Ashok gehlot cabinet : अशोक गहलोत कैबिनेट में फैरबदल के कयास लगाए जा रहे है. सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट गुट के कई मंत्री बनाए जा सकते है. तो रघु शर्मा जैसे नेताओं की रीएंट्री हो सकती है. 4-5 मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है. इस समय बीकानेर, जयपुर, भरतपुर और दौसा जिलों से सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व है. तो उदयपुर, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ के अलावा सीकर और टोंक समेत कई जिलों में बिल्कुल हिस्सेदारी नहीं है.
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Ashok gehlot cabinet : सचिन पायलट किसान सम्मेलन के जरिए शक्तिप्रदर्शन कर रहे है. अशोक गहलोत भी जयपुर में चिंतन शिविर के बाद पंजाब से सटे श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ दौरे पर निकल गए है. 8 फरवरी को राजस्थान बजट पेश किया जाएगा. साल के आखिर में विधानसभा चुनाव है. ऐसे में माना जा रहा है कि गहलोत कैबिनेट में फेरबदल हो सकता है. प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कुछ दिन पहले ही सभी विधायकों से एक एक कर बात की थी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को राजस्थान से जुड़ा फीडबैक दिया गया है. ऐसे में सियासी गलियारों में कयास लगाए जा रहे है कि गहलोत कैबिनेट में बदलाव हो सकता है.
राजस्थान में जयपुर, भरतपुर, बीकानेर और दौसा जैसे ऐसे भी जिले है जहां से सत्ता में ज्यादा भागीदारी है. तो 9 जिले ऐसे है जहां एक भी मंत्री नहीं है. इसमें उदयपुर, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिले दक्षिण राजस्थान के शामिल है. बीकानेर संभाग में हनुमानगढ़, चूरू और श्रीगंगानगर से कोई मंत्री नहीं है. अजमेर संभाग में अजमेर और टोंक से मंत्री नहीं है. भरतपुर में धौलपुर और सवाई माधोपुर जिलों से प्रतिनिधित्व नहीं है. इसके अलावा सिरोही और सीकर जिलों से भी कोई मंत्री नहीं है.
टोंक और सीकर जिलों से पहले प्रतिनिधित्व था. लेकिन बाद में खत्म हो गया. सीकर जिले से गोविंद सिंह डोटासरा शिक्षा मंत्री थे. उनको पीसीसी चीफ बनाने के बाद मंत्री पद छोड़ना पड़ा. टोंक से सचिन पायलट पंचायती राज मंत्री थे. लेकिन 2020 में हुए सियासी प्रकरण में उनकी भी छुट्टी कर दी गई.
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डोटासरा के अलावा हरीश चौधरी और रघु शर्मा को भी संगठन में जिम्मेदारी दी गई थी. जिसके बाद दोनों नेताओं ने खुद ही सोनिया गांधी को पत्र लिखकर मंत्री पद छोड़ा था. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि रघु शर्मा को एक बार फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है.
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इसके अलावा माना जा रहा है कि सचिन पायलट के करीबी दीपेंद्र सिंह शेखावत, सीएम गहलोत के सलाहकार राजकुमार शर्मा, जाट लीडर नरेंद्र बुढ़ानिया, महादेव सिंह खंडेला, गुरमीत सिंह कुन्नर और मंजू मेघवाल को मंत्री बनाया जा सकता है. पिछले कैबिनेट फेरबदल में 11 कैबिनेट और 4 राज्यमंत्रियों ने शपथ ली थी. इसमें रामलाल जाट, महेश जोशी, हेमाराम चौधरी, रमेश मीणा, ममता भूपेश, विश्वेंद्र सिंह, टीकाराम जूली, भजनलाल जाटव, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, शकुंतला रावत और गोविंदराम मेघवाल अशोक गहलोत सरकार में मंत्री बने थे.