किडनैपिंग, रेप और जबरन पत्नी बनाए रखने का 18 साल चला केस, अब 2 आरोपियों को मिली सजा
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किडनैपिंग, रेप और जबरन पत्नी बनाए रखने का 18 साल चला केस, अब 2 आरोपियों को मिली सजा

एडीजे कोर्ट के अपर लोक अभियोजक परिहार ने बताया कि सन 2004 में पीड़िता के पिता द्वारा धौलपुर एसपी से गुहार लगाई गई थी, जिसमें उसने अपनी नाबालिग बेटी का गांव के ही कुछ लोगों द्वारा अपहरण करने और उसके साथ दुष्कर्म करने का मामला दर्ज कराया था. 

किडनैपिंग, रेप और जबरन पत्नी बनाए रखने का 18 साल चला केस, अब 2 आरोपियों को मिली सजा

Bari: बाड़ी विधानसभा के बाड़ी उपखंड में अपहरण, दुष्कर्म और जबरन पत्नी बनाकर साथ में रखने के एक जघन्य अपराध में सहयोग करने वाले दो आरोपियों पर कार्रवाई की गई. अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश बाड़ी द्वारा मामले में सुनवाई पूरी करते हुए सजा सुनाई गई. 
एडीजे कोर्ट के राजकीय अधिवक्ता मनोज सिंह परिहार ने बताया कि सन 2004 के सोने का गुर्जा गांव से जुड़े मामले में सहयोग करने वाले दो आरोपियों को कोर्ट ने पांच-पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. साथ में अर्थदंड से दंडित किया है.

एडीजे कोर्ट के अपर लोक अभियोजक परिहार ने बताया कि सन 2004 में पीड़िता के पिता द्वारा धौलपुर एसपी से गुहार लगाई गई थी, जिसमें उसने अपनी नाबालिग बेटी का गांव के ही कुछ लोगों द्वारा अपहरण करने और उसके साथ दुष्कर्म करने का मामला दर्ज कराया था. उक्त मामले में बाड़ी थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 4 लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें मुख्य आरोपी रामबरन गुर्जर के साथ सहयोग करने वाले तीन आरोपी मानसिंह, रामखिलाड़ी और दयासिंह पर केस फाइल किया था.

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उक्त मामले में मुख्य आरोपी रामबरन गुर्जर को धारा 363, 366,376 में आरोपी मानते हुए सन 2007 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है. शेष अन्य आरोपियों पर 173/08 सीआरपीसी में केस चल रहा था. जिसमें एक आरोपी मानसिंह की ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है.

शेष बचे दो आरोपी रामखिलाड़ी और दयासिंह को आज कोर्ट ने मामले में लिप्त माना है, जिसमें धारा 363 में 3 वर्ष कारावास और 10,000 का अर्थदंड एवं धारा 366 में 5 वर्ष का कारावास और 20000 का अर्थदंड दिया है. साथ में अर्थदंड नहीं चुकाने पर 9 महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई है. 

सभी गवाह पलटे लेकिन पीड़िता ने दिए हूबहू बयान
अधिवक्ता परिहार ने बताया कि उक्त मामला करीबन 18 वर्ष चला है, जिसमें 13 गवाह लगे थे. सभी गवाह पलट गए. केवल आईओडब्ल्यू और मेडिकल ऑफिसर के साथ पीड़िता ने हूबहू बयान दिए हैं, जिनके आधार पर एडीजे नीरज कुमार ने फैसला सुनाया है.

Reporter- Bhanu Sharma

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