संदीप व्यास, बूंदी: इंदरगढ़ क्षेत्र में सवाई माधोपुर मार्ग पर बजरी की रंजिश के चलते एक होटल व्यवसायी के साथ सवाई माधोपुर के आठ दस लोगों ने मारपीट की और होटल व्यवसायी को जान से मारने की नीयत से फायरिंग भी की. होटल के कर्मचारियों के व्यवसायी को बचाने की कोशिश की गई, जिसके चलते उसकी जान बच सकी. हालांकि वारदात में होटल व्यवसायी बुरी तरीके से घायल है.
मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. पीड़ित का आरोप है कि पुलिस मामले को दबाने में लगी है. 6 दिन बीतने के बाद भी पुलिस ने मामले में कार्रवाई न करते हुए दबाने की कोशिश की. इधर घटना से पूरे इलाके में तनाव का माहौल है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, मामला मोनिका होटल के मालिक जगराम मीणा से जुड़ा है. व्यवसायी ने बताया कि वह होटल के सामने खड़ा था. इसी दौरान दो कार मे सवार लोगों ने उसे जान से मारने की कोशिश की. पहले तो कार से टक्कर मारने का प्रयास किया और बाद में हथियारों से हमला कर दिया. हमले में जगराम के चोट लगी. वह जमीन पर गिर गया. इस बीच हमलावरों ने फायरिंग शुरू कर दी. लोगों ने इधर-उधर बचकर जान बचाई. बाद मे मौके पर पुलिस पहुंची तथा घायल को अस्पताल पहुंचाया. पुलिस ने मौके से कारतूस के खाली खोखे भी बरामद किए हैं.
पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. पीड़ित जगराम का कहना है कि पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी में कैद है. वहीं हमलावरों की पहचान होने के बावजूद पुलिस ने ठोस कार्यवाई नहीं की है. 6 दिन बीतने के बात भी पुलिस के हाथ खाली है. पीड़ित का कहना है कि पहले तो पुलिस ने पूरे मामले को ही मीडिया से छिपा लिया परन्तु सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल होने पर वारदात होने की पुष्टि हो रही है.
क्या हो सकती है हमले की वजह
इस वारदात के पीछे अवैध रेत का कारोबार मुख्य कारण बताया जा रहा है. गौरतलब है कि इंदरगढ़ क्षेत्र में रेत के अवैध कारोबार से जुड़ा हमला करने की यह तीसरी वारदात है, जिसमें हमलावर गाड़ियों मे आते हैं और फायरिंग कर चलते बनते हैं. दरअसल सवाई माधोपुर से ही जिले में अवैध रूप से रेत के ट्रकों का परिचालन होता है. इंदरगढ़ से जिले की सीमा शुरू होती है. हमलावरों को फरियादी पर मुखबिरी का संदेह है, जिसके चलते उसे निशाना बनाया गया. पिछले कुछ दिनों पहले ही पुलिस ने रेत से भरे ट्रकों को पकड़ा था, जिसके बाद इस हमले को अंजाम दिया गया.
कॉपी- सुमित सिंह