Dungarpur News: कोकापुर में होली की अनूठी परंपरा का निर्वहन, दहन के बाद दहकते अंगारों पर चले ग्रामीण
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Dungarpur News: कोकापुर में होली की अनूठी परंपरा का निर्वहन, दहन के बाद दहकते अंगारों पर चले ग्रामीण

Dungarpur News: राजस्थान में होली का पर्व वागड़वासियों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है. होली के रंग में वागड़वासी एक महीने तक रंगे रहते हैं. साथ ही सदियों से चली आ रही कुछ खास परंपराओं का भी निर्वहन करते हैं. इसी के तहत होलिका दहन के बाद आज जिले के कोकापुर गांव में ग्रामीणों ने दहकते अंगारों पर चलने की परम्परा का निर्वहन किया. 

Dungarpur News - ZEE Rajasthan

Dungarpur News: होली का पर्व वागड़वासियों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है. होली के रंग में वागड़वासी एक महीने तक रंगे रहते हैं. साथ ही सदियों से चली आ रही कुछ खास परंपराओं का भी निर्वहन करते हैं. इसी के तहत होलिका दहन के बाद आज जिले के कोकापुर गांव में ग्रामीणों ने दहकते अंगारों पर चलने की परम्परा का निर्वहन किया. इस दौरान ढोल कुंडी की थाप और होली माता के जयकारों के बीच ग्रामीण ने अंगारों में होकर गुजरे.

प्रदेश में होली पर अलग-अलग रंग देखने के साथ अनूठी परम्पराओं का निर्वहन किया जाता है. उसी के तहत प्रदेश के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में भी होली पर अलग-अलग परम्पराओं का निर्वहन सदियों से लोग करते आ रहे हैं. उन्हीं, परंपराओं में से एक परंपरा है दहकते अंगारों पर चहलकदमी करने की सुनकर व देखकर आश्चर्य जरूर लगे लेकिन वाकई में डूंगरपुर जिले के कोकापुर गांव में होली के अवसर पर जलती होलिका पर चलने की परंपरा है, जो अपने आप में क्षेत्र का अनोखा आयोजन है. 

परंपरानुसार सैकड़ो ग्रामीणजनों की मौजूदगी में होलिका दहन के दूसरे दिन अलसुबह सैकड़ों लोग होलिका स्थल पर पहुचंते हैं और जलती होली के दहकते अंगारों पर नंगे पांव चलकर प्राचीन मान्यताओं और लोक परंपराओं का निर्वहन कर उत्सवी श्रद्धा का इजहार करते हैं. इसी के तहत देर रात को कोकापुर में होलिका दहन के बाद आज अल सुबह कोकापुर सहित आसपास के गांवो के लोग होलिका दहन स्थल पर पहुंचे. इस दौरान ढोल की थाप पर गैर खेलते हुए एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं दी. गांव के हनुमान मंदिर और शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की गई. 

इसके बाद होली के जलते अंगारो पर चलने की परंपरा का निर्वहन किया गया. इस दौरान बुजुर्ग हो या युवा सभी ने दहकते अंगारों में चहलकदमी करते हुए सदियों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन किया. वहीं, गांव में खुशहाली की कामना की. गाँव में मान्यता है कि होलिका दहन से बाद दहकते अंगारों पर चहलकदमी करने से गांव पर कोई विपदा नहीं आती और गांववासियों का स्वस्थ्य भी ठीक रहता है . इस परम्परा को देखने हाजारो की संख्या में आस पास के क्षैत्र से लोग कोकापुर गांव आते हैं. वहीं, हजारों साल से ग्रामीण इस परम्परा को निभाते आ रहे हैं ओर कोई भी अनहोनी नही हुई है.

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