सहायक न्यायिक कर्मचारी संघ: बेगारी प्रथा पर लगाई पाबंदी, न मानने पर जाना होगा HC
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सहायक न्यायिक कर्मचारी संघ: बेगारी प्रथा पर लगाई पाबंदी, न मानने पर जाना होगा HC

Jaipur: न्यायिक कर्मचारी  सुभाष मेहरा की मौत की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर प्रदेशभर की अदालतों में 22 वें दिन भी कामकाज पूरी तरह से ठप रहा ,

सहायक न्यायिक कर्मचारी संघ: बेगारी प्रथा पर लगाई पाबंदी, न मानने पर जाना होगा HC

Jaipur: न्यायिक सहायक कर्मचारी सुभाष मेहरा की न्यायिक अधिकारी के घर आत्मदाह से जुडे मामले में अब सहायक न्यायिक कर्मचारी संघ भी खुलकर सामने आ गया है. कर्मचारी संघ ने सभी सहायक कर्मचारियों को पाबंद किया है कि रोजाना धरना स्थल पर पहुंचे. धरना स्थल पर सुबह और शाम के वक्त उनकी उपस्थिति दर्ज की जाएगी. यदि वे उपस्थित नहीं होते हैं या सामूहिक अवकाश की अवधि में उसका वेतन बनता है तो यह माना जाएगा कि संबंधित कोर्ट के पीठासीन अधिकारी उससे अपने घर बेगारी करा रहे हैं और मामले की हाईकोर्ट में शिकायत भेजी जाएगी.

 

 सहायक कर्मचारी संघ की ओर से सुप्रीम कोर्ट को लिखे पत्र में कहा गया कि सहायक कर्मचारी सुभाष मेहरा न्यायिक अधिकारी के घर झाडू, पोछा और साफ सफाई का काम करता था और इसके चलते उसकी हत्या हुई है.

इसके बावजूद भी सहायक कर्मचारी कोर्ट के पीठासीन अधिकारियों के घरों में बेगार प्रथा से त्रस्त हैं. यहां उन पर विभिन्न तरीकों से दबाव डालते हुए प्रताड़ित कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है और उसमें अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है.

गौरतलब है कि मामले में पुलिस की ओर से आत्मदाह की घटना बताने के बाद न्यायिक कर्मचारी संघ ने एनडीपीएस कोर्ट के पीठासीन अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कर्मचारी संघ का कहना है कि एनडीपीएस कोर्ट के न्यायाधीश कोर्ट के सहायक कर्मचारी सुभाष मेहरा को जबरन अपने घर रखते थे और उससे कपड़े-बर्तन धोना, खाना बनाना और शौचालय की सफाई आदि कराने का काम कराते थे. न्यायाधीश उसे घर पर बंधक बनाकर रखते थे और उसे कभी कोर्ट नहीं आने देते थे. न्यायिक कर्मचारी संघ ने कई बिन्दुओं पर पुलिस जांच पर भी सवाल उठाए हैं.

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