Rajasthan News: सर्वोच्च न्यायालय के पारित निर्णय की पालना के संबंध में सभी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पात्र लाभार्थियों को ई-केवाईसी करने के आदेश जारी किए है,जिसके तहत चयनित परिवारों को 30 जून तक अपनी ई-केवाईसी करवानी होगी.
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Rajasthan News:राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में 30 जून तक चयनित पात्र लाभार्थियो द्वारा ई-केवाईसी नहीं करवाने पर योजना के तहत मिलने वाला राशन बंद हो जाएगा. डूंगरपुर जिले में अभी तक 66 फीसदी परिवारों ने अपनी केवाईसी करवा ली है.वहीं 34 फीसदी परिवारों का ई-केवाईसी करवाना शेष है.
इधर प्रदेश में 56.23 फीसदी परिवारों ने ई-केवाईसी करवा ली है. डूंगरपुर जिले में रसद विभाग शत प्रतिशत ई-केवाईसी करवाने में लगा है लेकिन कई परिवारों के रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में होने से परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है.
सर्वोच्च न्यायालय के पारित निर्णय की पालना के संबंध में सभी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पात्र लाभार्थियों को ई-केवाईसी करने के आदेश जारी किए है,जिसके तहत चयनित परिवारों को 30 जून तक अपनी ई-केवाईसी करवानी होगी. आदेश जारी होने के बाद से डूंगरपुर जिले में रसद विभाग सक्रीय हो गया.
राशन डीलर दुकानों व घर-घर जाकर चयनित परिवारों की ई-केवाईसी कर रहा है. डूंगरपुर जिले के रसद विभाग के निरीक्षक पुष्पेन्द्र सिंह ने बताया की डूंगरपुर जिले में 2 लाख 87 हजार 227 राशनकार्ड परिवारों के 11 लाख 66 हजार 617 लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित है.जिसमे से विभाग ने राशन डीलर्स की मदद से अब तक 7 लाख 24 हजार 968 लोगो की ई-केवाईसी करवा दी है. जबकि 4 लाख 41 हजार 649 लोगो की ई-केवाईसी होना अभी शेष है.
दूसरे राज्यों में रह रहे परिवारों की बड़ी परेशानी
डूंगरपुर रसद विभाग के निरीक्षक पुष्पेन्द्र सिंह ने बताया की डूंगरपुर जिले के कई परिवार र्जोगार के चक्कर में गुजरात सहित अन्य राज्यों में रोजगाररत है. ऐसे में वहा रह रहे लोगो की ई-केवाईसी करवाने में परेशानी आ रही है.
हालांकि उन्होंने बताया की डूंगरपुर जिले से सटे गुजरात राज्य के हिम्मत नगर, मोडासा, दाहोद और अहमदाबाद में रह रहे लोगो के पास राशन डीलर पहुँच रहे है और वहा जाकर भी ई-केवाईसी करवा रहे है ताकि कोई भी चयनित परिवार योजना के लाभ से वंचित न रहे.
टॉप टेन में ये जिले शामिल
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में ई-केवाईसी करवाने में प्रदेश के टॉप टेन जिले में सबसे ऊपर कोटा जिले का नाम है. इसके बाद प्रतापगढ़, बूंदी, झालावाड, चुरू, टोंक, गंगानगर, भरतपुर, अजमेर और डूंगरपुर जिला शामिल है. वही सबसे फिसड्डी जिलो में जोधपुर, अलवर, बाड़मेर, जैसलमेर, बारा, जालोर उदयपुर और राजसमन्द जिले शामिल है.
बहरहाल, डूंगरपुर रसद विभाग ने चयनित परिवारों में से 66 फीसदी से अधिक लोगो की ई-केवाईसी करवा दी है. वही अन्य परिवार के लोगो की ई-केवाईसी करवाने के प्रयास विभाग की ओर से किये जा रहे है. खेर अब देखने वाली बात होगी की 30 जून तक बचे हुए लोगो में से कितने लोगो की ई-केवाईसी हो पाती है. वही कितने लोग ई-केवाईसी के अभाव में योजना के लाभ से वंचित रह जायेंगे.
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