राजस्थान के नागौर सांसद बेनीवाल ने मंगलवार को लोकसभा में दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी का मुद्दा उठाया और सरकार से बच्चों के मुफ्त इलाज की मांग रखी.
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Jaipur: राजस्थान के नागौर सांसद बेनीवाल ने मंगलवार को लोकसभा में दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी का मुद्दा उठाया और सरकार से बच्चों के मुफ्त इलाज की मांग रखी. बेनीवाल ने अपने संसदीय क्षेत्र के इसी बीमारी से पीड़ित बच्चें का जिक्र करते हुए कहा कि उसके इलाज के लिए इंजेक्शन की जरूरत है जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है और कहा कि इंजेक्शन उपलब्ध कराने वाली कंपनियों की मोनोपॉली के चलते इसकी कीमत बहुत अधिक है. इस वजह से चाहते हुए भी ऐसे जरूरतमंदो की सहायता नहीं कर पा रहे हैं. बेनीवाल ने कहा कि ऐसे बच्चों का मुफ्त में इलाज कराया जाए.
इस बीमारी के बारे में बताया कि 'स्पाइन मस्कुलर एट्रोफी टाइप 1 से, बच्चे के शरीर में पानी की कमी होने लग जाती है. बच्चा स्तनपान नहीं कर पाता और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी में धीरे-धीरे इंसान के शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं. एक समय ऐसा आता है जब बच्चा मौत के आगोश में आ जाता है. साथ ही सांसद ने दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर याचिका में सरकार के प्रस्तुत आंकडों और लोकसभा में इसी मामले में प्रस्तुत जवाब में व्याप्त विसंगति को लेकर भी स्वास्थ्य मंत्री का ध्यान आकर्षित किया. साथ ही ऐसी बीमारियों के इलाज के लिए भारत में अनुसंधान को बढ़ावा देने की मांग रखी.
आपकों बता दें कि तनिष्क, 15 महीने का है लेकिन अब तक सहारा देने के बाद भी अपने पैरों पर खड़ा नहीं रह सकता. यहां तक कि सीने की मांसपेशियों में इतनी ताकत भी नहीं बची है कि वह अच्छे से पूरी सांस ले सके. ईश्वर ने उसे मस्तिष्क दिया है, बोली भी दी है, लेकिन एक जीन नहीं दिया. यह जीन शरीर में खास किश्म का प्रोटीन बनाता है, जिससे शरीर की सारी मांसपेशियां काम करती है. इस जीन के बिना तनिष्क का जीवन अधूरा है. केवल एक इंजेक्शन, तनिष्क की सारी समस्या का समाधान है लेकिन इस एक इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपये है, जो तनिष्क के माता-पिता के लिए जुटा पाना आसान नहीं है.
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राजस्थान के नागौर जिले में छोटे से गांव नड़वा ( Narwa) के रहने वाले दीपिका कंवर और शैतान सिंह की इकलौती संतान तनिष्क जो ( Spinal Muscular Atrophy Type-1) स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी टाइप-1 दुर्लभ बीमारी से ग्रहसित हैं. परबतसर जैसे छोटे से कस्बे में वकील के तौर पर काम करने वाले शैतान सिंह ने बताया कि जब वह चार-पांच महीने का था, तभी से यह समस्या शुरू हई थी. पहले बीमारी का हमें पता नहीं चला, लेकिन बाद में जे.के. लोन हॉस्पिटल जयपुर के पीडियाट्रिक डॉ. प्रियांशु माथुर ने देखा तो बता दिया कि तनिष्क सिंह एसएमए की बीमारी से पीड़ित है. शैतान सिंह ने कहा कि अभी तक तनिष्क को व्यायाम के सहारे से हम नियंत्रण करके रखे हुए हैं, ताकि उसके शरीर की सभी मांसपेशियां सक्रिय रहे, पूरे दिन में तीन से चार घंटे फेमिली वाले बारी-बारी से उसके शरीर की मांसपेशियों की एक्सरसाइज कराते हैं शैतान सिंह ने कहा कि इसका इलाज दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन जोल्गेन्स्मा (Zolegensma) है.
हैदराबाद के तीन साल के अयांश गुप्ता जो दुर्लभ स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से जूझ रहा था 9 जून को अयांश को जिंदगी का उपहार मिला है. उसके लिए क्राउड फंडिंग से पैसा जुटाया गया था. उसके बाद से ही तनिष्क के माता-पिता के हिम्मत के साथ उम्मीद जगी है.