तहसील के गांव बिल्यूबास रामपुरा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में चल रहे व्याख्याता सहित 9 रिक्त पदों को भरने की मांग को लेकर मंगलवार को ग्रामीणों ने स्कूल के मुख्य गेट के ताला लगाकर ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया.
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सरदारशहर: तहसील के गांव बिल्यूबास रामपुरा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में चल रहे व्याख्याता सहित 9 रिक्त पदों को भरने की मांग को लेकर मंगलवार को ग्रामीणों ने स्कूल के मुख्य गेट के ताला लगाकर ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया. गांव के लालचंद पूनिया ने कहा कि वर्तमान में कक्षा 1 से 12 तक 320 विद्यार्थी पर मात्र 7 ही शिक्षक पढ़ाने वाले है. वो भी स्कूल के कागजी कार्रवाई में व्यस्त रहते है. जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई सही तरीके से नहीं हो पाती है.
सरपंच शिशपाल सिहाग ने कहा कि मैंने कई बार स्कूल में रिक्त शिक्षकों के पदों को भरने की मांग पंचायत समिति की साधारण सभा के दौरान उठाई है.जबकि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने जल्द समाधान करने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन रिक्त पदों को नहीं भरने के चलते ग्रामीणों को मजबूर होकर स्कूल के तालाबंदी करने की जरूरत पड़ी है. बीरबलराम सुथार व धर्मपाल चांदेल ने कहा कि सात दिनों में रिक्त पदों को नहीं भरा गया तो चूरू कलेक्टर के कार्यालय व मेगा हाईवे पर जाम लगाया जाएगा.
इस मौके पर हरिकिशन, लालचंद, बीरबलराम सुथार, सुनील चांदेल, प्रताप भांभू, तुलसीराम डेलू, भगतुराम चांदेल, बनवारीलाल सुथार, जमालदीन, रामस्वरूप पूनियां, सुल्तान पूनियां, विकास कस्वां, किशन दईया सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे. उसके बाद ग्रामीणों ने एसडीएम व सीबीईओ को ज्ञापन देकर तुरंत प्रभाव से रिक्त पदो को भरने की मांग की.
स्कूल में ये पड़े है रिक्त पद
गांव भगतुराम चांदेल ने बताया कि स्कूल में रिक्त पद में प्रधानाचार्य, इतिहास 1, भूगोल 1,हिंदी साहित्य 1, हिंदी 1, विज्ञान 1, गणित 1, अध्यापक ग्रेड टू में विज्ञान 1, गणित 1, अंग्रेजी 1, लेब टेक्नीकल 1, कनिष्ठ सहायक 1 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आदि के रिक्त पद चल रहे है. इसको लेकर ग्रामीणों ने विद्यालय के आगे टेंट लगाकर आंदोलन शुरू कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक स्थाई समाधान नहीं होगा. तब तक यूं ही धरना जारी रहेगा. स्कूल में अध्यापकों की कमी को लेकर ग्रामीण कई बार आंदोलन का चुके हैं इसके बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है. जिसके चलते विद्यार्थी वर्ग व ग्रामीणों में भारी आक्रोश है.
Reporter- Gopal Kanwar
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