Things should be told to daughters before marriage: हर इंसान की जिंदगी में शादी एक ऐसा समय होता है, जब उसकी जिंदगी पूरी तरह से बदल जाती है. लड़की हो या लड़का शादी के बाद हर किसी की जिंदगी काफी चीजों को लेकर बदलती है लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताएंगे, जिन्हें आपको अपनी बेटी को शादी से पहले जरूर बता देनी चाहिए. जी हां, अपनी बेटी को किसी के घर की लक्ष्मी बनने से पहले अगर आप यह बातें समझाते हैं तो यह उसकी जिंदगी के लिए काफी अच्छा माना जाएगा.
दरअसल कई लड़कियां शादी के बाद पति, बच्चों, गृहस्थी में इस तरह से पड़ जाती हैं कि वह अपनी पहचान ही खो देती हैं. ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि वह अपनी बेटी को इंडिपेंडेंट रहने और अपनी पहचान बनाए रखने की अहमियत समझाएं, जिससे कि वह अपनी पहचान खोने से बचें.
सभी माता-पिता को चाहिए कि वह अपनी बेटी को यह समझाएं कि आत्मसम्मान बेहद जरूरी चीज होती है. उससे बढ़कर कुछ भी नहीं होता है. जब भी बेटी को विदा करने की घड़ी आए, उससे पहले उसे समझाएं कि एडजस्ट करने की हद होती है. कई बार पति और दूसरे रिश्तों को खुश करने के लिए लड़कियां इस कदर एडजस्ट करती हैं कि वह खुद की खुशियों को भी खो देती हैं.
बेटी की विदाई से पहले उसको समझाएं कि रिश्ते या मर्यादा के लिए शारीरिक या भावनात्मक रूप से हिंसा सहना गलत होता है. अगर वह सही हैं तो पेरेंट्स उसके हमेशा साथ देंगे.
कई बार शादी के बाद लड़कियां कम कर में इतना ज्यादा व्यस्त हो जाती हैं कि वह खुद के लिए समय ही नहीं निकाल पाती हैं. ऐसे में उन्हें समझाएं कि सबको समय देने के साथ-साथ खुद के लिए भी समय जरूर निकालें. इससे उनकी जिंदगी खुशहाली रहेगी.
शादी के बाद कई लड़कियों को ससुराल में कई जगह पर त्याग करना होता है. कभी पत्नी, कभी बहू, कभी भाभी तो चाची बनकर. उसे यह त्याग आजीवन करना पड़ता है लेकिन बेटी को समझाएं कि हर बात पर खुद ही आगे ना बढ़े. कभी-कभी दूसरों को भी इस त्याग का मौका दें.
कई बार कुछ लड़कियां बेहद ही शर्मीली होती हैं. ऐसे में वह किसी भी काम के लिए किसी को मन नहीं कर पाती हैं. ऐसे में उन्हें बताएं कि हर बात के लिए हां बोलना ठीक नहीं है. कहीं कहीं पर ना बोलना भी उनके लिए अच्छा होता है.
जब भी बेटी को विदा करें उससे पहले उसे समझाएं कि वह शादी करके अपने ही घर जा रही है, जेल नहीं. इसलिए ऐसा ना हो कि नए रिश्ते निभाने के चक्कर में वह पुराने रिश्ते को बिल्कुल ही इज्जत और सम्मान ना दे. कभी भी वह अपने पुराने दोस्तों और संबंधियों से बात करना ना छोड़े. उनसे बात करते रहने मिलते रहने से उसकी खुशी बनी रहती है.
वैसे तो बेटियों को पराया धन कहा जाता है लेकिन कहते हैं कि उनका असली घर ससुराल होता है लेकिन जब बेटी को विदा करें तो उसे यह भी यकीन दिलाएं कि वह हमेशा उसके साथ हैं. ऐसा नहीं है कि विदाई के बाद उसे घर से उसका नाता हमेशा के लिए टूट गया है.
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