एक तीर से कई निशाना साध रहे CM गहलोत, क्यों बेरोजगारों के आंदोलन को बताया सियासी रंग
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एक तीर से कई निशाना साध रहे CM गहलोत, क्यों बेरोजगारों के आंदोलन को बताया सियासी रंग

Ashok Gehlot : 

एक तीर से कई निशाना साध रहे CM गहलोत, क्यों बेरोजगारों के आंदोलन को बताया सियासी रंग

Ashok Gehlot : देश में इस समय हर व्यक्ति की नजर तीन प्रमुख मुद्दों पर बनी हुई है, जिसमें पहले नम्बर पर आती है राजस्थान में चल रहे राजनीतिक उठा-पटक का घटनाक्रम, तो दूसरा राजस्थान के बेरोजगारों का गुजरात में पिछले 5 दिनों से चल रही दांडी यात्रा. तो वहीं तीसरा देश में राहुल गांधी द्वारा निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा, वैसे तो ये तीनों की घटनाक्रम एक-दूसरे से बिल्कुल विपरीत नजर आते हैं, लेकिन आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दिए गए बयान के बाद लगता है की जल्द ही किसी मोड पर ये तीनों घटनाक्रम एक साथ टकराते हुए नजर आएंगे और ये टकराव जल्द ही देखने को मिल सकता है.

क्या टकराव से लोगों के ध्यान को हटाने की कोशिश
राजस्थान में राजनीति के इस घटनाक्रम के बीच अब मुख्यमंत्री का बयान काफी चर्चाओं में है, और इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं, क्या मुख्यमंत्री का बयान राजस्थान में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम से लोगों की ध्यान भटकाने वाला तो नहीं, या फिर बेरोजगारों की दांडी यात्रा को विपक्ष द्वारा प्रायोजित बताकर आंदोलन का पूरा ठिकरा भाजपा के सिर फोड़ने की कोई रणनीति तो नहीं, बेरोजगारों ने भारत जोड़ो यात्रा के विरोध की चेतावनी दी है. ऐसे में अगर बेरोजगारों द्वारा भारत जोड़ो यात्रा का विरोध किया जाता है तो इसका आने वाले समय में इसको भाजपा द्वारा प्रायोजित करार दिया जा सके ? ऐसे में मुख्यमंत्री और आलाकमान के बीच जो शीतयुद्ध चल रहा है उसमें आगे कोई और गर्माहट पैदा ना हो इससे भी बचा जा सके?

आखिर भीलवाड़ा दौरे के दौरान क्या कह दिया मुख्यमंत्री गहलोत ने
सबसे पहले हम बात करेंगे भीलवाड़ा दौरे के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दिए गए बयान की. राजस्थान के बेरोजगारों ने 2 अक्टूबर से अपनी 20 सूत्री मांगों को लेकर गुजरात के पालनपुर से अहमदाबाद तक 150 किलोमीटर की दांडी यात्रा की शुरूआत की है, जो 8 अक्टूबर को पूरी होने जा रही है, लेकिन आज भीलवाड़ा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बयान दिया कि राजस्थान के बेरोजगारों का गुजरात में किया जा रहा आंदोलन पूरी तरह से भाजपा द्वारा प्रायोजित है, साथ ही बीजेपी नेताओं द्वारा उनको वहां भेजा गया है, ऐसे में अब मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद दांडी यात्रा में शामिल राजस्थान के बेरोजगारों में भारी आक्रोश है, और उन्होंने अहमदाबाद कांग्रेस कार्यालय पर सत्याग्रह अनशन के साथ ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का विरोध करने की भी चेतावनी दे डाली है.

राहुल गांधी निकाल रहे 3500 किलोमीटर लम्बी भारत जोड़ो यात्रा
विभिन्न मुद्दों को लेकर राहुल गांधी द्वारा 7 सितम्बर को भारत जोड़ो यात्रा की शुरूआत कन्याकुमारी से की गई. 150 दिनों तक लगातार चलने वाली इस यात्रा में करीब 3500 किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा, साथ ही ये भारत जोड़ो यात्रा देशभर के 12 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में जाएगी और इस समय कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा निकाली जा रही है.

राजस्थान का राजनीतिक घटनाक्रम
अब हम बात करेंगे राजस्थान में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम की. देश में इस समय अगर इस समय कोई घटनाक्रम सबसे ज्यादा हाईलाइट है तो वो है राजस्थान का राजनीतिक घटनाक्रम. राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की जो आहट हुई, उसके बाद जो राजनीतिक ड्रामा शुरू हुआ उस चिंगारी की धूंआ अभी भी नजर आ ही रही है. पहले मुख्यमंत्री और सचिन पायलट की दूरी तो उसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विधायकों का सीधा कांग्रेस आलाकमान से टक्कर लेना, और उसके बाद मुख्यमंत्री का अपने विधायकों का साथ नहीं छोड़ने का बयान देना. जिसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और आलाकमान के बीच भी दूरियां बढ़ती हुई नजर आ रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान को कई मायनों में देखा जा रहा है. जिसका कोई गूढ़ रहस्य भविष्य की गर्त में छिपा है.

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