Chittorgarh News: चित्तौड़गढ़ में 80 वर्षीय एक बुजुर्ग की मौत हुई तो बेटे की जगह तीन बेटियों ने न केवल बेटे का धर्म निभाते हुए पिता की अर्थी को कांधा दिया बल्कि मुक्तिधाम में पिता को मुखाग्नि भी दी. ऐसा नहीं है कि बुजुर्ग के कोई पुत्र संतान नहीं है. बताया जाता है कि 20 साल पहले पुत्र का विवाह हुआ तब से वो माता-पिता को छोड़ कर कोटा में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रह रहा है.
इसके बाद बेटियां बुजुर्ग पिता के शव को घर ले आई और न वरन अर्थी को कांधा दिया, बल्कि मुक्तिधाम जाकर पिता को मुखाग्नि के रूप में अंतिम विदाई भी दी. पिता के विरह में आंखों से बहती अश्रुधारा लिए बेटे का फर्ज निभाती बेटियों को देख अड़ोसियो पड़ोसियों का दिल भी पसीज गया और उनकी हृदय की पीड़ा आंखों से आंसु बनकर आंखों से बह निकली.
Reporter- Om Prakash
चूंकि बेटा पिछले 20 सालों से मां-बाप से अलग रह रहा था. मां की मौत के बाद से बेटियां ही पिता की सेवा कर रही थी. ऐसे में पिता के अंतिम संस्कार करने की जिद को लेकर भाई और बहनों के बीच हुए विवाद में रिश्तेदारों और परिवार के लोगों ने बहनों का साथ दिया और बेटा पिता के शव को मोर्चरी में छोड़कर कोटा निकल गया.