Diwali 2024: 31 अक्टूबर को अमावस्या शाम 4 बजे से शुरू होकर 1 1 नवंबर को शाम को रहेगी. इसके चलते देश में ज्यादातर राज्यों में 31 अक्टूबर को दीपावली मनाई जा रही है. जानें पूजा का शुभ मुहूर्त.
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Diwali 2024: आज यानी 31 अक्टूबर को दिवाली की त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. मिठाइयों की दुकाने, घर सज गए हैं. 31 अक्टूबर को अमावस्या शाम 4 बजे से शुरू होकर 1 1 नवंबर को शाम को रहेगी. इसके चलते देश में ज्यादातर राज्यों में 31 अक्टूबर को दीपावली मनाई जा रही है.
इस बार यानी 31 अक्टूबर 2024 को कई ऐसे योग भी बन रहे हैं, जो लक्ष्मी पूजन से लेकर नए कामों की शुरुआत के काफी शुभ बताए जा रहे हैं. पंडितों के अनुसार, दिवाली की शाम को समृद्धि देने वाले 4 राजयोग बन रहे हैं, जो शश, कुलदीपक, शंख और लक्ष्मी योग हैं. इन योगों से महापर्व का शुभ फल और बढ़ रहा है.
लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
गृहस्थों के लिए
शाम को 5:00 से 6:30 बजे तक
शाम को 5: 37 से 7:00 बजे तक
शाम को 7:15 से रात 8:45 बजे तक
विद्यार्थियों के लिए
शाम 6:48 से रात 8: 48 बजे तक
व्यापारियों के लिए
शाम को 7:15 से 8:45 बजे तक
शाम को 1:15 से 3:37 बजे तक
किसानों के लिए
शाम 5:45 से 7: 15 बजे तक
दिवाली की साम्रगी
राम दरबार
शिवलिंग
दवात और कलम
चांदी का सिक्का
नारियल
कलश
लकड़ी की चौकी
लाल कपड़ा
गंगाजल
घी
शहद
दही
शक्कर
चंदन
चावल
हल्दी
कुमकुम
कमल
इत्र
हल्दी की गांठ
फूल माला
फल
लौंग
तेल
सुपारी
कपूर
खील बताशे
मिट्टी के दीपक
लक्ष्मी की पूजा विधि
दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन से पहले एक बार साफ-सफाई करें. घर के वातावरण को शुद्ध और पवित्र करने के लिए सभी चीजों पर गंगाजल छिड़के.
इसके बाद घर के मुख्य दरवाजे पर रंगोली बनाएं. दरवाजे के दोनों हिस्सों में स्वास्तिक और शुभ-लाभ लगाएं.
फिर शाम के समय लक्ष्मी जी की पूजा के लिए सबसे पहले पूर्व दिशा या फिर ईशान कोण में एक चौकी रखें और लाल कपड़ा बिछाएं.
सबसे पहले गणेश स्तुति और वंदना करें. फिर गणेश जी को फूल, चावल, गंध, फल और भोग लगाएं.
भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हुए मां लक्ष्मी को सिंदूर चढ़ाएं.
फिर आरती करें. आरती और मंत्रों का जाप कर दीपक जलाएं.
महालक्ष्मी की पूजा के बाद तिजोरी और बहीखाते की पूजा करें.
डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.