Jaipur News: राजस्थान में नया साल उज्जवला और बीपीएल गैस कनेक्शनधारियों के लिए भी खुशियां लेकर आएगा. इन दोनों कैटेगिरी के लाभार्थियों को रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना के तहत 450 रुपये में सिलेंडर मिलेगा.
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Jaipur News: नया साल उज्जवला और बीपीएल गैस कनेक्शनधारियों के लिए भी खुशियां लेकर आएगा. इन दोनों कैटेगिरी के लाभार्थियों को रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना के तहत 450 रुपये में सिलेंडर मिलेगा. गहलोत सरकार में 500 रुपये और अब राज बदलने के बाद राजस्थान में भाजपा की भजनलाल सरकार उज्जवला और बीपीएल गैस कनेक्शनधारियों को 1 जनवरी से 450 रुपये में सिलेंडर देना शुरू कर देगी.
विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था, जिसे बाद में सरकार ने अपने 100 दिवस के संकल्प पत्र में भी शामिल किया है, जिस पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने फाइल को मंजूरी दे दी है.
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राजस्थान में उज्जवला और बीपीएल गैस कनेक्शनधारियों को नए साल की 1 जनवरी से 450 रुपये में सिलेंडर मिलेगा. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के ऐलान के बाद इसे अमलीजामा पहनाने की शुरुआत हो गई. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने टोंक में एक कार्यक्रम में इसका ऐलान भी कर दिया है. खाद्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक एक जनवरी से उज्जवला और बीपीएल गैस कनेक्शनधारियों को एलपीजी सिलेण्डर 450 रुपये में देना शुरू कर देगी. घोषणा पत्र में शामिल इस घोषणा को राज्य सरकार ने अपने 100 दिवस के संकल्प पत्र में भी शामिल किया. राज्य सरकार के इस ऐलान के बाद राज्य के वित्तीष कोष पर हर महीने 50 से 52 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा. वर्तमान में तेल-गैस कंपनियां 14.2 किलोग्राम का रसोई गैस सिलेण्डर 906 रुपये में उपलब्ध करवा रही हैं.
70 लाख उज्जवला और बीपीएल कनेक्शनधारी
केन्द्र सरकार की ओर से उज्जवला कनेक्शनधारियों को 300 रुपये की रिबेट या कहे सब्सिडी दी जाती है. राज्य में वर्तमान में 70 लाख उज्जवला और बीपीएल कनेक्शनधारी हैं. इसमें करीब 66 लाख उज्जवला के हैं जबकि 3.96 लाख बीपीएल कनेक्शनधारी हैं. केन्द्र सरकार की ओर से उज्जवला कनेक्शनधारियों को 300 रुपये सब्सिडी देने के बाद राज्य सरकार को 156 रुपये सब्सिडी अलग से देनी पड़ेगी. इसी तरह बीपीएल गैस कनेक्शधारियों को केंद्र सरकार की ओर से कोई सब्सिडी नहीं मिलती है इसलिए 456 रुपये सब्सिडी का पैसा राज्य सरकार को ही वहन करना पड़ेगा. राज्य में वर्तमान में उज्जवला और बीपीएल कनेक्शनधारियों की तरफ से 30 लाख सिलेंडर हर माह रिफिल करवाए जा रहे है.
योजना के तहत महीने में अधिकतम एक सिलेंडर और सालाना 12 सिलेंडर ही सस्ता मिलेगा. इसके लिए उपभोक्ताओं को पहले सिलेंडर की पूरी कीमत का भुगतान करना होगा. इसके बाद 450 रुपये सिलेंडर के हिसाब से बाकी की राशि उपभोक्ता के बैंक खाते में डाल दी जाएगी. इस बीच यदि सिलेंडर की कीमत में किसी भी तरह का बदलाव हुआ तो प्रतिपूर्ति की राशि उसी अनुपात में हो जाएगी.
