान सरकार के मंत्री को कलेक्टर नहीं करते बर्दाश्त ! रमेश मीणा और बीकानेर कलेक्टर का वीडियो वायरल

Rajasthan : अशोक गहलोत सरकार में पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा और बीकानेर ( Bikaner ) कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल के बीच टकराव का मामला सामने आया है. ये घटना बीकानेर में रविंद्र रंगमंच में चल रहे एक कार्यक्रम की है. मंत्री रमेश मीणा ( Ramesh Meena ) यहां कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उनका भाषण चल रहा था लेकिन कलेक्टर भगवती प्रसाद इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रहे थे. वो फोन पर बात भी कर रहे थे जिससे मंत्री नाराज हो गए. मंत्री ने सख्ती दिखाई तो कलेक्टर कार्यक्रम छोड़कर चले गए. जैसे ही कलेक्टर अपनी जगह से उठे तो पीछे से मंत्री ने भी कह दिया- हां, आप यहां से चले जाइए. हालांकि बाद में अन्य लोगों के बुलाने पर कलेक्टर वापिस आ गए थे.

मंत्री रमेश मीणा जब राजस्थान सरकार की योजनाओं के  बारे में बोलते हुए भाषण दे रहे थे तो उस वक्त कलेक्टर भगवती प्रसाद फोन पर बात करने और उसे यूज लेने में व्यस्त थे. ये देखकर मंत्री गुस्सा हो गए और कहा कि हम सरकार की योजनाओं की बात कर रहे है. मीणा ने यहां तक कह दिया कि आप हमारी बात सुन क्यों नहीं रहे है. क्या हमारी सरकार में अफसरशाही इतनी हावी हो गई है. जिससे नाराज होकर कलेक्टर भी वहां से उठकर चल दिए.

कार्यक्रम के बाद रमेण मीणा ने कहा कि मेरी तो इन कलेक्टर से पहली बार मुलाकात हुई है. किसी भी अधिकारी के काम का पता मीटिंग में ही चलता है. मेरी तो पहली मुलाकात है. अभी तक तो सिर्फ फोन का मामला सामने आया है. 

राजस्थान में बढ़ा सरकार ब्यूरोक्रेसी का टकराव

राजस्थान में पिछले कुछ दिनों में सरकार और ब्यूरोक्रेसी के बीच टकराव के कई मामले सामने आए है. ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा पेयजल से जुड़ी योजनाओं के मामले पर अफसरशाही और जलदाय मंत्री महेश जोशी को विधानसभा में घेर चुकी है. खेल मंत्री अशोक चांदना अपने मंत्रालय में अफसरों के हावी होने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को संबोधित करते हुए Twitter पर इस्तीफा देने की घोषणा कर चुके है. पिछले लोकसभा चुनावों से पहले अशोक चांदना ने बिजली इंजीनियरों और कर्मचारियों के प्रदर्शन में एक अधिकारी को थप्पड़ मार दिया था. 

सीएम गहलोत के सलाहकार और विधायक संयम लोढा तो गृह और राजस्व विभाग को विशेषाधिकार हनन का नोटिस थमा चुके हैं.

धीरज गुर्जर ने साधा था निशाना

राजस्थान सरकार में बीज बोर्ड के अध्यक्ष, राज्य मंत्री और कद्दावर नेता धीरज गुर्जर ट्वीट ने ट्वीट करके कहा था कि "अधिकारी कभी किसी सरकार के नहीं होते वो सत्ता के और खुद के होते है और जब अपनी कुर्सी को बचाये रखने के लिये विपक्षी दलों से हाथ मिला लेते है तब वो सरकार की कब्र खोद रहे होते है. समय पर इनकी पहचान ना करने से किसी भी सरकार को गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ते है"

विधायक गणेश घोघरा, रामलाल मीना, राजेंद्र बिधूड़ी, भरत सिंह, गिर्राज सिंह मलिंगा और नौकरशाही के बीच टकराव की खबरें मीडिया की सुर्खियां बनती रही हैं. 

बीते साल 16 अक्टूबर 2021 को टोडाभीम विधायक पृथ्वीराज मीणा ने तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा पर काफी संगीन आरोप लगाते हुए बाकायदा सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखकर जिले से बाहर तैनाती की मांग तक कर दी थी. बताया जाता है कि विधायक मीणा और एसपी मृदुल कच्छावा के बीच विवाद की मुख्य वजह एक सीआई और कांस्टेबल की पोस्टिंग को लेकर हुआ था. विधायक पीआर मीणा ने एक इंस्पेक्टर और कांस्टेबल को हटाने की मांग की थी जिसे एसपी मृदुल कच्छावा ने मानने से इंकार कर दिया था और उसके बाद ईगो को लेकर पूरा विवाद खड़ा हुआ. इस पूरे मामले में हालांकि सोशल मीडिया और दूसरे माध्यमों से एसपी मृदुल कच्छावा को काफी समर्थन मिला था.

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विवाद की असली वजह टोडाभीम क्षेत्र में पुलिस कॉन्स्टेबल और सीआई की पोस्टिंग का विवाद बताया जा रहा है. मीणा एक इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल को हटवाना चाहते थे. एसपी ने उनका कहना नहीं माना. विधायक का आरोप है कि कॉन्स्टेबल ने उनके क्षेत्र की महिला से अभद्रता की और इससे जातीय संघर्ष की आशंका थी. इसके बावजूद उसे नहीं हटाया गया.

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बेंगू विधायक का थानाधिकारी से टकराव

इसी साल मार्च में बेंगू विधायक राजेंद्र बिधूड़ी और भैंसरोडगढ थानाधिकारी संजय गुर्जर के बीच बातचीत का एक कथित वीडियो काफी वायरल हुआ था जिसमें कथित रुप से विधायक थानाधिकारी को 07 मिनट में 100 बार गालियां देते हुए मिले थे. विपक्ष के हमलावर होने पर आज नौकरशाही के खिलाफ मुखर हो रहे मंत्री प्रताप सिंह खाचरिवास उस वक्त विधायक के पक्ष में खड़े दिखाई दिए थे. उस वक्त खाचरिवास ने कहा था कि राजेंद्र बिधूड़ी जनता के नेता और जनता की लड़ाई लड़ते हैं.

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वसुंधरा सरकार में भी ऐसे ही रहे हालात

फरवरी 2017 में कोटा के महावीर नगर थाने में विधायक चंद्रकांता मेघवाल और पुलिस के बीच जमकर संघर्ष हुआ था. इस मामले में तत्कालीन थानाधिकारी ने विधायक के पति पर थप्पड़ मारने का आरोप लगाते हुए हवालात में बंद कर दिया था. इस मामले में भी सरकार की काफी फजीहत हुई थी. अब एक बार फिर से राजस्थान सरकार के मंत्री रमेश मीणा और बीकानेर कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल के बीच टकराव का ये वीडियो सरकार और ब्यूरोक्रेसी के बीच टकराव को जगजाहिर कर रहा है.

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