Chittorgarh news: सनातन चातुर्मास आयोजन को लेकर तैयारियों ने पकड़ी गति, भूमि पूजन सोमवार को, आगामी 1 जुलाई से प्रारंभ होने जा रहे सुरजकुंड आश्रम के संत अवधेश चैतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज के चातुर्मास के तीन महीने में लगभग 15 से 20 लाख श्रृद्धालुओं के भाग लेने की संभावना है.
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Chittorgarh news: चातुर्मास आयोजन समिति के अध्यक्ष रतनलाल गाडरी ने बताया कि सुरजकुंड आश्रम राजसमंद जिले के कुंभलगढ़ तहसील में स्थित है. यह आश्रम काफी प्राचीन होकर पहाड़ी मार्ग से होते हुए इस आश्रम तक पदयात्रा कर जाना होता है. क्षेत्र के सभी सनातन धर्मावलंबियों ने सूरजकुंड आश्रम पहुंचकर संत से अनगढ़ बावजी तीर्थ स्थल पर चातुर्मास आयोजन के लिए विनती की जिस पर संत के द्वारा स्वीकृति प्रदान की. अब तक आयोजन समिति चातुर्मास आयोजन को लेकर दो बार सर्व समाज की बैठक आयोजित कर चुकी हैं. जबकि कार्यकारिणी की कई बैठकें हो चुकी है.
आयोजन समिति के उपाध्यक्ष व जिला परिषद सदस्य कैलाश चंद्र जाट ने बताया कि इस आयोजन को लेकर विभिन्न तरह की समितियों का गठन किया गया तथा अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंप कर चातुर्मास की तैयारियां शुरू कर दी गई है. इसके अंतर्गत संतो के लिए कुटिया का निर्माण, भूमि समतलीकरण, टेंट व्यवस्था, भोजन व्यवस्था, वाहन पार्किंग व्यवस्था आदि व्यवस्थाओं पर चर्चा कर अंतिम रूप दिया जा रहा है. आयोजन समिति के सचिव व भूपालसागर पंचायत समिति प्रधान हेमेंद्र सिंह राणावत ने बताया कि इस आयोजन के निमित्त 15 से 20 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान बताया गया. यह राशि जन सहभागिता से जुटाई जा रही है. इसके लिए चित्तौड़गढ़ जिले से ही नहीं भीलवाड़ा, राजसमंद, उदयपुर, प्रतापगढ़ जिलों के विभिन्न समाजों के लोग बैठकें आयोजित कर राशि एकत्रित कर रहे हैं. इसके अलावा सहयोग राशि के लिए समाजवार जिम्मेदारियां भी दी जा रही है.
समिति के कोषाध्यक्ष प्रदीप लड्ढा व कार्यालय सचिव घनश्याम लाल गायरी ने बताया कि चातुर्मास के 90 दिन संतो के यहां प्रवास के लिए 51 कुटिया का निर्माण किया जा रहा है. जिसमें प्रत्येक कुटिया में दो-दो संतों का प्रवास रहेगा. इसके अलावा चातुर्मास आयोजन के प्रमुख संत अवधेश चैतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज के लिए अलग से कुटिया का निर्माण किया जा रहा है. साथ ही प्रतिदिन आने जाने वाले संतो के आवास की व्यवस्था भी अलग से की जा रही है. जिसमें संतों की कुटिया, यज्ञशाला, प्रवचन स्थल व भोजनशाला सभी वाटर प्रूफ बनाए जाएंगे.
प्रतिदिन होने वाले धार्मिक आयोजन. इस चतुर्मास आयोजन में प्रतिदिन प्रातः यज्ञशाला में हवन यज्ञ, दोपहर में प्रत्येक सप्ताह अलग-अलग संतो व कथावाचकों के द्वारा कथा व प्रवचन होंगे, प्रतिदिन रात्रि में भजन कीर्तन सत्संग होंगे. चातुर्मास को लेकर भूमि पूजन कल.इस सनातन चातुर्मास आयोजन को लेकर सोमवार को शुभ मुहूर्त में अखिल भारतीय दण्डी स्वामी संन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रह्माश्रम जी महाराज तथा कैलाश टेकरी के संत ज्ञानानंद जी की उपस्थिति में भूमि पूजन किया जाएगा. जिसको लेकर समिति के द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है.
5 से 10 हजार श्रृद्धालु प्रतिदिन करेंगे भोजन. चातुर्मास के इन 3 महीनों में प्रतिदिन 5 से 10 हजार श्रृद्धालुओं के भोजन की व्यवस्था की गई है तथा शनिवार व रविवार को 10 से 15 हजार श्रृद्धालुओं के भोजन की व्यवस्था समिति की और से की गई है. इसके अलावा चातुर्मास आयोजन की अवधि में आने वाले विशेष पर्व व त्यौहार जिसमें चातुर्मास प्रवेश, गुरु पूर्णिमा, जन्माष्टमी व हरियाली अमावस्या पर्व पर एक-एक लाख श्रृद्धालुओं के भोजन की व्यवस्था की गई है. देश के कोने-कोने से पंहुचेंगे संत व श्रृद्धालु. संत अवधेश चैतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज के शिष्य संत व भक्त जो प्रदेश सहित देश के कोने-कोने में हैं वह भी इस सनातन चातुर्मास में पंहुचेंगे.