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Dungarpur: डूंगरपुर में शराब ठेकेदारों और पुलिस के बीच पिछले 2 महीने से चले आ रहें विवाद के बीच कल एसीबी जयपुर और अजमेर की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. एसीबी की टीम ने डूंगरपुर के दो सीआई और दो कांस्टेबल को 3 लाख 30 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया, वही 2 दिन पहले कोतवाली थानाधिकारी दिलीप दान चारण को दी गई 5 लाख की रिश्वत की राशि को भी कोतवाली थाने की एक अलमारी से जप्त कर लिया. मामले में एसपी सुधीर जोशी की भूमिका को लेकर भी एसीबी की टीम जांच कर रही है. दरअसल 31 मई को शराब ठेकेदार विक्रम सिंह ने एसीबी को शिकायत दर्ज करते हुए बताया था कि डूंगरपुर जिले में पुलिस सरकारी शराब ठेकों के संचालन के एवज में 5 लाख रुपये महीने की बंदी ले रही थी. शराब ठेकेदार ने एसीबी को की गई शिकायत में आरोप लगाया था कि पुलिस की ओर से मासिक बंधी को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख करने को कहा गया था, जिस पर शराब ठेकेदारों ने असमर्थता जताई थी.
शराब ठेकेदार का कहना है कि इसके बाद से ही पुलिस ने सरकारी शराब ठेकेदारों को परेशान करना शुरू कर दिया, इसी के तहत 6 अप्रैल को शराब तस्करी के एक मुक़दमे में झोथरी निवासी शराब कारोबारी चंदूलाल फौजी का नाम डाल दिया गया. इसके बाद करीब 15 दिन तक पुलिस ने चंदूलाल की गिरफ्तारी नहीं की और 20 अप्रैल के आसपास चंदूलाल के बेटे की शादी के 1 दिन पहले पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और उसे छोड़ भी दिया. अपने बेटे की शादी के बाद चंदूलाल फौजी भूमिगत हो गया और हाईकोर्ट की शरण ली. चंदूलाल फौजी के नहीं मिलने से बौखलाई पुलिस ने चंदूलाल से संबंधित चार शराब के ठेकों के बाहर पुलिस जाब्ता तैनात कर दिया और हर आने जाने वाले ग्राहक का नाम पता पूछा जाने लगा, जिससे शराब की बिक्री बहुत कम हो गई. नाराज शराब ठेकेदारों ने चारों दुकानों की चाबियां आबकारी विभाग को सौंपते हुए पुलिस पर बेवजह परेशान करने का आरोप लगाया था, वही 4 दिन तक चार शराब की दुकानें बंद रहने से सरकार को 1 करोड़ से अधिक का राजस्व नुकसान हुआ था. इसके अगले दिन पूरे जिले के करीब 50 शराब ठेकेदार लामबंद हुए और पुलिस की कार्यप्रणाली के खिलाफ रोष जताते हुए 1 दिन के लिए अपनी शराब की सरकारी दुकानें बंद रखी साथ ही कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा.