गौरतलब है कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने इन कनेक्शनधारियों को 500 रुपये में सिलेण्डर देने की शुरूआत की थी,जो एक अप्रैल 2023 से लागू हुई थी लेकिन अब भजनलाल सरकार इस सिलेण्डर को 50 रुपये और सस्ता करने जा रही है. इसकी शुरूआत एक जनवरी से की जा सकती है.
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में जुड़ने के लिए नए आवेदन आना शुरू
उधर भाजपा के 450 रुपये में सिलेंडर देने के घोषणा पत्र और संकल्प पत्र में शामिल करने के बाद प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में जुड़ने के लिए नए आवेदन आना शुरू हो गए हैं. भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में उज्ज्वला योजना में जुड़े उपभोक्ताओं को 450 रुपये में घरेलू गैस सिलेंडर देने का वादा किया है. ऐसे में बड़ी संख्या में उज्ज्वला योजना में आवेदन करने वालों की भीड़ उमड़ रही हैं हालांकि केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय के आदेश के अनुसार लाभार्थियों को जांच के बाद ही योजना में जोड़ा जाएगा. इसके लिए जिलास्तरीय जांच कमेटी बनाई जाएगी, जो आवेदन करने वाले व्यक्ति व उसके परिवार की जांच करेगी.
ई-केवायसी कराने के लिए गैस एजेंसियों पर भीड उमड़ रही
कमेटी का अध्यक्ष कलेक्टर को बनाया गया है. अभी पूर्व में जुड़े उज्ज्वला उपभोक्ताओं की केवाईसी की जा रही है ताकि एक ही नाम पर चल रहे दो या ज्यादा कनेक्शन को चिन्हित किया जा सके. सब्सिडी वास्तविक उपभोक्ताओं को ही मिले, इसलिए ई-केवाईसी करा रही है. इससे किसी के पास एक से अधिक कनेक्शन हैं तो उसे एक पर ही सब्सिडी सुनिश्चित होगी. हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत गैस और इंडियन ऑयल तीन ही कंपनियों के गैस सिलेण्डर धारकों को अंगूठा या फिर चेहरे के आधार पर ई-केवायसी कराने के लिए गैस एजेंसियों पर भीड उमड़ रही है. इनमें बैंक खाता और आधार कार्ड भी जोड़ा जा रहा है. कहा जा रहा है कि ये ई-केवायसी से केन्द्र व राज्य सरकार की सब्सिडी सीधे बैंक खाते में पहुंचेगी. इसके लिए गैस एजेंसियों पर बायोमेट्रिक मशीन के जरिए फिंगरप्रिंट या आंखों की स्कैनिंग की जा रही हैं. डीबीटी से जुड़े सभी घरेलू गैस उपभोक्ताओं को अपना बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण कराना होगा. इसको लेकर तेल और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने पिछले दिनों निर्देश जारी किया है. केंद्र सरकार ने पूर्व में हर वर्ग को सब्सिडी दी थी. बाद में इसे बंद कर सिर्फ उज्ज्वला योजना के उपभोक्ताओं को दी गई.
सांस की बीमारियों की शिकार हो रही थीं महिलाएं
बहरहाल, उज्जवला योजना की शुरूआत 2016 में हुई. ग्रामीण क्षेत्र की ऐसी जरूरतमंद व गरीब महिलाएं, जो चूल्हे पर खाना बनाने की वजह से धुएं आदि की वजह से सांस की बीमारियों की शिकार हो रही थीं. उन्हें केंद्र सरकार ने उज्जवला योजना के तहत नि:शुल्क गैस कनेक्शन दिए लेकिन सिलेंडर के दाम ज्यादा होने की वजह से यह गरीब महिलाएं सिलेंडर रिफिल कराने में अक्षम रहीं. गैस चूल्हे और सिलेंडर को एक तरफ उठाकर रख दिया है और मिट्टी के चूल्हे, सिगड़ी और अंगीठी पर रोटियां पकाना शुरू कर दिया लेकिन अब फिर से सिलेंडर सस्ता होने के बाद चूल्हे सिगड़ी व अंगीठी की जगह गैस सिलेंडर रिफलिंग करवाने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है.