Rajasthan: पहले ममता भूपेश और मंत्री मुरारी लाल मीणा का विरोध, क्या दौसा में है कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी
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Rajasthan: पहले ममता भूपेश और मंत्री मुरारी लाल मीणा का विरोध, क्या दौसा में है कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी

कांग्रेस नेता लगातार दावा कर रहे हैं राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 156 के टारगेट की बात कर रहे हैं लेकिन आए दिन सत्ता पक्ष के विधायकों का विरोध सामने आने लगा है.

Rajasthan: पहले ममता भूपेश और मंत्री मुरारी लाल मीणा का विरोध, क्या दौसा में है कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी

Rajasthan Congress: कांग्रेस नेता लगातार दावा कर रहे हैं राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 156 के टारगेट की बात कर रहे हैं लेकिन आए दिन सत्ता पक्ष के विधायकों का विरोध सामने आने लगा है. दो दिन पहले मंत्री ममता भूपेश को सिकराय क्षेत्र में काले झंडे दिखाकर मुर्दाबाद के नारे लगाए गए तो वहीं शुक्रवार को मंत्री मुरारी लाल मीणा का भी खुद के ही क्षेत्र में विरोध हुआ.

मुरारीलाल मीणा का विरोध

दरअसल मंत्री मुरारीलाल मीणा लाडली का बास में एक सड़क का शिलान्यास करने के लिए जाने वाले थे लेकिन ग्रामीणों के विरोध की सूचना पर बीच रास्ते से ही बिना शिलान्यास के बैरंग लौट गए. वहीं ग्रामीणों का कहना है पिछले लंबे समय से लाडली का बास से काली वाली ढाणी की सड़क खराब है, जिसको लेकर कई बार मंत्री मुरारीलाल मीणा को अवगत करवाया गया. लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया लेकिन हाल ही में अपने किसी चहेते के यहां एक सेवानिवृत्ति कार्यक्रम में पहुंचे.

मुरारीलाल मीणा ने लाडली का बात से गिरधरपुरा दमा वाली ढाणी की रोड स्वीकृत कर दी और इसका शिलान्यास करने के लिए आज जाने वाले थे, लेकिन ग्रामीणों ने मंत्री मुरारीलाल मीणा से पहले ही कार्यक्रम स्थल पहुंचकर शिलान्यास पट्टिका के तारबंदी कर दी और उसके चारों तरफ खड़े हो गए जब मंत्री मुरारीलाल मीणा को इसकी सूचना मिली तो मुरारी लाल मीणा मनपुरिया गांव से ही वापस दौसा लौट गए.

गौरतलब है कि धीमे स्वर में प्रदेश के कई हिस्सों से एक नारा बुलंद हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि जादूगर तुझसे बैर नहीं, विधायक-मंत्री तेरी खैर नहीं और इसी की बानगी पिछले दो दिनों में देखने को मिली. जब पहले मंत्री ममता भूपेश का उन्हीं के विधानसभा क्षेत्र सिकराय में ही विरोध हुआ तो वहीं इसके बाद मंत्री मुरारी लाल मीणा का भी उन्हीं के क्षेत्र में विरोध देखने को मिला. लिहाजा ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर कांग्रेस का टारगेट 156 कैसे पूरा होगा. क्या इसे लेकर कांग्रेस के पास कोई रणनीति है या चुनाव के करीब आते आते कांग्रेस जनता को मनाने में कामयाब हो जाएगी?

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