काव्य पाठ के दौरान हल्दी घाटी, महाराणा प्रताप और राजस्थान के शौर्य पर गान किया गया. रीट परीक्षा को लेकर व्यंग्य करते हुए "क्या कहें कैसी ये रीटा है, जो पढे़ ना वहीं हीट है, रद्द हो गई ये रीपीट है" प्रस्तुत किया. काव्य पाठ में वागड़ सहित देश प्रदेश की राजनीति पर व्यंग्य किया गया.
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Sagwara: डूंगरपुर जिले के खडगदा गांव में सामाजिक समरसता को लेकर काव्य पाठ का आयोजन किया गया. इस दौरान मंच संचालक कवि विपुल विद्रोही ने अपनी रचनाओं के माध्यम से श्रोताओं को खूब हसाया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में लोगों को जागरूक करने की नहीं जागरण की आवश्यकता है. काव्य पाठ में वागड़ सहित देश प्रदेश की राजनीति पर व्यंग्य किया गया. काव्य पाठ में वागड़ के गौरव से लेकर भगवान श्री राम की महिमा का गान किया गया. "सारी दुनिया के बस एक सरकार है... राम", राम तो बसे हैं सदा, निशाद के बसेरों में.
महाराणा प्रताप और राजस्थान के शौर्य पर किया गान
इस दौरान प्रेम पर भी कविता पढ़ी गई "जिसका जितना दर्द अधिक है वो उतना मीठा गाता है. मुझे मोहब्बत की व्याकरण पता नहीं. लद्दाख में शहीद हुए सैनिकों की याद में काव्य पाठ कर श्रद्धांजलि दी गई. काव्य पाठ के दौरान हल्दी घाटी, महाराणा प्रताप और राजस्थान के शौर्य पर गान किया गया. रीट परीक्षा को लेकर व्यंग्य करते हुए "क्या कहें कैसी ये रीटा है, जो पढे़ ना वहीं हीट है, रद्द हो गई ये रीपीट है" प्रस्तुत किया.
कवि हरिश आचार्य ने कविताओं के माध्यम से समा बांधा
इसके अलावा देश में बढ़ रही महंगाई पर भी चिंता व्यक्त किया गया. भगवान राम की महिमा का गान करते हुए वहीं अयोध्या के नाथ है और वहीं ये श्रृष्टि चला रहे हैं गीत प्रस्तुत किया गया. अंत में वरिष्ठ कवि हरिश आचार्य ने पानी हिंदी और वागड़ी की कविताओं के माध्यम से समा बांध दिया. स्वागत रामकथा वाचक कमलेश भाई शास्त्री ने किया. कार्यक्रम में संतों का सम्मान किया गया.
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इन्होंने किया काव्य पाठ
राष्ट्र चेतना और वागड़ के समसामयिक विषयों पर विपुल विद्रोही, हरिश आचार्य, विपीन वत्सल, तारकेश दवे, हार्दिक हिन्दूस्तानी, मयूर पंवार, रोहिणी पंड्या, दीपेश पालीवाल, राम पंचाल भारतीय, प्रकृति पंड्या, मेहुल चौबीसा, सुर्यकरण सोनी सरोज, राजेश पंड्या और भुवनेश भारत काव्य पाठ किया.