वर्षों से मंदिर के दक्षिण दिशा में बने गड्ढे में पानी सालभर भरा रहता है, जिसका कोई अंत नहीं है. गड्ढा भी ज्यादा गहरा नहीं हैं लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि कितना ही पानी गड्ढे से निकाल लो कुछ समय बाद पानी फिर वापस आ जाता है.
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Chittorgarh: बस्सी तहसील क्षेत्र में बसे संग्रामपुरा में प्रकृति की गोद में, सुरम्य वादियों और पहाड़ियों की गोद में बसा गंगेश्वर महादेव मंदिर एक अलग पहचान रखता है. गंगेश्वर महादेव मंदिर बहुत प्राचीन महादेव मंदिर हैं. बताया जाता है कि वर्षों पूर्व पहाड़ी स्थित महादेव का शिवलिंग स्थापित था, जिस पर क्षेत्रवासियों और ग्रामीणों की अटूट आस्था रही है.
वर्षों से क्षेत्रवासियों की आस्था का केंद्र गंगेश्वर महादेव मंदिर पहाड़ी पर स्थित होने के कारण बारिश में चारों तरफ से बहते झरने अपनी अलग ही छटा बिखेरते हैं. जिस पर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है. वर्षों से मंदिर के दक्षिण दिशा में बने गड्ढे में पानी सालभर भरा रहता है, जिसका कोई अंत नहीं है. गड्ढा भी ज्यादा गहरा नहीं हैं लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि कितना ही पानी गड्ढे से निकाल लो कुछ समय बाद पानी फिर वापस आ जाता है.
महादेव मंदिर पर होने वाले प्रसादी, भोज आयोजन या मंदिर निर्माण के लिए पानी की आवश्यकता इसी छोटे से गड्ढे से पूरी होती है. ग्रामीणों ने बताया कि भीषण गर्मी में जंगल में रहने वाले जीव और पशु-पक्षी अपनी प्यास इसी गड्ढे से बुझाते हैं. इस तरह एक छोटे से गड्ढे में सालभर पानी रहना किसी अजूबे से कम नहीं है.
Reporter- Deepak vyas
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