Trending Photos
Jhunjhunu: रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग के बीच यूक्रेन में फंसे राजस्थान के छात्र-छात्राओं का वीडियो आ रहा है. वीडियो के जरिए वो वहां के रुह कपां देने वाले हालात के बारे में बता रहे हैं और वहां से निकलने के लिए भारत सरकार से गुहार लगाते दिख रहे हैं. ऐसा ही एक वीडियो झुंझुनूं की रहने वाली राधिका शर्मा और कमलेश जाखड़ ने भेजा है.
यह भी पढ़ें: Russia-Ukraine War: राजस्थान सरकार ने यूक्रेन से लौटने वाले छात्रों को दी ये बड़ी सुविधा
यूक्रेन में फंसे झुंझुनूं जिले के मेडिकल स्टूडेंट डरे हुए हैं. राजधानी कीव में युद्ध की वजह से हर कोई सहमा हुआ है. रह-रह कर धमाकों की आवाज आ रही है. झुंझुनूं की राधिका शर्मा और कमलेश जाखड़ ने वीडियो जारी कर मदद की गुहार लगाई है. राधिका शर्मा विनित्सा शहर में विनित्सा मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट है. राधिका ने बताया कि हॉस्टल में सभी स्टूडेंट डरे हुए है. हमले के बाद डेंजर जोन होने से फ्लाइट कैंसल हो गई है. मैं और मेरे साथ कुछ अन्य स्टूडेंट हॉस्टल में हैं. विनित्सा शहर में इमरजेंसी अलर्ट जारी किया गया है. शहर में केवल सैन्य गाड़ियों और सायरन की आवाज सुनाई दे रहे है.
सायरन और बम धमाकों की आ रही आवाजें
उन्हें कीव शहर में हमले के बाद सायरन की आवाज के बाद अंदर ग्राउंड बंकर में छुपने के निर्देश दिए गए है. इमरजेंसी सायरन के बाद बंकर में जाकर छिप जाते हैं. इमरजेंसी गाइड लाइन में उन्हें खाने पीने के समान का स्टोर करने और जरुरी कागजात साथ रखने के निर्देश दिए हैं. शहर बाजार में सामान के लिए खासी भीड़ थी. स्टूडेंट के पहुंचने तक सामान खत्म हो गया था. राधिका शर्मा ने वीडियो में जल्द से उन्हें वतन वापसी करवाने को लेकर सरकार से गुहार लगाई है. वहीं झुंझुनूं के कमलेश जाखड़ ने वीडियो में जानकारी देते हुए बताया कि रोमानिया जाने के लिए कहा गया है.
ATM में कैश नहीं है, बाजार में राशन नहीं
उन्हें वहां से भारत लेकर जाया जाएगा. मगर रोमानिया के लिए पहुंचना मुश्किल हो रहा है. टैक्सी वाले अधिक रुपए वसूल रहे हैं. वहीं नकद राशि की दिक्कत भी है. एटीएम से नकद निकासी नहीं हो पा रही है. उन्होंने बताया कि रोमानिया पहुंचने के बाद इन्हें रोमानिया से एयरलिफ्ट किया जाएगा. अगले दो- तीन दिन में देश लौटने वाले सभी छात्रों को एयरलिफ्ट कर दिया जाएगा. मगर हमलों की वजह से यहां दहशत का माहौल है. हर कोई खाने पीने के सामान की व्यवस्था कर रहा है. खाने पीने के सामान भी अब कम होने लगा है. उनके पास केवल दो दिन का राशन बचा है और उन्हें पता नहीं कितने दिन रुकना पड़ेगा. दूतावास ने एडवाइजरी की है कि हवाई हमले एवं बम की चेतावनी का सायरन बजने पर बंकरों में छुपकर रहे. इधर, सांसद नरेंद्र कुमार ने भी कहा है कि वे लगातार फंसे हुए विद्यार्थियों को वापिस लाने के लिए कोशिश कर रहे है.
Reporter: Sandeep kedia