Right to Health Bill: दौसा में निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने नेहरू गार्डन से कलेक्ट्रेट तक निकाली प्रदर्शन रैली. इस दौरान गांधी तिराहे पर सत्याग्रह कर रहे कांग्रेसियों के पास रुके जहां खड़े होकर जमकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के खिलाफ नारेबाजी की
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Right to Health Bill: राइट टू हेल्थ बिल को वापस लेने की मांग को लेकर दौसा जिला मुख्यालय पर निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने नेहरू गार्डन से कलेक्ट्रेट तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही सीएम के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा जिसमें आरटीएच बिल को वापस लेने की मांग की निजी अस्पताल संचालकों ने कहा यह राज्य सरकार का डॉक्टरों के ऊपर काला कानून है जिसे हम कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे और जब तक सरकार इसे वापस नहीं लेगी उनका आंदोलन जारी रहेगा.
कांग्रेसी और डॉक्टर्स आमने सामने
नेहरू गार्डन से रैली के रूप में शुरू हुआ डॉक्टरों का आंदोलन गांधी तिराहे पर सत्याग्रह कर रहे कांग्रेसियों के पास रुके जहां खड़े होकर जमकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं दोसा जिला प्राइवेट अस्पताल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश पारीक ने कहा निजी अस्पताल संचालकों पर सरकार का थोपा हुआ यह काला कानून हम कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे. पारीक ने कहा आपात स्थिति में सरकार द्वारा जो निशुल्क इलाज और एंबुलेंस थोपी जा रही है यह गलत है.
निजी अस्पताल के संचालक का बयान
निजी अस्पताल के संचालक डॉ नरेंद्र अटोलिया ने बड़ा बयान देते हुए कहा सरकार के सरकारी अस्पतालों में एक से एक महंगी मशीनें लगी हुई हैं. फिर भी निजी अस्पतालों में उपचार के लिए लोग क्यों पहुंचते हैं, अटोलिया का यह बयान सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे डॉक्टर और स्टाफ पर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है. अटोलिया ने कहा सरकार अपने हेलो सिस्टम की नाकामी को छुपाने के लिए निजी अस्पतालों के साथ कुठाराघात कर रही हैं. उन्होंने कहा हम आपात स्थिति में मरीज का उपचार तो कर देंगे लेकिन उस उपचार में जो खर्चा आएगा उसका सरकार ने कोई ब्यौरा नहीं दिया है. ऐसे में हम निशुल्क उपचार कब तक करेंगे, अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम हमारे स्टाफ की सैलरी कहां से देंगे और एक दिन हमारा अस्पताल बंद होने की कगार पर पहुंच जाएगा.
चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा का बयान
डॉक्टरों की राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में जारी हड़ताल को लेकर चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने एक बार फिर बड़ा बयान देते हुए कहा डॉक्टर मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए अपनी हड़ताल समाप्त करें और लोगों का उपचार करें, साथ ही उन्होंने कहा डॉक्टरों को इस बिल में कहीं भी कोई कमी नजर आती है तो वह प्रदेश की मुख्य सचिव को बताएं. हमारी भी कोई जिद नहीं है कि हम डॉक्टर का नुकसान करें और ना ही जनता का कोई अहित होने दें. चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा पक्ष और विपक्ष की सहमति से यह बिल लाया गया है और इनके प्रेसिडेंट डॉक्टर सुनील चुग द्वारा भी इस बिल को सहमति दी गई थी उसके बाद इसे पास किया गया है.