अजमेर की वो काली कहानी जिसमें है 100 से ज्यादा लड़कियों की चीख, जुलाई में पर्दे पर दिखेगा सियाह सच
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अजमेर की वो काली कहानी जिसमें है 100 से ज्यादा लड़कियों की चीख, जुलाई में पर्दे पर दिखेगा सियाह सच

Entertainment News:  साल 1992 में अजमेर की 21 अप्रैल की  सुबह अजमेरवासियो के लिए सनसनी बन गई थी. शहर में एक ऐसी दरिंदगी की घटना ने लोगों के दिलों को झकझोर के रख दिया था. उसी घटना पर  बॉलिवुड के भुज द प्राइड ऑफ इंडिया के मेकर अभिषेक दुधैया जल्द फिल्म बनाने जा रहे है, जिसके लिए उन्होंने बताया की कहानी का काम पूरा हो चुका है.

अजमेर की वो काली कहानी जिसमें है 100 से ज्यादा लड़कियों की चीख, जुलाई में पर्दे पर दिखेगा सियाह सच

Entertainment News: केरल स्टोरी और कश्मीर फाइल के बाद अब राजस्थान के अजमेर  शहर पर  एक फिल्म बनने जा रही है.लेकिन यह फिलमें शहर की आबों हवा या उसके ज्योग्राफिकल एंगल से नहीं  बल्कि साल 1992 में  शहर में सच्ची घटना पर आधारित  है जिसे फिल्म निर्देशक अभिषेक दुधैया जुलाई में बनाने जा रहे है. 

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अभिषेक दुधैया  ने इससे पहले अजय देवगन के साथ 'भुज द प्राइड ऑफ इंडिया’ बनाई थी जिसे दर्शकों का खूब प्यार मिला. इसके बाद उन्होंने इस स्च्ची घटना पर वेब सीरीज बनाने का फैसला किया था, लेकि कश्मीर फाइल और केरल स्टोरीज को मिली सफलता के बाद उन्होंने अब इस पर फिल्म बनाने का फैसला किया है. क्योंकि उनका मानना है कि वेबसीरीज से ज्यादा  ये कहानी फिल्म के लिए बेहतर साबित  हो सकती है.क्योंकि इस तरह की कहानियों के लोग खुद को जोड़ कर देखते है. इसलिए उसे देखते हुए इसका भविष्य उन्हें  बॉक्स ऑफिस पर अच्छा दिख रहा है. 

क्या है अजमेर 1992 की घटना
करीब 30 साल पहले राजस्थान के अजमेर में   21 अप्रैल  1992 में  100 से ज्यादा कॉलेज की छात्राओं के साथ हुई रेप  की एक घटना ने पूरे देश में सनसनी मचा दी थी. इस मामले में अजमेर के एक पावरफुल फामिली का नाम शामिल था, जिसमें  उनके रिश्तेदारों और करीबियों ने  करीब 300 लड़कियों को ब्लैकमेल किया और उनकी ब्लू फिल्म बना कर सर्कुलेट कर दिया.  जब इस सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ तो पुलिस की तहकीकात में सामने आया कि  इन  100 से ज्यादा लड़कियों  के साथ बलात्कार किया गया और उनकी आपत्तिजनक तस्वीरें खींचकर उनसे ब्लैकमेल कर उनसे वह सब करवाया गया. परिवार और समाज को पता ना चले इस डर से ब्लैकमेल करने पर वह लड़किया मन मारकर उस काम को करती रही और एक दिन वह उनका पेशा बन गया.  या कहे कि उस गंदगी के दलदल में उन्हें उन रसूखलोगों ने  जबरन वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेल दिया. 

महीनों भर जुल्म ढहा  100 से ज्यादा लड़कियों पर
केस में नाम आए चिश्ती परिवार के तार शहर की  ख्वाजा मुइनिद्दीन चिश्ती दरगाह से थे.  यह परिवार स्कूल-कॉलेज जाने वाली करीब 100 लड़कियों  के वीडियो और फोटो बनाता था. उन्हें अपनी सहेलियों को बुलाने को मजबूर  करता था. इस तरह एक के बाद एक करीब 100 लड़कियां इन दरिदों की दरिंदगी का शिकार हुईं. साल 1992 एक ऐसा जमाना जिसमें आज की तरह हर इंसना के हाथ में मोबाइल नहीं था . जिससे खबरे ज्द सोशल मीडिया का हिस्सा बन जाती. यह वह जमाना था जब फोटो खिंचवाने के बाद 2 से 3 दिन का इंतजार करना पड़ता था. ऐसे में इन दरिंदों के जरिए 100 से ज्यादा लड़कियों की गंदी तस्वीर को खींच कर उनकी  रील को साफ करके फोटो बनाए जाते थे जिस लैब में नग्न लड़कियों की रील धोकर तस्वीर निकाली जाती थी, उसका कारीगर भी गैंगरेप में शामिल हो गया.इस तरह, उनके पंजा में फंसी लड़कियों का महीनों गैंगरेप होता रहता था.

कौन बना रहै है फिल्म
 इस कहानी पर वेब सीरीज 'अजमेर फाइल्स' बनाने की तैयारी कर रही कंपनी टिप्स ने अब इसे फिल्म के रूप में बनाने का फैसला किया है. टिप्स के चेयरमैन कुमार तौरानी के मुताबिक, 'अजमेर फाइल्स' को फिल्म के रूप में थियेटर में देखने का अपना एक अलग अनुभव होगा.’ तौरानी ने अभिषेक दुधैया के साथ पर लंबा विचार विमर्श किया. फिल्म के सह निर्माता व निर्देशक अभिषेक दुधैया कहते हैं,  'हम 'अजमेर फाइल्स' पर काम करके  बहुत खुश और उत्साहित हैं. इसकी पटकथा लगभग पूरी हो चुकी है.अब जब इसे बड़े पर्दे के लिए बनाया जा रहा है तो मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह दर्शकों को बांधे रखेगी.यह एक ऐसी कहानी है जो दर्शकों के  दिलों  को झकझोर कर रख देगी.

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