प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले शराब ठेकेदार को भी झूठा फंसाया
ठेकेदारों के प्रदर्शन के तीन-चार दिन बाद पुलिस ने प्रदर्शन को लीड करने वाले ठेकेदार नरेंद्र सिंह और अन्य के खिलाफ भी एक मुकदमा दर्ज किया. परिवादी विक्रम सिंह और आरोपी नरेंद्र सिंह ने पुलिस पर इस मामले में भी झूठा मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया, इसलिए उनको भी झूठे मुकदमे में फंसाया गया. वहीं मुकदमा दर्ज होने के बाद नरेंद्र सिंह भी भूमिगत हो गया और हाईकोर्ट की शरण ली. कई दिनों तक चंदूलाल फौजी और नरेंद्र सिंह पुलिस से बचने के लिए भूमिगत रहें, इस दौरान चंदूलाल की गिरफ्तारी के लिए धंबोला थाना सीआई भैयालाल आंजना जाब्ते के साथ एक दिन चंदूलाल फौजी के झोंतरी स्थित आवास पर पहुंचे और दरवाजे पर लाते मरते हुए धमकियां दी. सीआई भैयालाल आंजना और अन्य पुलिसकर्मियों की यह पूरी हरकत और धमकियां देने वाली आवाज चंदूलाल के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, वही इस दौरान सीआई भैयालाल आंजना ने सीसीटीवी कैमरे बंदूक की बट से तोड़ दिए और यह घटना भी सीसीटीवी में कैद हैं. चंदूलाल फौजी के परिवार ने आरोप लगाते हुए कहा था कि पुलिसकर्मियों ने महिलाओं के साथ अभद्रता की थी, इस मामले को लेकर चंदूलाल फौजी के परिवार ने झोंतरी थाने में रिपोर्ट भी दी थी, लेकिन आज तक धंबोला थाना अधिकारी भैयालाल आंजना और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभद्रता करने, धमकियां देने और सीसीटीवी तोड़ देने का मुकदमा दर्ज नहीं हुआ हैं.
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10 जून को शराब ठेकेदारों की हुई गिरफ़्तारी
10 जून को पुलिस ने चंदूलाल फौजी और नरेंद्र सिंह दोनों शराब ठेकेदारों को अहमदाबाद से आते समय रतनपुर बॉर्डर पर गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश कर पुलिस कस्टडी मांग की और पुलिस कस्टडी पूरी होने के बाद में उन्हें जेल भेज दिया गया. परिवादी विक्रम सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि कस्टडी के दौरान पुलिस ने नरेंद्र सिंह से मानवीय व्यवहार करते हुए उसके साथ मारपीट भी की. शराब ठेकेदार और परिवादी विक्रम सिंह ने एसीबी को दी गई शिकायत में बताया कि चंदूलाल फौजी और नरेंद्र सिंह के खिलाफ दर्ज मुकदमों में और अधिक परेशान नहीं करने के एवज में कोतवाली थानाधिकारी दिलीपदान चारण और धंबोला थाना अधिकारी भैयालाल आंजना एसपी सुधीर जोशी के नाम पर लगातार रिश्वत की मांग कर रहें थे. जिस पर 3 दिन पहले परिवादी विक्रम सिंह ने कोतवाली थानाधिकारी दिलीप दान चारण को 5 लाख रुपये बतौर रिश्वत दिए थे.
एसीबी की कार्रवाई रिश्वत लेते कांस्टेबल गिरफ्तार
वही कल एसीबी की टीम ने कोतवाली थानाधिकारी दिलीपदान चारण के लिए 80 हजार रुपये की रिश्वत लेते कांस्टेबल जगदीश विश्नोई को गिरफ्तार किया, वही ढाई लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए कॉन्स्टेबल भोपाल सिंह को भी गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार दोनों कांस्टेबलों से धंबोला थाना अधिकारी भैयालाल आंजना की भी मिलीभगत की पुष्टि की गई और उसके बाद चारों को एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया. आज एसीबी की टीम चारों आरोपियों को उदयपुर एसीबी कोर्ट में पेश करेगी. डूंगरपुर जिले में एसपी सुधीर जोशी के कार्यकाल में इससे पहले कोतवाली थाने का एक एसआई रताप सिंह और रामसागड़ा थाने के थानाधिकारी बाबूलाल भी ट्रेप हो चुके हैं.
इस पूरे मामले में डूंगरपुर जिले की पुलिस ने खाकी को दागदार व शर्मसार कर दिया है . वही भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के इस रवैये के खिलाफ चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स ने भी विरोध जताया है और कल आधे दिन तक बाजार बंद रख पुलिस के खिलाफ अपना विरोध जताने का निर्णय लिया हैं.
Reporter - Akhilesh Sharma
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