Dausa news: जिला परिषद सदस्यों ने किया साधारण सभा की बैठक का बहिष्कार, जानिए पूरा मामला
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Dausa news: जिला परिषद सदस्यों ने किया साधारण सभा की बैठक का बहिष्कार, जानिए पूरा मामला

Dausa news: दौसा जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक आज फिर कोरम के अभाव में जिला प्रमुख हीरालाल सैनी को स्थगित करनी पड़ी. वजह रही जिला परिषद सदस्यों की राज्य सरकार से लंबित मांगे.

Dausa news: जिला परिषद सदस्यों ने किया साधारण सभा की बैठक का बहिष्कार, जानिए पूरा मामला

Dausa news: दौसा जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक आज फिर कोरम के अभाव में जिला प्रमुख हीरालाल सैनी को स्थगित करनी पड़ी. वजह रही जिला परिषद सदस्यों की राज्य सरकार से लंबित मांगे. साधारण सभा की बैठक शुरू हो इसके लिए जिला प्रमुख हीरालाल सैनी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामकिशोर मीणा नियत समय पर सभाकक्ष में पहुंच गए. अन्य अधिकारी कर्मचारी भी वहां बैठ गए और सदस्यों का इंतजार करते रहे . आधे घंटे बाद सदस्य सभा कक्ष में पहुंचे जहां सभी ने एक स्वर में बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान किया और सदन से बाहर आ गए .

जिला प्रमुख हीरालाल सैनी ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा हमने प्रयास किया था की साधारण सभा की बैठक आयोजित हो, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्य सुचारू रह सके. लेकिन राज्य सरकार से लंबित अपनी 11 सूत्रीय मांग को लेकर जिला परिषद के सदस्यों में नाराजगी है. जिसके चलते उन्होंने बैठक का बहिष्कार किया. सरकार को जल्द से जल्द इनकी मांगों पर मनन करते हुए उनका समाधान करना चाहिए ताकि ग्रामीण क्षेत्र में जो विकास कार्य बाधित हो रहे हैं वह फिर से शुरू हो सके. 

बार-बार सभा की बैठकों का बहिष्कार करना न्याय संगत नहीं कहा जा सकता. इससे उन मतदाताओं को भी आघात पहुंचता है. जिन्होंने हमें चुनकर यहां भेजा है. दौसा जिला परिषद सदस्य संघ के जिलाध्यक्ष छोटू राम मीणा ने बताया हमारी सरकार से कोई नाराजगी नहीं है, लेकिन सरकार हमारी 11 सूत्रीय जो लंबित मांगे हैं, उसको लेकर हम पिछले 1 साल से सरकार से मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार का उन पर अभी तक कोई ध्यान नहीं गया. जिसके चलते मजबूर होकर हमें साधारण सभा की बैठकों का बहिष्कार करना पड़ रहा है. ऐसा दूसरी मर्तबा हुआ है जब हमने बैठक का बहिष्कार किया है. 

हम मानते हैं कि इससे ग्रामीण क्षेत्र के जो विकास कार्य है वह बाधित हो रहे हैं, लेकिन हमारी भी कुछ मजबूरियां हैं. अगर सरकार उन्हें पूरी करती है तो हम फिर से काम को सुचारू करेंगे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि महंगाई राहत कैंपों में कोई परेशानी नहीं आ रही, हम इसमें सरकार का सहयोग कर रहे हैं. ताकि जनता को अधिक से अधिक लाभ मिल सके. उन्होंने कहा मुख्यतः दो मांगे हमारी महत्वपूर्ण है, जिसमें पहली मांग है हमें ₹30000 प्रति माह वेतन मान दिया जाए, साथ ही ₹5000 भत्ता भी मिले, 

और ₹5000000 सालाना का हमें विकास कार्यों के लिए बजट दिया जाए. ताकि हम अपने क्षेत्र में विकास कार्य अपने और जनता के मन मुताबिक करवा सकें. बेशक जिला परिषद के सदस्यों की मांग जायज हो लेकिन बार-बार साधारण सभा की बैठकों का बहिष्कार करना उन मतदाताओं के साथ कुठाराघात है. जिन्होंने इन्हें चुनकर जिला परिषद के सदन तक पहुंचाया है. बैठकों के बहिष्कार से ग्रामीण क्षेत्र का विकास कार्य ठप पड़ा हुआ है तो वहीं गर्मी के मौसम को देखते हुए गांव गांव में पेयजल की किल्लत बनी हुई है.

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